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Haridwar Mai Ghumne Ki Jagah: हरिद्वार उत्तर भारत के एक खूबसूरत राज्य उत्तराखंड का एक ख़ूबसूरत शहर है। हिन्दू धर्म में हरिद्वार को सात पवित्र जगहों में गिना जाता है। हरिद्वार की प्रसिद्धि का एक मुख्य कारण यह है कि यहीं पर गंगा नदी हिमालय की पहाड़ी वादियों को छोड़कर मैदानी इलाकों में प्रवेश करती हैं। हर साल, लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार जाते हैं, गंगा नदी में डुबकी लगाने के पीछे श्रद्धालुओं का तर्क रहता है कि इसमें डुबकी लगाने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
हरिद्वार, कई प्रसिद्ध मंदिरों और आश्रमों के साथ साथ हिन्दू धर्म के नजरिये से भी एक महत्वपूर्ण भूमिका को अदा करता है। हरिद्वार में धार्मिक और एडवेंचर जगहों की कोई कमी नहीं है और आज के इस लेख में हम आपको हरिद्वार की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं।
हर की पौड़ी, हरिद्वार में स्थित एक गंगा नदी का एक पवित्र घाट है, जहाँ पर हर साल लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। हर की पौड़ी को ब्रम्ह कुंड के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसी जगह में भगवान् ब्रम्हा ने यज्ञ किये थे। इस जगह की सबसे ख़ास बात यह है कि यहां पर भगवान विष्णु के चरणों के निशान देखे गए हैं और यहां पर प्रत्येक 12 वर्ष के बाद कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
मनसा देवी का मंदिर देवी माँ के 51 शक्तिपीठों में से एक है और हर की पौड़ी से इसकी दूरी करीब 1 किलो मीटर है। मनसा देवी का मंदिर, बिलवा पर्वत की शीर्ष चोटी पर स्थित है और यहाँ पर श्रद्धालु आसानी के साथ अपने वाहनों से जा सकते हैं। यह मंदिर अपने आस पास के क्षेत्र और हिमालय की सुन्दर पहाड़ी वादियों के लिए जाना जाता है। धार्मिक महत्त्व के अलावा मनसा देवी का मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।
भारत देश को समर्पित इस मंदिर में 7 मंजिले हैं और हर एक मंजिल की अपनी एक अलग विशेषता है। मंदिर का सातवां मंजिला भगवान शिव को, छठा मंजिला भगवान विष्णु को, पांचवां मंजिला आदिशक्ति माँ दुर्गा को, चौथा मंजिला हमारे देश के सभी राज्यों और प्रांतों को, तीसरा मंजिला देश के सभी पूजनीय साधु संतों को, दूसरा मंजिला प्राचीन मातृ शक्तियों को और पहला मंजिला देश की आजादी में अपने प्राण को न्योछावर करने वाले सभी क्रांतिकारियों और सैनिकों को समर्पित है।
हरिद्वार का चंडी देवी मंदिर नील पर्वत पर स्थित है, चंडी देवी का मंदिर देवी माँ के 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसी मान्यता है की मां दुर्गा ने शुम्भ और निशुम्भ का वध करने के बाद यहाँ पर कुछ समय के लिए विश्राम किया था। हरिद्वार से चंडी देवी मंदिर की दूरी करीब 3 किलोमीटर है।
यदि आप एडवेंचर के शौक़ीन हैं तो यह जगह आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। चिल्ला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में विभिन्न प्रकार के जंगली जीव और पक्षियों की प्रजाति पाई जाती है। चिल्ला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में एंट्री करने के लिए आपको 150 रुपए प्रति टिकट के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा।
तो यह थीं हरिद्वार की घूमने लायक कुछ प्रसिद्ध जगहें।
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