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भारत की वे जगहें, जहां वर्षों से नहीं मनाई जा रही होली

Indian Places Where Holi Is Not Celebrated: रंगो के त्योहार होली को पूरा देश मनाने वाला है, लेकिन भारत में कई ऐसी जगहें मौजूद हैं, जहां होली का त्योहार मनाया ही नहीं जाता है। अलग-अलग जगहों पर होली का त्योहार लंबे समय से न मनाए जाने के पीछे अलग-अलग वजहें हैं। यहां हम आपको ऐसे ही जगहों के बारे में बता रहे हैं।

बोकारो का कसमार ब्लॉक

Image Source: Aajtak.in

झारखंड के बोकारो में यह गांव स्थित है। इस गांव में बताया जाता है कि लगभग 100 साल पहले एक राजा हुआ करता था, जिसके बेटे की मौत होली के दिन हो गई थी। इतना ही नहीं, राजा ने भी होली के दिन ही दम तोड़ा था। ऐसा कहा जाता है कि इस राजा ने अपनी मौत से पहले लोगों को होली नहीं मनाने के लिए कहा था। तब से गांव वाले यह मानकर होली नहीं मनाते हैं कि यदि उन्होंने यहां रंग खेला तो उनकी मौत हो जाएगी।

गुजरात का रामसन गांव

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यह गांव गुजरात के बनासकांता में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यहां कभी एक ऐसा दुष्ट राजा शासन करता था, जिसकी वजह से यहां आए संत बहुत दुखी हो गए थे और उन्होंने गांव को श्राप दे दिया था कि इस गांव में कभी रंग देखने को नहीं मिलेगा।

यही वजह है कि लगभग 200 वर्षों से इस गांव के लोगों ने होली मनाई ही नहीं है रामेश्वर के नाम से भी जाने जाने वाले इस गांव में मान्यताओं के मुताबिक भगवान राम भी एक बार आए थे।

उत्तराखंड के कुरझां और क्विली गांव

Image Source – Wikimedia Commons

ये दोनों गांव रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं। इस गांव के भी लोग दरअसल होली इस वजह से नहीं मनाते हैं कि उनका मानना है कि यहां की प्रमुख देवी त्रिपुर सुंदरी शांति में रहना पसंद करती हैं। ऐसे में लोग उन्हें होली का त्योहार मनाकर हल्ला-गुल्ला करके अप्रसन्न नहीं करना चाहते।

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तमिलनाडु

Image Source: Getty Images

उत्तर भारत और दक्षिण भारत के कई रीति-रिवाज आपस में मेल नहीं खाते। कुछ ऐसा ही होली के अवसर पर देखने के लिए तमिलनाडु में मिलता है। भले ही उत्तर भारत में लोग पूर्णिमा के दिन होली मना लेते हैं, लेकिन तमिलनाडु के लोग इस दिन को मासी मगम को समर्पित करते हैं।

वे मानते हैं कि पवित्र नदियों एवं तालाबों में इस दिन पितृ डुबकी लगाने के लिए धरती पर आते हैं। ऐसे में होली का त्योहार मना कर उनका अपमान करना उचित नहीं है।

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Shailesh Kumar

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