Middle Class Family Hindi Movies: आजकल लोगों को छोटे शहर की सिंपल और जमीन से जुड़ी कहानियों पर बनी फिल्में ज्यादा आकर्षित करती हैं। यही कारण है कि ऐसी फिल्मों की डिमांड बढ़ती जा रही है, जिनसे दर्शक खुद को रिलेट कर पाएं।
एक मध्यमवर्गीय परिवार(Middle Class Family) को एक स्थिर नौकरी, ठीक-ठाक घर चलाने योग्य तनख्वाह और मन की शांति के अलावा शायद ही कुछ और चाहिए हो। हालांकि, बदलते समय के साथ ही इन परिवारों में भी काफी कुछ बदल चुका है, लेकिन एक चीज जिससे मध्यम वर्ग का पुराना रिश्ता है, वह है – स्ट्रेस।
मध्यवर्गीय परिवार को हमेशा से ही दो वक्त की रोटी कमाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से वह हमेशा ही किसी न किसी तनाव का शिकार बना रहता है। ऊपर से इन दिनों आसमान छूती महंगाई ने पूरी तरह से इस वर्ग की कमर तोड़ दी है। ऐसे में बच्चों के पालन-पोषण, उनकी पढ़ाई-लिखाई और शादी-ब्याह जैसी चीजें उन्हें हमेशा ही चिंतित बनाए रखती हैं। इन्हीं कहानियों से प्रेरणा लेकर बॉलीवुड ने भी कई ब्लॉकबस्टर फिल्में(Blockbuster Films) बनाई जिन्होने बड़े पर्दे पर तो धमाल मचाया ही, साथ ही बेहद बारीकी से दर्शकों का दिल भी छुआ।
इस फिल्म में मिडिल-क्लास परिवारों में रिश्ता करते समय होने वाली बॉडी शेमिंग को दर्शाया गया है। भले आप कितने ही एडवांस क्यों ना हो गए हों, लेकिन घर की बहू/दामाद के लिए हमने पैरामीटर बनाए हुए हैं। रिश्ता करने के लिए हमें चाहिए गोरे-सुंदर लड़के-लड़कियां, चाहे वे बाद में कितना भी परेशान क्यों ना करें। वहीं सांवला या मोटा/दुबला होना हमेशा से ही समाज को खटकता आया है।
दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी ने इस फिल्म से बॉलीवुड में शानदार वापसी की थी। इस फिल्म में दी गई उनकी एक स्पीच हमेशा लोगों के दिलों में ताजा रहेगी। इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे जमाने के हिसाब से मॉडर्न ना होने वाली महिलाओं को शादी के बाद आए दिन अपनी सेल्फ-रिस्पेक्ट के साथ समझौता करना पड़ता है और मौका पड़ने पर बड़ों से लेकर बच्चे तक सभी उसे नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। हालांकि, हर मिडिल-क्लास परिवार में ऐसा नहीं होता, लेकिन ज्यादातर परिवारों की यही कहानी है।
घर में बेटी पैदा होने पर उसकी शादी की चिंता होना, हर मिडिल क्लास फैमिली में बेहद आम बात है। हर माँ-बाप जल्द से जल्द बेटी के हाथ पीले कराने की कोशिश करते हैं। ऐसे में यदि किसी कारणवश शादी टूट जाए तो दुनिया भर में बेज्जती होने का डर उन्हें हमेशा सताता रहता है। कुछ ऐसी ही कहानी है फिल्म ‘क्वीन’ की। हालांकि, पेरैंट्स को यह बात समझनी चाहिए कि एक स्ट्रॉन्ग और इंडिपेंडेंट लड़की अपने बलबूते पर भी अपनी ज़िंदगी बेहतर तरीके से जी सकती है।
इस फिल्म में मॉडर्न समाज की दकियानूसी सोच दिखाई गई है। कैसे बढ़ती उम्र में प्यार करना लोगों के गले से नीचे नहीं उतरता और कैसे वे इस सब का ठीकरा भी औरत के ही सिर पर फोड़ते हैं, यह फिल्म में बेहद संजीदगी से दिखाया गया है।
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इस फिल्म की कहानी मिडिल क्लास फैमिली(Middle Class Family Hindi Movies) के लगभग हर दूसरे घर की कहानी है। कैसे पूरा दिन कड़ी मेहनत करने के बाद भी एक पत्नी को अपने पति का प्यार नसीब नहीं होता। कैसे पति व बच्चों के साथ, घर की हर ज़िम्मेदारी संभालने के बाद भी उन्हें, सराहना के दो शब्दों की जगह, पति व परिवार के कड़वे बोल ही नसीब होते हैं।
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