बॉलीवुड के शहंशाह कहे जाने वाले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार दिया। बता दें कि इस खास मौके पर अमिताभ बच्चन के साथ जया बच्चन और अभिषेक बच्चन मौजूद थे। इस पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद अमिताभ बच्चन ने रविवार के दिन अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, “मैं भविष्य में और अधिक काम करने के लिए उत्सुक हूं”।
बता दें, अमिताभ बच्चन अब 77 साल के हो गए हैं। उन्होंने इस पुरस्कार को मिलने वाली घोषणा पर मजाकिया अंदाज में कहा कि, “जब इस पुरस्कार की घोषणा की गई तो मेरे दिमाग में एक शंका उठी कि कहीं यह इस बात का इशारा तो नहीं कि अब आप घर में बैठिए और आराम करिए, आपने बहुत काम कर लिया है”।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अभी काम खत्म नहीं हुआ है, अभी बहुत सारे काम हैं जिन्हें खत्म करना बाकी है। वह आगे भी काम करेंगे, उन्होंने इशारों- इशारों में कहा कि कुछ ऐसी संभावनाएं बन रही हैं जहां मुझे कुछ काम करने का मौका मिलेगा।
अमिताभ ने कहा कि, “मुझ पर भगवान की काफी कृपा है और माता-पिता का आशीर्वाद रहा है। साथ ही फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और साथी कलाकारों का भी साथ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा देश की जनता का प्यार और हौसला अफजाई मिलती रही जिसकी वजह से मैं आप सबके सामने खड़ा हूं”।
आपको बता दें कि इस पुरस्कार की स्थापना आज से तकरीबन 50 साल पहले हुई थी। अमिताभ ने इस पुरस्कार को पाने के बाद कहा कि, “इस पुरस्कार की स्थापना 50 साल पहले हुई और इतने ही साल मुझे फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिला। इसका भी मैं आभारी हूं। इस सम्मान को विनम्रता से स्वीकार करता हूं”।
बता दें कि 23 दिसंबर को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आयोजन किया गया था, तब अमिताभ बच्चन अपने खराब स्वास्थय के चलते इस आयोजन में मौजूद नहीं हो पाए थे। दरअसल, खराब तबीयत के चलते डॉक्टरों ने अमिताभ बच्चन को सफर ना करने की हिदायत दी थी। अमिताभ बच्चन ने इस बात की जानकारी 22 दिसंबर की शाम को एक ट्वीट के जरिये अपने फैंस से साझा की थी।
बता दें, अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड जगत में फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से डेब्यू किया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर साल 1969 में रिलीज हुई थी। इसके बाद साल 1973 में प्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘जंजीर’ में अभिताभ ने अभिनय किया और यह फिल्म उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म के बाद अमिताभ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज उनकी उपलब्धि किसी से भी छुपी नहीं है।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…