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नरेंद्र चंचल को मिली थी यहां की नागरिकता, इस गाने ने दिलाया था फिल्मफेयर अवार्ड

Narendra Chanchal Biography In Hindi: नरेंद्र चंचल, जो कि भजन सम्राट के नाम से मशहूर थे और माता के जगराता में अपनी गायकी के लिए जाने वाले थे, अमृतसर के हांडी में 16 अक्टूबर, 1940 को उनका जन्म हुआ था।

‘चलो बुलावा आया है’ और ‘ओ जंगल के राजा मेरी मैया को लेके आजा’ जैसे गाने, जिनकी वजह से नरेंद्र चंचल को लगभग हर कोई जानने लगा था, उन्हें बचपन से ही अपने परिवार में धार्मिक वातावरण मिला था।

नाम के साथ जब जोड़ा चंचल

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नरेंद्र चंचल(Narendra Chanchal Biography In Hindi) की मां का नाम कैलाशवती था। नरेंद्र जब उन्हें माता रानी के भजन गाते हुए देखते थे, तो उनका भी मन गाने को हो जाता था। बचपन में वे शरारती और चंचल स्वभाव के रहे थे। यही वजह थी कि उनके शिक्षकों ने उन्हें चंचल कहकर बुलाना शुरू कर दिया था। बाद में अपने नाम के साथ नरेंद्र ने चंचल हमेशा के लिए जोड़ लिया।

संघर्ष के बाद मिला बॉलीवुड में काम

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नरेंद्र ने बचपन में गरीबी को नजदीक से देखा था। उन्होंने काफी संघर्ष भी किया। तब जाकर बॉलीवुड में उन्हें काम मिल पाया था। उन्हें बेनाम, बॉबी और रोटी कपड़ा और मकान जैसी फिल्मों में भी काम करते हुए देखा गया था।

फिल्मों में गाये गाने

नरेंद्र चंचल ने वर्ष 1973 में आई फिल्म बॉबी बॉबी में ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो’ नामक गाना गाया था, जिसके लिए उन्हें बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर(Best Male Playback Singer) का फिल्मफेयर अवार्ड(Filmfare Award) भी मिला था। इसके बाद फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में उन्होंने ‘बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई’ नामक गाना भी गाया था। इनका मशहूर गाना ‘तूने मुझे बुलाया’ फिल्म ‘आशा’ में देखने को मिला था, जो कि 1980 में आई थी। इसके अलावा इनका एक और मशहूर गाना ‘चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है’ फिल्म ‘अवतार’ में 1983 में देखने को मिला था।

शास्त्रीय संगीत के साथ लोक संगीत में भी अपना नाम बनाने वाले नरेंद्र चंचल को अमेरिकी राज्य जॉर्जिया की नागरिकता भी सम्मान के तौर पर प्रदान की गई थी।

बायोग्राफी(Narendra Chanchal Biography In Hindi) में लिखा है सब कुछ

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Midnight Singer के नाम से नरेंद्र चंचल की एक बायोग्राफी(Narendra Chanchal Biography In Hindi) भी है, जिसमें उनकी जिंदगी के सफर के बारे में हर जानकारी मिलती है। हर साल 29 दिसंबर को नरेंद्र चंचल मां वैष्णो देवी के दरबार में जरूर जाते थे और साल के आखिरी दिनों में वहीं परफॉर्म भी करते थे।

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इस वजह से हुआ निधन

नरेंद्र चंचल का 80 वर्ष की आयु में अपोलो अस्पताल में शुक्रवार को दोपहर लगभग 12 बजे निधन(Narendra Chanchal Death) हो गया। लंबे अरसे से बीमार नरेंद्र ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा तो जरूर कह दिया, लेकिन अपने इस भजन सम्राट को दुनिया कभी नहीं भुला पाएगी।

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Shailesh Kumar

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