रोचक तथ्य

ऐसे होता है पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार, नियम सुनकर अच्छे अच्छों की कांप जाती है रूह  

Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में धर्मो के रस्म रिवाज़ों में भी बहुत तेज़ी से बदलाव आ रहे हैं। इसी क्रम में पारसी धर्म के लोग भी अपने अंतिम संस्कार के नियमों को बदल रहे हैं। धार्मिक अनुष्ठान एक ऐसी चीज़ है जो इंसान के पैदा होने से लेकर उसके मरने तक चलती रहती है। जब इंसान जन्म लेता है तब भी कई तरह के आयोजन होते हैं और उसके मरने पर भी कई कार्यक्रम करने पड़ते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको पारसी धर्म के अंतिम संस्कार के नियम बताने जा रहे हैं। पारसी लोगों का अंतिम संस्कार करने का तरीका पूरी दुनिया में सबसे अलग माना जाता है। 

पारसी ऐसे करते हैं अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार (Parsi Death Ceremony in Hindi)

पारसी धर्म के लोग धरती, आग, हवा और पानी को बहुत शुद्ध मानते हैं। उनकी माने तो इन चारों तत्वों को खराब या गंदा करना बहुत बड़ा पाप होता है। पारसी धर्म के जानकार लोग मानते हैं कि पार्थिव शरीर को जलाने से और दफनाने से हवा दूषित हो जाती है और धरती पर इसका खराब असर पड़ता है। इसी वजह से पारसी धर्म में शरीर को ना ही दफनाया जाता है और ना ही जलाया जाता है। पारसी धर्म में जीवन को रौशनी और अंधेरे के बीच का एक संघर्ष माना जाता है।

जब किसी इंसान की मृत्यु होती है तो वो इंसान अंधेरे में चला जाता है और यही कारण है कि आखिरी क्रिया में आग या पानी जैसे पवित्र तत्व का यूज़ करना वर्जित होता है। पारसी लोग लाश को एक ऐसे जगह पर रख देते हैं जहाँ गिद्ध, चिल और दूसरे पक्षी मृत व्यक्ति के देह को खा जाते हैं। 

पारसी भी बदल रहे हैं अंतिम संस्कार के नियम

जिन जगहों पर पारसी लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है उनको टावर ऑफ साइलेंस कहा जाता है। पूरे भारत में आज भी कई टावर ऑफ साइलेंस मौजूद है। इसके बाद भी अधिकतर समय इस टावर में आपको कोई नज़र नहीं आएगा। इसका सबसे बड़ा कारण है गिद्ध के संख्या में कमी आना। कई रिसर्च रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत में गिद्धों की संख्या 99 परसेंट तक घट गई है। अगर कोई भी पारसी परिवार अपने किसी प्रियजन के शव को इस टावर ऑफ साइलेंस पर छोड़कर जाते हैं तो कई दिनों तक वो शव बुरी हालत में वहीं पड़ा रहता है और सड़ता रहता है। इससे पूरे इलाके में भी बहुत बदबू फैल जाती है और बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना रहता है। पारसी धर्म के लोग भी अब या तो शवों को जला रहे हैं या दफना रहे हैं।

यह भी पढ़े:- रतन टाटा की अनोखी कहानी: टाटा ग्रुप के उत्तराधिकारी बनने तक

Facebook Comments
Admin

Share
Published by
Admin

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

1 week ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

1 week ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

3 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago

हरड़ खाने से होते हैं इतने सारे फायदे, बरतें ये सावधानियां

Harad Khane Ke Fayde: हमारे भारत का इतिहास हर तरीके से काफी समृद्ध रहा है।…

4 weeks ago