E-Cigarette Ban: नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को दो बड़े ऐलान किए हैं। जिसके तहत वह रेल कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देगी। जिन कर्मचारियों को बोनस दिया जाएगा। उस सूची में रेलवे के करीब 11 लाख 52 हजार कर्मचारी शामिल हैं। इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कर्मचारियों को बोनस देने के लिए केंद्र सरकार पर करीब 2024 करोड़ का भार आएगा। इसके साथ नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए भारत से ई सिगरेट को पूरी तरह से बैन कर दिया है।
इस मामले में सरकार की तरफ से जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट पर बैन का मतलब इसके उत्पादन, आयात-निर्यात, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि सरकार के नए फैसले से ई-सिगरेट के जरिए धुम्रपान सीख रहे युवाओं पर लगाम लगेगी।
इस मौके पर मौजूद रही स्वास्थ्य और परिवार विभाग की सचिव प्रीति सुदन ने कहा कि नए नियमों के मुताबिक अगर कोई ई-सिगरेट बेचता है, इंपोर्ट या एक्सपोर्ट करता है। तो पहली बार में उसे 1 साल की सजा या 1 लाख का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। वहीं अगर कोई आगे भी ये अपराध करता है तो तो 3 लाख का जुर्माना या फिर 5 साल की सजा या फिर दोनों हो सकता है। माना जाता है कि ई-सिगरेट के 400 ब्रांड हैं, हालांकि भारत में ई सिगरेट का कोई ब्रांड नहीं बनता है। रिपोर्ट के मुताबिक ई सिगरेट के 150 फ्लेवर बाजार में मिलते हैं। कैबिनेट द्वारा बैन की लिस्ट में ई-हुक्का भी शामिल है।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, ई-सिगरेट या स्टीम सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक उपकरण होता है। जो कि निकोटीन या गैर निकोटीन की भाप निकालता है। इसके कश से धूम्रपान किया जाता है। यह उपकरण भाफ की तरह काम करता है। तो इससे निकलने वाले भाव के कारण आसपास मौजूद लोगों को कोई परेशानी नहीं होती। यह सिगरेट सिगार और पाइप जैसे उत्पादों का एक विकल्प है। 2003 में एक चीनी फार्मेसिस्ट होम लिक ने ई-सिगरेट की इजात की थी और अगले साल ही इसे बाजार में पेश किया था। उनकी कंपनी गोल्डन ड्रैगन होडिंग ने 2005 2006 में विदेशों में इसकी बिक्री शुरू की। बाद में कंपनी ने इस उपकरण का नाम रुयान रख दिया। यानी धूम्रपान जैसा, समय के साथ-साथ लोगों के बीच ई सिगरेट पीने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। माना जाता रहा है कि इस सिगरेट को पीने से लोगों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है और वह स्वस्थ बना रहता है। यही वजह है कि इसे पीने वाले लोगों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ कान्स ने एक शोध किया। जिसमें यह पाया गया कि सिगरेट का सेवन करने वाले लोगों में डिप्रेशन होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। ई सिगरेट के ऊपर हुए इस शोध ने उन सभी दावों को खारिज कर दिया, जो इस बात की पैरवी कर रहे थें कि इसके सेवन से स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। इस शोध को और भी सटीक और प्रमाणिक बनाने के लिए कंपनी ने शोध के दौरान करीब 400 लोगों को इसमें शामिल किया। यह वो लोग थें। जो ई सिगरेट का सेवन करते थे। इसमें पाया गया कि सिगरेट का सेवन करने से लोगों में हार्ट अटैक होने की संभावना 56% तक बढ़ जाती है। यह शोध सबको चौंका देने वाला था। कई सारे लोग जानते हैं कि तंबाकू वाले इस तरह के उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होते हैं। बावजूद इसके इन चीजों से लोग दूर नहीं रह पाते हैं। बहरहाल कहीं ना कहीं इस शोध के बाद ही भारत जैसे देश ने ई सिगरेट पर पूरी तरह से प्रबंध प्रतिबंध लगा दिया है।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…