राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के तैलचित्र का अनावरण किया और उन्हें भारतीय राजनीति के महानायकों में से एक बताते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता हासिल करने एवं बचाने के लिए लोकतंत्र के सिद्धांतों एवं आदर्शों से समझौता नहीं किया।
संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह को उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘अटल जी के जीवन पर बहुत सी बातें की जा सकती हैं। घंटों तक कहा जा सकता है फिर भी पूरा नहीं हो सकता। ऐसे व्यक्तित्व बहुत कम होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत जीवन के हित के लिए कभी अपना रास्ता न बदलना, ये अपने आप में सार्वजनिक जीवन में हम जैसे कई कार्यकर्ताओं के लिए बहुत कुछ सीखने जैसा है।’’
मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में कोई दुश्मन नहीं होता है। लोकतंत्र में स्पर्धी होते हैं और स्पर्धी होने के बावजूद एक दूसरे के प्रति आदर भाव रखना, सम्मान के साथ देखना.. यह अटलजी से सीखने वाला विषय है।
राष्ट्रपति ने वाजपेयी का तैलचित्र बनाने वाले चित्रकार किशन कन्हाई को अंगवस्त्र पहना कर सम्मानित किया। यह तैलचित्र लोक अभियान संस्था ने तैयार कराया है। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री, सांसद एवं अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
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