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Ragi ke Fayde: रागी खाने वाला एक मोटा अन्न है जो अनेक प्रकार के पोषक पदार्थ से युक्त और ऊर्जा प्राप्त करने का काफी अच्छा स्त्रोत है। कई लोग इसे मंडुआ के नाम से भी जानते हैं। प्रायः रागी के आटे को गेहूं के आटे में मिलाकर प्रयोग में लाया जाता है और देश भर में इससे कई तरह के व्यंजन तैयार किए जाते हैं। रागी का पौधा लगभग 1 मीटर तक ऊंचा होता है, इसके फल गोलाकार अथवा चपटे तथा झुर्रीदार होते हैं। रागी के बीज गोलाकार, गहरे-भूरे रंग के और चिकने होते हैं। इसकी बीज झुर्रीदार और एक ओर से चपटी होते हैं। रागी से उपमा, सूप, बिस्किट्स, डोसा आदि बनाए जाते हैं और लोग बहुत चाव से इन्हें खाते हैं। कम ही भारतीय इसके स्वास्थ्य लाभ और पोषण संबंधी मूल्य के बारे में जानते हैं। यदि आप उन लोगों में से हैं जो अपने आहार में रागी को शामिल करने के लाभों से अनजान हैं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं रागी के कई सारे फायदों के बारे मे जिसे आपको जान लेना बेहद आवश्यक है।
वैसे तो रागी के सेवन के कई सारे फायदे हैं मगर सामन्य तौर पर इसके सेवन से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या खत्म होती है, साथ ही शारीरिक कमजोरी भी दूर हो जाती है और कफ दोष को ठीक किया जा सकता है। आप रागी का प्रयोग मूत्र रोग को ठीक करने और शरीर की गंदगी साफ करने के लिए भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं शरीर की जलन, त्वचा विकार, किडनी या पथरी की समस्या में भी मंडुआ का इस्तेमाल होता है।
अगर आप वजन कम करने के लिए कम वसा वाले आहार की तलाश कर रहे हैं तो रागी इसके लिये सर्वोत्तम जवाब होगा। असल मे रागी में जो प्राकृतिक वसा सामग्री है, वह अन्य सभी अनाजों से कम है। इसके अलावा यह वसा अपने असंतृप्त रूप में है। इसलिए गेहूं और चावल के बदले रागी लेना वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसमें ट्रिप्टोफन नामक एमिनो एसिड भी होता है जो भूख को कम कर देता है। इसके गुणों का लाभ उठाने के लिए इसे सुबह लेना सबसे अच्छा है ताकि आपका पेट पूरा दिन भरा रहे।
रागी को खाने से स्किन हमेशा जवां बनी रहती है। इसमें मौजूद एमिनो एसिड की मदद से स्किन टिशु झुकते नहीं है जिससे झुर्रियां नहीं पड़ती हैं। इसके अलावा रागी विटामिन-डी का भी अच्छा सोर्स है।
बढ़ते बच्चों के लिए यह बेहद फायदेमंद है। उन्हें यह रागी दलिया के रूप में दिया जा सकता है। रागी का आटा किसी भी अन्य अनाज की तुलना में कैल्शियम के सर्वोत्तम गैर-डेयरी स्रोतों में से एक है। भारत में राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार, 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है और जैसा कि हम जानते हैं कैल्शियम स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए महत्वपूर्ण है और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में मदद करती है।
रागी आयरन का अच्छा सोर्स है। इसलिए जिनको खून की कमी है और कम हिमोग्लोबिन वाले मरीजों के लिए यह लाभदायक है। अगर रागी को अंकुरित करके खाया जाए तो विटामिन-सी का लेवल बढ़ जाता है और आयरन शरीर में आसानी से पच जाता है और खून में आसानी से मिल जाता है।
बताया जाता है कि जो महिला अपने बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं, उनेहं अपने आहार में रागी को शामिल करना चाहिए। विशेष कर जब यह हरा होता है क्योंकि यह मां के दूध को बढ़ाता है और दूध को आवश्यक एमिनो एसिड, लोहा और कैल्शियम प्रदान करता है, जो मां और बच्चे के पोषण के लिये आवश्यक है।
आपको पता होना चहिये कि रागी में मौजूद ऐल्कलाइन तत्व पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने मे बेहद मददगार साबित होते हैं। यह खाने को जल्दी पचाने में मदद करता है।
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