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वॉइस ओवर आर्टिस्ट हैं सोनल कौशल, डोरेमॉन से लेकर छोटा भीम तक को देती हैं आवाज़

घर में टीवी तो सभी के होगा और आप उस पर कई सारे सीरियल, प्रोग्राम, सिनेमा या फिर न्यूज़ आदि देखते होंगे। इसके अलावा यदि आपके घर में बच्चे हैं तो पक्का वह कार्टून देखते ही होंगे क्योंकि बच्चों और कार्टून का रिश्ता सदियों पुराना है। टॉम एंड जेरी, मिकी माऊस, पोपाए जैसे कई सारे ऐसे कार्टून सीरियल हैं जिन्हें बच्चे से लेकर बड़े तक काफी ज्यादा पसंद करते हैं। वैसे तो बच्‍चों को कार्टून के कई सारे कैरेक्टर पसंद होते हैं मगर फिलहाल जिस कार्टून को सबसे ज्‍यादा पसंद किया जा रहा है वह है डोरेमॉन या फिर छोटा भीम। [Doraemon Voice Actor Hindi]

देखा जाये तो इन कार्टून्स की धूम पिछले कई सालों से मची हुई है और बच्चों को इससे दूर कर पाना तकरीबन नामुमकिन है। बच्चे डोरेमॉन, छोटा भीम या इसी तरह के अन्य कार्टून बहुत ज्यादा ना देखने पाएं इसके लिए कई पेरेंट्स टीवी में उस चैनल को ही लॉक कर देते हैं, क्योंकि कार्टून की ज्यादा लत ना सिर्फ बच्चों की पढ़ाई पर असर डालती है बल्कि उनकी आंखों पर भी। कार्टून्स देखने के चक्कर में वह खुद को टीवी स्क्रीन से एकदम चिपका लेते हैं और अपनी आंखें खराब कर लेते हैं।

बच्चों के बीच बेहद प्रसिद्ध है ‘छोटा भीम’

हालांकि, देखा जाए तो आजकल के बच्चे काफी तेज और समझदार हो चुके हैं मगर फिर भी कुछ बच्चों पर कार्टून्स का ऐसा खुमार है कि यदि आप उनसे पूछें कि बड़े होकर वह क्या बनना पसंद करेंगे? तो जवाब में बच्चे डॉक्टर, सिपाही, पुलिस, इंजीनियर बनने की बजाय छोटा भीम का ही नाम लेंगे। जी हां, छोटा भीम एक भारतीय कार्टून कैरेक्टर है और अपने नाम के ठीक विपरीत इसने कार्टून की दुनिया में अपना कद काफी ज्यादा ऊंचा कर लिया है। छोटा भीम ने बाल दर्शकों के दिलों में ज़बरदस्त जगह बना ली है।

वॉइस ओवर आर्टिस्ट हैं सोनल कौशल

हालांकि, यह कार्टून पिछले कुछ वर्षों से इतना ज्यादा मशहूर हो चुका है कि इसके दीवाने ना सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी होने लगे हैं। बच्चों पर इस कार्टून का प्रभाव इतना ज्यादा हैं कि वह खुद छोटा भीम की शरारतें करते हैं और उसकी तरह बनने का शौक रखते हैं। मगर अभी हम आपको जो बात बताने जा रहे हैं उसे सुनने के बाद आपका हैरान होना लगभग तय है। असल में आप या आपका बच्चा जिस छोटा भीम का इतना ज्यादा दीवाना है, वह आवाज किसी लड़के या फिर पुरुष की नहीं बल्कि एक महिला की आवाज़ है। जी हां, आपको इस बात पर यकीन कर पाना काफी मुश्किल हो रहा होगा मगर आपको बता दें कि छोटा भीम की आवाज निकालने वाली महिला सोनल कौशल हैं, जो कि एक वॉइस ओवर आर्टिस्ट हैं और लंबे समय से भीम की आवाज़ बनी हुई हैं।

8 साल की उम्र से करने लगी थीं काम

हालांकि, यह वाकई में एक काफी कठिन कार्य है क्योंकि लड़की होकर मेल कार्टून कैरेक्टर के लिए आवाज देना काफी मुश्किल होता है। मगर सोनल ने इस चैलेंज को फेस किया और अब तो ऐसी स्थिति हो चुकी है कि अगर कोई उन्हें नींद में ही छोटा भीम की आवाज़ निकालने को कहे तो वह आसानी से निकाल लेंगी। वो कहते हैं ना कि हर इंसान कोई ना कोई खूबी लेकर पैदा होता है, सोनल भी कुछ ऐसे ही थीं। करीब आठ साल की उम्र से ही सोनल ने ऑल इंडिया रेडियो में वॉइस आर्टिस्ट का काम शुरू कर दिया था। उस दौरान उन्हें इस काम में काफ़ी मज़ा आने लगा था। चूंकि उनकी मां ऑल इंडिया अनाउंसर थीं तो उन्होंने सोनल को इसमें आने के लिए प्रोत्साहित किया और सोनल इसके लिए दिल्ली से मुंबई आ गईं।

कहा- एक्टिंग की तरह होती है डबिंग

मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही सोनल डोरेमॉन की आवाज़ बनी थीं, वह उनका पहला प्रोजेक्ट था। लेकिन कहते हैं ना कि दूर से सभी को दूसरे का काम आसान लगता है, मगर जो करता है उसे ही उसकी दिक्कतों का पता होता है और डबिंग का काम कभी-कभी तो बेहद ही कठिन हो जाता है। सोनल बताती हैं कि एक तरह से डबिंग भी एक्टिंग की तरह ही होती है। किरदार के मूड के अनुसार वॉइस मॉडयूलेशन वगैरह पर काम करना पड़ता है। कई बार आप अपनी निजी ज़िंदगी में किसी विकट परिस्थिति से गुज़र रहे होते हैं और आपका मूड ठीक नहीं होता, लेकिन फिर भी आपको अपना काम तो करना ही है। डबिंग करते समय वे सभी बातें आपको भूलनी पड़ती हैं, क्योंकि इससे आपके कैरेक्टर पर असर पड़ता है।
कभी-कभी कई अंदाज़ में आवाज़ें निकालनी पड़ती हैं, जो काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन वह काम ही क्या जिसमें मुश्किल ना आए।

कैप्टन मार्वल और एलिस की फिल्मों को भी दी है आवाज़

आपको यह भी बता दें कि बच्चों की सबसे चहेती आवाज की मालकिन सोनल के साथ एक बार बड़ी ही दुखद घटना भी घट चुकी है। हुआ कुछ ऐसा था कि एक फ़िल्म डम्बो की डबिंग के दौरान सोनल की तबीयत काफी ज्यादा ख़राब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। बताया जाता है कि उनकी हालत इस कदर बिगड़ गयी थी कि यदि सही समय पर इलाज न होता तो संभव था कि उनकी आवाज़ भी जा सकती थी। यह सोनल की जिंदगी का सबसे बुरा दौर था। सोनल कहती हैं कि उनका फोर्टे मुख्यत: बच्चे हैं, इसलिए जब भी बच्चों की आवाज़ की ज़रूरत होती है, उन्हें याद किया जाता है। केवल छोटा भीम या डोरेमॉन के लिए ही नहीं बल्कि उन्होंने कैप्टन मार्वल समेत एलिस की फ़िल्मों के लिए भी अपनी आवाज़ दी है।

दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। पसंद आने पर लाइक और शेयर करना न भूलें।

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Shikha Yadav

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