जीवन परिचय

“आमिर खान” भला इस नाम से कौन परिचित नहीं होगा। आज इन्होनें अपने दमदार अभनिय के बदौलत बॉलीवुड में एक नई जगह बनाई है।

Aamir Khan Biography in Hindi: “आमिर खान” भला इस नाम से कौन परिचित नहीं होगा। आज इन्होनें अपने दमदार अभनिय के बदौलत बॉलीवुड में एक नई जगह बनाई है। यह केवल अभिनेता ही नहीं बल्कि निर्देशक, निर्माता, तथा सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। इसी कारण इन्हे बॉलीवुड द्वारा “मिo परफेक्शनिस्ट” का नाम मिला। इनका पूरा नाम “मोहम्मद आमिर हुसैन खान” हैं। इनको अब तक 4 राष्ट्रीय पुरुस्कार तथा 7 फिल्मफेयर पुरुस्कार से नवाज़ा गया है। यही नहीं, इन्हे 2003 में पद्मश्री एवं 2010 में पद्मभूषण से पुरस्कृत भी किया गया है।

यदि आप बॉलीवुड से जुड़ी ख़बरों में दिलचस्पी रखते हैं तो यह आर्टिकल आप ही के लिए हैं। आमिर खान के बारे में आज हम आपको कुछ ऐसी रोचक बातें बताने जा रहें है जिन्हे आप शायद ही जानते हो।

जन्म एवं शिक्षा

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आमिर खान का जन्म 14 मार्च 1965 में फिल्म निर्माता “ताहिर हुसैन” के घर बड़े बेटे के रूप में हुआ। इनके कई सारे रिश्तेदार फिल्म जगत से ताल्लुक रखते हैं। इनके चाचा “नासिर हुसैन” उस वक़्त के काफी नामी निर्देशक थे। आमिर खान 4 भाई बहन हैं, जिनमे से “फैज़ल खान” के साथ इन्होनें “मेला” फिल्म करी थी तथा नई पीढ़ी में इनके भांजे “इमरान खान” ने भी बॉलीवुड जगत में अपने पैर जमा रखे।

फिल्मी बैकग्राउंड होने के कारण आमिर खान ने महज़ 8 वर्ष की आयु में ही बॉलीवुड में अपने पैर रख दिए थे। यह फिल्म थी इनके चाचा “नासिर हुसैन” द्वारा निर्देशित 1973 में आई सुपरहिट फिल्म “यादों की बरात”। तथा उसी वर्ष इन्होनें अपने पिताजी “ताहिर हुसैन” द्वारा निर्मित फिल्म “मदहोश” में भी काम किया। आमिर खान ने बाद में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने हेतु जे बी पेटिट स्कूल जाना शुरू किया और बाद में 8वी कक्षा तक बांद्रा की सेंट एंस स्कूल से उन्होंने शिक्षा प्राप्त करी। इसके बाद 9वी तथा 10वी की पढाई करने के लिए इन्होनें महिम की बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल में दाखिला लिया। आमिर खान को बचपन से ही खेलने में ज्यादा रूचि रही तथा इनका सबसे प्रिय खेल टेनिस था। उनके शिक्षको का हमेशा से ही यह कहना था कि इसका (आमिर खान) का ध्यान पढाई में कम और खेलने में ज्यादा है। इसके पश्चात 12वी की शिक्षा ग्रहण करने हेतु यह मुंबई के नरसी मोंजी कॉलेज गए

शादी [Aamir Khan Shadi]

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आमिर खान की दो शादी हुई हैं। इनकी पहली शादी 18 अप्रैल 1986 में रीना दत्ता के साथ हुई थी तथा इनसे इनको दो सन्तानो की प्राप्ति भी हुई। रीना दत्ता के बेटे का नाम “जुनैद खान” एवं बेटी का नाम “ईरा खान” हैं। रीना दत्ता का आमिर खान को सफल बनाने में बहुत बड़ा सहयोग है किन्तु फिर भी 15 साल साथ गुजारने के बाद इन दोनों ने तलाक ले लिया, तथा बच्चो की परवरिश रीना दत्ता को सौंप दी गयी।। इसके बाद इन्होनें 28 दिसंबर 2005 को “किरन राव’ के संग विवाह किया। तथा 5 दिसंबर 2011 को इन्हे एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम “आज़ाद राव खान” रखा गया।

फ़िल्मी सफर

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आमिर खान वैसे तो एक बाल कलाकार के रूप में फिल्म जगत में आये लेकिन उन्हें अपना अभिनय दिखने का मौका 1984 में आई “होली” फिल्म में मिला। इसके बाद इनके भाई मंसूर खान ने इन्हे पहली कमर्शियल हिट फिल्म दी जिसने आमिर खान को रातों रात स्टार बना दिया। यह फिल्म थी 1988 में आई “क़यामत से कयामत तक”। इसी फिल्म से जूही चावला तथा आमिर खान लोगो कि नई पसंदीदा जोड़ी बन गयी। इस फिल्म के लिए आमिर खान को फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मेल नवोदित पुरस्कार दिया गया। इसके बाद इनकी 1989 में आई एक और फिल्म “राख” ने भी कई पुरस्कार अपने नाम किये।

2001 में इन्होनें अपना एक प्रोडक्शन हाउस खोला तथा इनके प्रोडक्शन बैनर के तले पहली फिल्म “लगान” बनी। इस फिल्म में आमिर खान मुख्य किरदार में थे तथा इस फिल्म को “फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म” के अवार्ड से नवाज़ा गया तथा आमिर खान को भी इस फिल्म के लिए “फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर” का अवार्ड दिया गया। इस फिल्म के बाद तबियत ख़राब होने की वजह से आमिर खान 4 साल तक फिल्मी दुनिया से दूर रहे। इसके बाद जब इन्होनें वापसी करी तो ये ठान लिया था कि अब से ये ज्यादा से ज्यादा प्रेरणादायक फिल्म करेंगे। 2005 में इन्होनें फिल्म “मंगल पांडेय” से वापसी करी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास कमाल तो नहीं दिखा पायी, किन्तु 2006 में इन्होनें दो हिट मूवी बॉलीवुड को दी। यह फिल्म ” फना” एवं ” रंग दे बसंती” थी। तथा इसी वर्ष इन्होनें एक फिल्म का निर्देशन किया, जो कि 2007 में रिलीज़ हुई, यह फिल्म थी ” तारे ज़मीन पर”। इस फिल्म को जनता का बहुत प्यार मिला तथा पहली बार इन्हे ” फिल्मफेयर बेस्ट डायरेक्टर” के अवार्ड से पुरस्कृत किया गया। बॉलीवुड के अलावा इन्होनें एक केनेडियन-भारतीय फिल्म में भी काम किया है। इस फिल्म का नाम था अर्थ (EARTH) जो कि 1998 में रिलीज़ हुई। तथा इस फिल्म को “OSCAR” के लिए भी नॉमिनेट किया गया था

आमिर खान की कुछ प्रसिद्ध फिल्मे

क़यामत से क़यामत तक (1988), राख (1989), दिल (1990), दिल है कि मानता नहीं (1991), जो जीता वही सिकदर (1992), हम हैं राही प्यार के (1993), अंदाज़ अपना अपना (1994), रंगीला (1995), राजा हिंदुस्तानी (1996), इश्क़ (1997), ग़ुलाम (1998), सरफ़रोश (1999), लगान (2001), दिल चाहता हैं (2001), मंगल पांडेय (2005), रंग दे बसंती (2006), तारे ज़मीन पर (2007), गजिनी (2008), 3 इडियट्स (2009), पीके (2014), दंगल (2016)

आमिर खान फिल्मफेयर अवार्ड्स (Filmfare Award)

द टाइम्स ग्रुप द्वारा प्रतिवर्ष फिल्मफेयर अवार्ड्स भारत के हिंदी भाषा फिल्म उद्योग में पेशेवरों की कलात्मक और तकनीकी उत्कृष्टता दोनों को सम्मानित करने के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं। फिल्मफेयर समारोह भारत की सबसे पुराने अवार्ड में से एक है, जिसे 1954 में स्थापित किया गया था। फिल्मफेयर पुरस्कारों को अक्सर हिंदी फिल्म उद्योग के अकादमी पुरस्कारों के समकक्ष कहा जाता है।

क़यामत से क़यामत तक (1989) फिल्मफेयर बेस्ट मेल नवोदित एक्टर
(Filmfare Best Male Debut Actor)
राजा हिदुस्तानी (1996) फिल्मफेयर बेस्ट मेल एक्टर
(Filmfare Best Male Actor)
लगान (2002) फिल्मफेयर बेस्ट मेल एक्टर
(Filmfare Best Male Actor) & बेस्ट फिल्म (Best Film)
तारे ज़मीन पर (2008) फिल्मफेयर बेस्ट डायरेक्टर
(Filmfare Best Director)
दंगल (2017) फिल्मफेयर बेस्ट मेल एक्टर
(Filmfare Best Male Actor) & बेस्ट फिल्म (Best Film)

आमिर खान नेशनल अवार्ड (National Award)

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारत में सबसे प्रमुख फिल्म पुरस्कार समारोहों में से एक है। 1954 में स्थापित, यह भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और भारत सरकार के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा प्रशासित है। पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं। अपने राष्ट्रीय स्तर के कारण, उन्हें भारतीय सिनेमा अकादमी पुरस्कार के समकक्ष माना जाता है।

क़यामत से क़यामत तक & राख (1988) स्पेशल मेंशन (Special Mention)
लगान (2001)
बेस्ट पॉपुलर फिल्म (Best Popular Film)
मैडनेस इन दी डेज़र्ट (2003)
बेस्ट एडवेंचर फिल्म (Best Adventure Film)
तारे ज़मीन पर (2007) बेस्ट फिल्म (Best Film)

 

आमिर खान आज विश्व का ऐसा नाम बन चूका हैं जिनके चाहने वाले या अनुयायी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि देश विदेशों में भी आसानी से देखने को मिल जाते हैं। कुछ साल पहले उन्होंने एक टेलीविज़न शो “सत्यमेव जयते” का निर्माण किया, इसमें देश में तेजी से बढ़ राही समस्यों के बारे में बताया जाता था तथा उसे रोकने के उपाय भी बताये जाते थे। इसके बाद ये कई सारे सामाजिक कार्यो में लोगो कि मदद करते है

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