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आखिर क्या फायदा होता है कान छिदवाने से, क्यों निभाई जाती है हिंदू धर्म में यह परंपरा

Kaan Chidwane ke Fayde: हिंदु धर्म में कान छिदवाने की परंपरा काफी पुरानी है। वैसे तो इस धर्म में ज्यादातर महिलाएं ही कर्णछेदन करवाती है। लेकिन हिन्दु घर्म से वास्ता रखने वाले कुछ ऐसे भी समुदाय हैं जिससे आने वाले पुरुष भी कानव छिदवाते हैं।
हालांकि कुछ पुरुष फैशन के् लिए भी अपने कान को छिदवाते हैं। लेकिन कई समुदाय में यह धार्मिक मान्यताओं के लिए किया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि धार्मिक मान्यताओं और फैशन के अलावा भी कान छिदवाने के कई सारे फायदे होते हैं। जी हां आयुर्वेद ऐसी मान्यता है कि कान छिदवाने से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन हेल्दी रहते हैं। इतना ही नहीं इससे शरीर का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। तो चलिए जानते हैं कि कान छिदवाने
से हमारे शरीर को और कौन-कौन से फायदे होते हैं।

कान छिदवाने के फायदे 7 अद्भुत फायदे

  • एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट की मानें तो कान के निचले हिस्से में Master Sensoral और Master cerebral नाम के 2    इयर लोब्स होते हैं। यही कारण है कि इस हिस्से के छिदने पर बहरापन की समस्या नहीं होती है, साथ ही बहरापन    दूर भी हो जाता है।
  • कान छिदवाने से आंखों की रौशनी भी ठीक होती है। एक्सपर्ट की मानें तो कानों के निचले हिस्से में एक ऐसा भी        प्वाइंट होता है जहां से आंखों से जुड़ी नसें गुजरती हैं। इस प्वाइंट को जब लोग छिदवाते हैं। तो इससे आंखों के
    के मरीजों के आखों की रौशनी तेज हो जाती है।
  • कान के निचले हिस्से में शरीर के कई सारे अंगों का केंद्र होता है। इसी जगह पर दिमाग से जुड़े कई सारे नस भी      होते हैं। यही कारण है कि कान छिदवाने से तनाव दूर होता है। साथ ही साथ दिमाग से जुड़ी कई सारी परेशानियां
    भी दूर होती है।
  • इस बात के पीछे वैज्ञानिक तर्क भी है कि जो लोग कान छिदवाते हैं उन्हें लकवा जैसी बिमारी का खतरहा बहुत कम    हो जाता है।
  • एक्सपर्ट कहते हैं कि कान के निचले हिस्से के कई सारे महत्वपूर्ण प्वाइंट हमारे दिमाग से जुड़े होते हैं। इसीलिए जिन  बच्चों का कन छेदन बचपन में हो जाता है उनके दिमाग का विकास भी सही तरीके से हो पाता है।
  • जानकारों की मानें तो कान छिदवाने से शरीर की पाचन प्रक्रिया भी सही रहती है। कान के निचले हिस्से जिसे छेदा    जाता है, वहां मौजूद प्वाइंट भूख लगने को भी प्रेरित करते हैं। यही कारण है कि इस हिस्से को छेदने से भूख लगती    है, पाचन प्रक्रिया सही होता है और मोटापा भी कम होता है।
  • जानकारों की मानें तो कान छिदवाने से हमें शरीर का सुन्न पड़ना और पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी से बचाव मिलता  है।

कान छिदवाने के बाद इन बातों का रखें ध्यान [Kaan Chidwane ke Baad Kya Lagaye]

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आने के बाद अक्सर संक्रमण हो जाने का खतरा होता है। ऐसे में आपको कान के साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। ज्यादातर मां-बाप बचपन में ही बच्चों का कान छेदन करवा देते हैं। तो जरूरी होता है कि समय-समय पर एंटीसेप्टिक लिक्विड से बच्चों के कान को साफ करते हैं। बच्चे को जब कभी भी कोई कपड़ा पहना है तो ध्यान रखें कि कानों में लगाए गई बाली पर किसी भी तरह का तनाव या खिंचाव ना आए। बच्चे जब सो रहे हो तो उनके कान के पोजीशन को चेक करना ना भूलें। कान छिदवाने के बाद बच्चे के कान से अगर पस निकलने लगे, कानों में सूजन आ जाए तो डॉक्टर से मिलना ना भूलें।

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Mritunjay Tiwary

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