भारत में बेटियों की दशा हम सभी जानते हैं। महिलाओं को बलात्कार, शारीरिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, एसिड अटैक और दहेज हत्या जैसे अपराधों का शिकार होना पड़ता है। इसके पीछे कोई बेटी को जन्म नहीं देना चाहता है और अगर उन्हें पता चल जाए तो भ्रूण हत्या जैसा अपराध करने पर भी आ जाते हैं। इसी दयनीय दशा को देखते हुए मोदी सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया इसके तहत कई सारी सरकारी योजनाएं चलती हैं जिसका फायदा बच्चियों को उनके सुनहरे भविष्य के लिए तैयार करती है।
बेटियों को जन्म देने को बढ़ावा देने के लिए, उन्हें काबिल बनाने के लिए मोदी सरकार हर महीने कोई ना कोई योजना लेकर आती है। इसका असर अब राज्य सरकारों में भी खूब देखने को मिल रहा है। 28 अप्रैल, 2017 को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी की बेटियों को ये तोहफा दिया। गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बेटी के परिवार को 50 हजार रुपये का बॉन्ड दिया जाएगा और इसी के साथ यूपी में भाग्यलक्ष्मी योजना भी शुरु की गई। इस योजना के तहत बेटी की मां को भी 5100 रुपये की धनराशि प्रदान की जाने लगी। यहां हम आपको 5 ऐसी ही मुख्य सरकारी योजनाएं बताने जा रहे हैं जिन्हें हर नागरिक को जरूर जानना चाहिए।
इस योजना को मध्यप्रदेश सरकार ने 1 जून, 2015 को लागू किया। इसमें जो बालिकाएं 1 जनवरी, 2006 के बाद जन्मी हैं उन्हें समय-समय पर ई-पेमेंट द्वारा भुगतान दिया जाएगा। इसमें कक्षा 6 में प्रवेश के लिए 2000 रुपये, 9वीं में 4000 रुपये और 11वीं-12वीं के दौरान 200 रुपये हर महीने देने की बात कही गई थी। बालिका के 21 साल के पूरे होने और 12वीं की परीक्षा में शामिल होने पर शेष राशि का भुगतान किया जाता है मगर इसमें शर्त है कि बच्ची की शादी 18 के बाद हुई हो।
इस योजना को महाराष्ट्र सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तर्ज पर शुरु किया था। जिसका लक्ष्य गरीबी रेखा से नीचे परिवार को मुख्य रूप से जोड़ना था। इस योजना के तहत बेटी के खाते में सरकार 21 हजार 200 रुपये जमा करवाती है और बेटी के 18 साल के पूरे होने तक 1 लाख रुपये दिया जाता है। इसकी शुरुआत 8 मार्च, 2015 को हुई और इसका फायदा राज्य के लोग उठा रहे हैं।
इस योजना में 1 हजार से डेढ़ लाख रुपये सालाना जमा कराया जाता है। इस योजना को पीएम मोदी ने लॉन्च किया था और इसका फायदा पूरे देश की बेटियों को मिल रहा है। हर साल आपकी ओर से तय अमाउंट 14 साल तक जमा किया जाता है और बेटी के 18 साल के हो जाने पर खाते में से आधा पैसा निकाला जा सकता है। तो वहीं 21 साल की बेटी के होने पर खाता बंद भी कर दिया जाता है।
इस योजना को केंद्र सरकार ने साल 2008 में लॉन्च किया था। इस योजना में बेटी का जन्म पंजीकरण, टीकाकरण, शिक्षा और 18 साल की आयु के बाद शादी किए जाने पर 1 लाख रुपये की बीमा राश दी जाती है। ये योजना छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर विकासखंड और बीजापुर जिले भोपालपट्टनम विकासखंड में लागू किया गया।
इस योजना को राजस्थान सरकार ने लागू किया गया था। इसमें बेटी जन्म को प्रोत्साहित करने और मातृ मत्यु दर को कम करने का उद्देश्य सामने रखा गया था। इसके अंतर्गत शासकीय चिकित्सालयों में बालिका के जन्म होने पर प्रसूता को 2100 रुपये का चेक दिया जाता है और बेटी के जन्म के 1 साल होने पर टीके लगवाने पर 2100 रुपये का चेक दिया जाता है। 5 साल पूरे होने पर मां को 3100 रुपये का चेक दिया जाता तो कुल मिलाकर बेटी की मां को 7 हजार 3 सौ रुपये की धनराशि दी जाती है।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…