कन्या राशि के लड़के बहुत ही भावुक होते हैं। ये लोग ज्यादातर मामलों में दिमाग की जगह दिल से काम लेते हैं। संकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले होते हैं। इस राशि के लोगो को जल्दी क्रोध नहीं आता लेकिन जब क्रोध आता है, तो जल्दी समाप्त नहीं होता। जिसके कारण क्रोध आता है, उसके प्रति घृणा की भावना इनके हृदय में घर कर जाती है।
इनके प्रेम सम्बन्ध बहुत काम ही सफल हो पाते है और इनका वैवाहिक जीवन भी सुखी नहीं होता। कन्या राशि वालों का वैवाहिक जीवन किस राशि के साथ कैसा होता है, आज हम ये आपको बताएगे।
कन्या राशि के पुरूष में नेतृत्व की कमी रहती है और मेष की स्त्री काफी तेज होती है। इसलिए मेष की स्त्री कन्या पर हावी रहने की कोशिश करती है। इनके आपस में मधुर सम्बन्ध नहीं रह पाते है और धक्का मार-मार के जीवन की गाड़ी चल पाती है।
दोनों राशियों में कुछ बाते समान है, जिस वजह से मतभेद न के बराबर रहेगे और रिश्ते मधुर बने रहेंगे। कन्या राशि के पुरूष भुलक्कड़ स्वभाव के होते है जिसकी वजह से वृष राशि की स्त्री को गुस्सा आयेगा। कन्या राशि के पुरुष को अपनी ये आदत सुधारनी होगी। जोड़ी उत्तम रहेगी।
ये दोनों ही राशियो का स्वामी बुध है मिथुन की स्त्री बुद्धिमान होता है, और कन्या का पुरूष भुलक्कड़ होता है। मिथुन राशि की स्त्री कन्या राशि के पुरूष का नेतृत्व करेगी। लेकिन पुरुष भी स्त्री की हर बात मानेगा, किन्तु स्वतंत्रता में दखल देनें पर मतभेद अवश्य होगा।
कन्या का पुरूष और कुम्भ की स्त्री आपस में विवाह तो कर सकते है। लेकिन एक-दूसरे को ठीक जाॅच परख लें तभी विवाह करें। कुम्भ की स्त्री को पैसा ज्यादा प्रिय होता है । कन्या के पुरुष सोना पसन्द ज्यादा होता है। इनके टकराव की सबसे अहम वजह व्यवहारिक पक्ष होगा।
दोनों एक-दूसरे के प्रति वफादारी निभाने की पूरी कोशिश करेगें, जिस वजह से तालमेल भी अच्छा खायेगा। दोनों आलसी रहेंगे पर जब जरूरी काम होगा तो सक्रिय हो जायेगें। कन्या का पुरूष भोजन के प्रति अधिक रूचि होती है और इस बात पर मकर की स्त्री हमेशा रोक-टोक करेगी। विवाह समबन्ध बनाना उचित है।
इन दोनों राशियों का आपस में विवाह समबन्ध बनाना अच्छा नहीं होगा लेकिन प्रेम सम्बन्ध अच्छा चलेगा । विवाह में समर्पण अनिवार्य होता है क्योंकि उसके बगैर रिश्ते स्थायी नहीं हो सकते है। इन दोनों का ईगो की वजह से अक्सर टकराव होगा । कन्या यदि धनु के प्रति समर्पण कर दे तो बात कुछ बन सकती है।
कन्या का पुरूष और कन्या की स्त्री इनका आपस में विवाह करना ठीक रहेगा। कन्या की स्त्री संवेदनशील रहेगी किन्तु कन्या का पुरूष उदासीन भाव वाला होगा। आपस में प्रेम रहेगा किन्तु सामाजिक व्यवहार एक जैसा न होने से कभी-2 टकराव होगा। विवाह समबन्ध बनाना उचित है।
प्रशांत यादव
8 अक्टूबर, 2018
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…