Ashneer Grover resigns as BharatPe MD: भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कंपनी के एमडी और डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है. अशनीर का भारतपे के बोर्ड के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था. उन्होंने इसके खिलाफ सिंगापुर के इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में मध्यस्थता के लिए आवेदन किया था. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया.
अशनीर ने भारतपे के बोर्ड को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है, “मैं बड़े दुख के साथ इसे लिख रहा हूं, क्योंकि मुझे उस कंपनी को अलविदा कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिसे मैंने जन्म दिया. आज यह कंपनी फिनटेक की दुनिया में एक लीडर के रूप में खड़ी है. 2022 की शुरुआत से ही बदकिस्मती से कुछ लोगों ने न सिर्फ मेरी प्रतिष्ठा को बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए मुझे और मेरे परिवार को बिना किसी आधार के फंसाया है.” अशनीर ग्रोवर ने आगे लिखा, ‘भारतीय इंटरप्रेन्योरशिप का चर्चित चेहरा और भारत के युवाओं के लिए अपना बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा होने के बावजूद, मैं अपने इनवेस्टर्स और मैनेजमेंट के साथ लड़ाई लड़ने में अपना समय खराब कर रहा हूं. बदकिस्मती से इस लड़ाई में, मैनेजमेंट ने वास्तव में वह गंवा दिया जो दांव पर लगा था, और वह थी भारतपे. मैंने इस कम्पनी के लिए जितना फंड जुटाया था उससे तीन गुना मैं आप सबके लिए छोड़े जा रहा हूँ. आज और अभी से मैं कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और डायरेक्टर के पद से इस्तीफा देता हूँ.”
कुछ समय पहले अशनीर की पत्नी माधुरी जैन को भी कम्पनी के फंड के दुरुपयोग के आरोप में हेड ऑफ कंट्रोल पद से हटा दिया गया था. इससे पहले अशनीर ग्रोवर द्वारा कंपनी के गवर्नैंस रिव्यू कराने के फैसले को चुनौती देने वाली इमरजेंसी आर्बिट्रेशन प्ली को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर ने खारिज कर दिया था. 28 जनवरी को, भारतपे ने खुलासा किया था कि कंपनी ने गवर्नेंस रिव्यू कराने के लिए अलवारेज को नियुक्त किया है.
इससे पहले अशनीर ग्रोवर ने भारतपे के निवेशकों से 4,000 करोड़ रुपये की मांगे थे. उन्होंने कहा था कि अगर वे उन्हें कंपनी से बाहर करना चाहते हैं तो उन्हें उनकी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. कुछ समय पहले ग्रोवर ने कहा था कि वह उसी स्थिति में कंपनी छोड़ेंगे जब एक इनवेस्टर कंपनी की 6 अरब डॉलर की वैल्युएशन पर उनकी 9.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा.
भारतपे की शुरुआत 2018 में अशनीर ग्रोवर और शाश्वत नकरानी ने की थी. कम्पनी ने बहुत कम समय में फिनटेक मार्केट में अपनी जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की थी. इस कम्पनी के इन्वेस्टर्स में टाइगर ग्लोबल, ड्रैगनीयर इनवेस्ट ग्रुप, स्टेडफास्ट कैपिटल, कुटू मैनेजमेंट, रिबिट कैपिटल, इनसाइट पार्टनर्स, स्टेडब्यू कैपिटल, एम्प्लो, बीननेक्सट और सेक्विया जैसे बड़े नाम शामिल हैं
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