Vinod Khanna: विनोद खन्ना बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने सितारे रहे हैं। उन्होंने बहुत सी हिट फिल्में दी हैं। विनोद खन्ना (Vinod Khanna) ने कई तरह के किरदारों को बड़े पर्दे पर इस तरह से निभाया कि उन्होंने अपने प्रशंसकों के दिलों में खास जगह बना ली। आज भी विनोद खन्ना की फिल्मों को देखना लोग बहुत पसंद करते हैं। अपनी काबिलियत, अपनी प्रतिभा और अपने अभिनय के दम पर विनोद खन्ना एक वक्त बॉलीवुड में छा गए थे। उन्होंने जो फिल्मों में काम करके कमाई की, उसकी बदौलत उन्होंने बाद में अपने लिए एक मर्सिडीज कार खरीदी थी।
वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता है। वक्त उतार-चढ़ाव लिए हुए आता है। एक वक्त विनोद खन्ना कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे थे। रामानंद सागर के बेटे शांति सागर जो कि फिल्म निर्माता थे, उनकी फिल्म आखिरी डाकू की जब विनोद खन्ना शूटिंग कर रहे थे, उसी दौरान उन्होंने अपने लिए मर्सिडीज कार खरीदी थी। उस दौर में मर्सिडीज कार का होना एक तरीके से स्टेटस सिंबल बना हुआ था। विनोद खन्ना (Vinod Khanna) को जितनी तेजी से लोकप्रियता मिल रही थी और जिस तरीके से उनकी फ़िल्में लगातार हिट होती जा रही थीं, उसे देखकर ऐसा लगने लगा था कि वे अमिताभ बच्चन से भी बहुत ही आगे निकल जाएंगे। कामयाबी की सीढ़ियां दरअसल विनोद खन्ना इतनी तेजी से चढ़ने लगे थे कि उस वक्त यह कहना मुश्किल नहीं था कि अमिताभ बच्चन को पीछे करना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं होगी।
विनोद खन्ना (Vinod Khanna) को कारों का बहुत बड़ा शौकीन माना जाता था। उनके बारे में कहा जाता है कि मर्सिडीज कार से नीचे तो वे किसी और गाड़ी में चला ही नहीं करते थे। हालांकि, वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता। विनोद खन्ना के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक समय उनकी जिंदगी में ऐसा भी आया, जब उन्हें कारों को छोड़कर टैक्सी में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। विनोद खन्ना की जिंदगी में एक वक्त आया, जब आध्यात्मिक गुरु आचार्य रजनीश बहुत ही मशहूर हो रहे थे। संभोग से अध्यात्म तक के अपने प्रवचनों के कारण उन्हें लोकप्रियता मिल रही थी। विनोद खन्ना भी उनसे प्रभावित हो गए थे और उन्हें उन्होंने मानना शुरू कर दिया था।
बाकी लोगों के साथ विनोद खन्ना भी आचार्य रजनीश के प्रवचनों के इतने दीवाने हो गए थे कि वे हमेशा उनकी ऑडियो कैसेट सुनते रहते थे। खुद तो वे ऑडियो कैसेट सुनते ही थे, साथ में बाकी लोगों को भी वे इन्हें सुनाया करते थे। फिर एक दिन ऐसा आया कि उन्होंने सभी मीडिया को बुला लिया। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने यह घोषणा कर डाली कि वे फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ रहे हैं। फिल्म निर्माताओं ने उस वक्त उन पर लाखों-करोड़ों रुपए दांव पर लगा रखे थे। विनोद खन्ना ने इसके बारे में जरा भी नहीं सोचा कि उनका आखिर क्या होगा? फिर एक दिन उन्होंने आचार्य रजनीश के पास जाने के लिए अमेरिका की फ्लाइट ले ली और वहां के लिए रवाना हो गए। जो भी चीजें उनके पास थीं, सभी का उन्होंने त्याग कर दिया। वहां आचार्य रजनीश के पास उन्होंने 8 साल गुजारे थे। इस दौरान वे उनके बगीचे में बागवानी किया करते थे।
आचार्य रजनीश के पास रहने के दौरान फिल्म इंडस्ट्री को तो लगभग विनोद खन्ना ने भुला ही दिया था। फिर एक दिन उन्हें आचार्य रजनीश के आध्यात्म में कमियां नजर आने लगीं। इसके बाद उन्होंने वापस मुंबई का रुख कर लिया। यहां आए तो चीजें पूरी तरह से बदल गई थीं। दोनों बेटों को उनकी पत्नी गीतांजलि ने अकेले ही पाल-पोस कर बड़ा किया था। यहां तक कि उनके पास रहने के लिए अब घर भी नहीं था। पैसे उतने नहीं थे। कभी मर्सिडीज में चलने वाले विनोद खन्ना को अब टैक्सी लेकर चलना पड़ा। फिल्म निर्माताओं ने धीरे-धीरे विनोद खन्ना को काम तो देने शुरू कर दिए, लेकिन तब तक अमिताभ बच्चन इतना आगे निकल चुके थे कि विनोद खन्ना कभी उनकी बराबरी करने के बारे में सोच भी नहीं पाए।
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