Image Source - dhealthbox.com/ asianetnews.com
कुट्टू(Kuttu Atta) और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग विशेष रूप से व्रत में फलाहार के लिए किया जाता है। व्रत के दौरान इन दोनों आटे का प्रयोग करना बेहद अच्छा माना जाता है। नवरात्रि के मौके पर भी लोग इन दोनों आटे का इस्तेमाल विशेष रूप से रोटी, पूरी, चीला या फिर पकौड़ी बनाने के लिए करते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है इन दोनों आटे में क्या अंतर है। आज इस आर्टिकल में हम आपको खासतौर से इन दोनों आटे के बीच का अंतर और वजन कम करने के लिए कौन सा आटा बेहतर हैं इस बारे में बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले आपको बता दें कि, कुट्टू(Kuttu Atta) के आटे को अंग्रेजी में बकव्हीट(Buckwheat ) कहते हैं। जहाँ गेहूं से रोज घरों में बनाए जाने वाला आटा तैयार किया जाता है वहीं कुट्टू को घास प्रजाति का पौधा माना जाता है। इसे मुख्य रूप से पोलीगोनेसिएइ प्रजाति का पौधा माना जाता है। व्रत के दिनों में कुट्टू के आटे का सेवन करने से यह जल्दी पच जाता है। यह आटा पूरी तरह से ग्लूटेन फ्री माना जाता है। बता दें कि, इस आटे का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इसके साथ ही आम दिनों में भी इस आटे का खाने में इस्तेमाल करने से वजन नियंत्रण, ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से निजात पाया जा सकता है। पौष्टिक तत्वों की बात करें तो इस आटे में ज़िंक, मैग्निसियम, विटामिन और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
सिंघाड़े को खासतौर से सर्दियों का फल माना जाता है और यह पानी में उगता है। हालाँकि मार्केट में यह आटा शाहबलूत के नाम से आपको कभी भी मिल सकता है। इस आटे को भी पौष्टिक तत्वों से भरपूर माना जाता है। इसकी ख़ासियत यह है कि, इससे रोटी और पूरी के अलावा और भी कई तरह की डिशें बनाई जा सकती हैं।
सबसे पहले बात करें कुट्टू के आटे की तो इसमें 75 प्रतिशत कार्ब्स और 25 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। यदि आप वेट लॉस पर हैं तो आपके लिए कुट्टू का आटा सबसे बेस्ट माना जाता है। खाने में इस आटे का इस्तेमाल करने से वजन कम करने में काफी मदद मिल जाती है। गेहूं के आटे की तुलना में इस आटे में कैलोरी काफी कम पाई जाती है, इसे कोलेस्ट्रॉल फ्री भी माना जाता है। ग्लूटेन फ्री होने की वजह इसे पाचन के लिए भी अच्छा माना जाता है। सिंघाड़े के आटे की बात करें तो इसे फाइबर से भरपूर माना जाता है, इसलिए यह देर से पचता है। इस आटे में पोटासियम और सोडियम की मात्रा काफी कम पाया जाता है। खाने में इसका इस्तेमाल करने से ऊर्जा मिलती है। व्रत के दिनों में इसका उपयोग काफी बेहतर माना जाता है। इसमें विटामिन और मिनिरल्स के साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बहरहाल इन दोनों ही आटे में विशेष पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी की वजह से दोनों ही वजन कम करने के लिए लाभकारी हैं।
हिसार, हरियाणा – हरियाणा के हिसार जिले के भाटोल जाटान गांव की कीर्ति बामल, जो…
मध्य प्रदेश, जिसे हम गर्व से Heart of Incredible India कहते हैं, अब सिर्फ घूमने…
अगर आप भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा IRCTC का इस्तेमाल करते हैं, तो…
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…