Chanakya Biography in Hindi: चाणक्य जी एक महान विद्वान थे इनको कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। आचार्य चाणक्य का जन्म बौद्ध धर्म के अनुसार लगभग 400 ई। पूर्व तक्षशिला के कुटिल नामक एक ब्राह्मण वंश में हुआ था। उनका जन्म कुटिल वंश में हुआ था। इसलिए उहने कौटिल्य नाम से बुलाया जाता था। वही जैन धर्म के अनुसार चाणक्य का जन्म मैसूर राज्य स्थित श्रवणबेलगोला को माना जाता है। उन्हें ‘भारत का मेकियावली’ के नाम से भी जाना जाता है।
चाणक्य जी ने अपनी पढाई प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय में की थी। 14 वर्ष की पढाई के बाद 26 साल की उम्र में उन्होंने समाजशास्त्र, राजनीती और अर्थशास्त्र की शिक्षा पूर्ण की। उन्होंने शुरू से ही होनहार छात्र के रूप अपनी पहचान बना ली थी और वो उसी विश्वविद्यालय में पढ़ने लग गए। उस समय वो एक प्रसिद्ध शिक्षक थे। लेकिन उनके जीवन की दिशा दो घटनाओ ने बदल दी थी।
पहली – सिकंदर का भारत पर आक्रमण।
दूसरी – मगध के शासक द्वारा चाणक्य यानि उनका अपमान।
सिकंदर ने जब भारत पर हमला किया तो उस समय लगभग सभी राजाओ ने उनसे समझौता कर लिया। लेकिन चाणक्य ने सभी राजाओ से आग्रह किया परन्तु कोई भी सिकंदर से लड़ने नहीं आया। उस समय मगध बहुत शक्तिशाली राज्य था चाणक्य वहा मदद मांगने गए। लेकिन मगध के शासक ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा विद्वान हो अपनी चोटी का ध्यान रखो युद्ध करना सिर्फ राजा का काम है।
उसी समय चाणक्य जी ने अपनी चोटी खोल दी और पर्ण लिया, कि जब तक नन्द साम्राज्य का विनाश नहीं कर दुगा। अपनी चोटी नहीं बांधूगा।
उसका बदला लेने के लिए चाणक्य ने एक बालक को हजार मुद्रा देकर उसके पालक-पिता से ख़रीद लिया। उस बच्चे का नाम चन्द्रगुप्त था। उस समय उनकी आयु आठ या नौ साल के थे। चाणक्य ने उसे अपना शिष्य बना लिया चाणक्य जी ने चन्द्रगुप्त को शिक्षा दी। जो एक अच्छे शासक में होनी चाहिए। चाणक्य की शिक्षा से प्रेरित होकर चन्द्रगुप्त ने सिकंदर को पराजित किया और एक सबसे अच्छे व शक्तिशाली शासक के रूप में इतिहास के पन्नो में अपना नाम लिख गए।
महान मौर्य वंश की नीव का श्रेय आचार्य चाणक्य को ही जाता है। चाणक्य जी को भारतीय इतिहास का श्रेष्ठ कुटनीतिज्ञ माने जाते है। चन्द्रगुपत मौर्य को राजगद्दी पर बैठा कर उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली। चाणक्य देश की अखण्डता के भी अभिलाषी थे।
चाणक्य ने एक महान कर्ति अर्थशास्त्र की रचना की थी। इसमें पन्द्रह अधिकरण, एक सौ अस्सी प्रकरण, एक सौ पचास अध्याय और छ हजार श्लोक हैं। इस कर्ति में राजनीति, अर्थशास्त्र , भू-गर्भ विद्या, इंजीनियरिंग-विद्या, रसायन शास्त्र अनेक विषय है। चाणक्य के अनुसार राज्य के सात अंग होते है। वो सात अंग स्वामी, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, दंड, मित्र निम्नलिखित है।
ये भी पढ़े: अब्दुल कलाम के अनमोल विचार
प्रशांत यादव
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…