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नदव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बताया ‘वल्गर प्रोपेगेंडा’, विवादों में घिरे

The Kashmir Files Controversy In Hindi: जब ‘द कश्मीर फाइल्स’ मूवी रिलीज हुई थी, तब इसपर काफी घमासान छिड़ा था। ये मूवी कश्मीरी पंडितों के दर्द और संघर्ष की कहानी थी, जिसे जाने माने निर्देशक विवेद अग्निहोत्री ने आम लोगों के बीच रखा। ये मूवी हिट साबित हुई और इस साल कई रिकॉर्ड्स अपने नाम किए। लेकिन कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के सच्चे वारदात पर बनी इस मूवी को लेकर सोशल मीडिया पर दो दल बन गए थे। कुछ लोग इस मूवी का समर्थन कर रहे थे तो वहीं कई लोग इस फिल्म का बहिष्कार तक कर रहे थे। अभी गोवा में अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) चल रहा है। इसमें जूरी हेड नदव लैपिड को बनाया गया है। नदव ने विवेद अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर एक विवादित बयान दिया हैं। नदव का कहना हैं कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म एक ‘वल्गर प्रोपेगेंडा’ है.

कौन हैं विवादित बयान देने वाले नदव लैपिड?

नदव लैपिड एक इजरायली नागरिक हैं। वे पेशे से एक स्क्रीनराइटर और फिल्ममेकर हैं। नदव वर्ष 2011 की फिल्म ‘पुलिसमेन’, सन् 2014 की फिल्म ‘The Kindergarten Teacher’ और साल 2019 की ‘Synonyms’ नामक फिल्मों के निर्देशक और लेखक हैं। नदव लैपिड पहले भी कई बार अपने बयानों के कारण विवादों में रह चुके हैं। 47 वर्षीय नदव को कई बार उनके अपने ही देश के लोगों द्वारा विरोध झेलना पड़ा हैं। सन् 1975 में इजराइल में पैदा हुए नदव ने अपने जीवन में कई फिल्में बनाई हैं। अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के नदव लैपिड जूरी चेयरमैन रहे हैं। इतना ही नहीं नदव लैपिड वर्ष 2015 में लोकर्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी, 2016 में कैन्स फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटीक्स वीक जूरी और साल 2021 में बर्लिन अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में आधिकारिक कॉम्पिटिशन जूरी के भी सदस्य रह चुके हैं।
नदव लैपिड की द्वारा बनाई गई ‘Synonyms’ ने वर्ष 2019 में 69वें बर्लिन अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बीयर का खिताब अपने नाम किया था। वर्ष 2011 में नदव ने फिल्म ‘पुलिसमेन’ से निर्देशक के रूप में अपनी शुरुआत की। इस फिल्म को लोकार्नो अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में स्पेशल जूरी प्राइज से नवाजा गया था।

नदव लैपिड के टिप्पणी की अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री ने की निंदा

नदव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘वल्गर प्रोपेगेंडा’ कहा तो सोशल मीडिया पर बड़ी बहस शुरू हो गई। अनुपम खेर ने नदव के टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि झूठ का ऊंचाई कितनी भी बड़ी हो वो सच के सामने हमेशा छोटा ही होता है। दूसरी ओर इस फिल्म के डाइरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने भी नदव को जवाब देते हुए कहा कि सत्य सबसे खतरनाक चीज है। ये इंसान को झूठा बना सकता है। कम शब्दों में ही सही, लेकिन विवेक इशारों में जवाब दे गए। यही नहीं फिल्मकार नदव लैपिड के इस टिप्पणी से इजरायली राजदूत ने भी दूरी बना ली हैं। भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने नदव लैपिड की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी इस टिप्पणी से हम शर्मिंदा है। नदव ने जो कहा है वो उनका व्यक्तिगत मत हैं।

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