बहुत देर तक एक जगह बैठे रहने से कई बीमारिया हमारे शरीर में होने लगती हैं। लगातार बैठे रहने से हमारे शरीर में कुछ ऐसे परिवर्तन होने लगते हैं, जो कि हानिकारक होते हैं। यदि आप टीवी के सामने या दफ्तर में करीब 8 से 10 घंटे तक कम्प्यूटर के सामने बैठ रहते हैं, तो आपको हम आज इस से होने वाले नुकसान बताएगे।
1 .हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल: लम्बे समय तक बैठने से विभिन्न अंगों को नुकसान हो सकता है। लंबे समय तक बैठे रहने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। बहुत कम बैठने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा समय तक बैठने वालों को इस बीमारी के होने की दोगुनी आशंका होती है।
2. अग्नाशय या पाचक ग्रंथि में बदलाव: लंबे समय तक एक जैसी स्थिति में बैठे रहने से अग्नाशय या पाचक ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और इस कारण से अधिक इंसुलिन पैदा होता है। इस हॉर्मोन से कोशिकाओं को ग्लूकोज के तौर पर एक उर्जा स्रोत पहुंचाए जाने का काम होता है, लेकिन ऐसी अवस्था में मांसपेशियों की कोशिकाएं निष्क्रिय होती हैं इसलिए इंसुलिन को प्रयोग में नहीं ला पाता है। इसके चलते ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि इंसुलिन की अधिकता से मधुमेह और अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं।
3. कोलोन कैंसर का खतरा: कई अध्ययनों से इस बात की भी संभावना है कि लंबे समय तक बैठे रहने से कोलोन कैंसर को भी दावत मिलती है। इतना ही नहीं, इन्ही कारणों से स्तन और अन्तर्गर्भाशयकला(एन्डोमेट्रीअल) कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है।
4.मांसपेशियों में कमजोरी: जब आप खड़े होते हैं या किसी भी गतिविधि में सक्रिय होते हैं तो मांसपेशियां सक्रिय बनी रहती हैं, लेकिन जब आप केवल बैठे रहते हैं तो पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। इसी स्थिति के चलते आपके कूल्हे और पैरों की मांशपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं।
लंबे समय तक एक स्थिति में बैठने का परिणाम यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके। इसी के परिणाम स्वरूप कूल्हे और पैरों की सक्रियता प्रभावित होती है और ये अंग सख्त होते जाते हैं और इनकी स्वाभाविक नमनीयता खत्म होने लगती है।
5. ऑस्टियोपोरोसिस: लंबे समय तक बैठे रहने से लोगों का वजन भी बढ़ता है और इसके परिणामस्वरूप कूल्हे और इसके नीचे के अंगों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण ही ऑस्टियोपोरोसिस या अस्थि-सुषिरता जैसी बीमारियां होती जा रही हैं।
6. दिमाग पर असर: लंबे समय तक बैठे रहने से मस्तिष्क भी प्रभावित होता है और इसकी कार्यप्रणाली भी अस्पष्ट तथा धीमी हो जाती है। मांसपेशियों की सक्रियता से मस्तिष्क में ताजा खून और ऑक्सीजन की मात्रा पहुंचती है, जिसके ऐसे रसायन उत्पन्न होते हैं जो दिमाग को सक्रिय बनाए रखते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो मस्तिष्क की क्षमता पर भी विपरीत असर पढ़ता है।
7. गर्दन में तनाव: लंबे समय तक कम्प्यूटर पर बैठने या टाइप करने से गर्दन भी सख्त हो जाती है। इस अस्वाभाविक हालत का परिणाम यह होता है कि गर्दन में तनाव पैदा हो जाती है। इसके कारण कंधों और पीठ में भी दर्द होने लगता है।
8. पीठ पर बुरा असर: एक जैसी स्थिति में बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी की नमनीयता की विशेषता दुष्प्रभावित होती है और इसमें डिस्क क्षतिग्रस्त भी हो सकते हैं।
टीवी देखने के लिए लंबे समय तक बैठे रहना भी हानिकारक होता है। इससे मनुष्य की मौत की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। अगर आप दिन में एक से दो घंटे तक टीवी देखते हैं तो इससे आपकी मृत्यु की संभावनाओं में 4 फीसदी तक बढोतरी होती है। अगर आप तीन से चार घंटे तक टीवी देखते हैं तो यह संभावना 14 फीसदी तक हो सकती है। इसी तरह प्रति दिन पांच से छह घंटे तक लगातार टीवी देखने से मृत्यु की संभावना 31 फीसदी बढ़ जाती है और 7 घंटे या अधिक समय तक टीवी देखने के लिए बैठे रहने से यह संभावना 61 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
इन स्थितियों से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं तो इसका जवाब है कि आप हल्का व्यायाम करके ही होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं।
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