Famous Indian Raw Agents भारत के जवान हमारी सुरक्षा और मातृभूमि के लिए अपनी जान न्योछावर करते रहे हैं यह हम सुब जानते हैं। परन्तु बहुत कम लोग उन बहादुरों के विषय में भी जानते होंगे जिन्होंने पाकिस्तान में रहकर हिंदुस्तान की सुरक्षा की है।
रवींद्र कौशिक एक कलाकार थे। भारतीय रॉ अधिकारियों की नजर उन पर पड़ी और वह उनके लिए काम करने लगे। इसके बाद उन्हें 2 साल तक उर्दू, इस्लामी धार्मिक ग्रंथ और पाकिस्तान के इलाकों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। वहीं 1975 उन्होंने जासूस अहमद शाकिर के रूप में पाकिस्तान में कदम रखा और वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद रवींद्र को कमीशन अधिकारी के रूप में पाकिस्तानी सेना में नौकरी मिल गई और उनके अच्छे काम को देखते हुए, उन्हें मेजर पद दे दिया गया। इसके बाद उन्होंने अमानत नामक पाकिस्तानी लड़की शादी भी की थी। कहा जाता है कि 1979-1983 के बीच उन्होंने भारत को कई अहम जानकारियां दी। वहीं रॉ ने रवींद्र से मिलने के लिये निचले स्तर के और अन्य जासूस को पाकिस्तान भेजा और उसकी गड़बड़ी की वजह से रवींद्र की असलियत पाकिस्तान के सामने आ गई, जिसके बाद 1985 में उन्हें जेल में डाल दिया गया। 16 वर्ष उन्होंने जेल में बिताए, जहां 2001 में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। वहीं रवींद्र के बहुमूल्य योगदान के लिये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें ब्लैक टाइगर नाम दिया था।
35 साल तक पाकिस्तान की जेल में रहने वाले कश्मीर सिंह ने एक बार भी ये नहीं माना कि वो भारतीय हैं और पाकिस्तान जासूसी करने गये थे। रिपोर्ट के अनुसार, देश की सैन्य खुफिया एजेंसी में नियुक्त होने से पहले वो 480 रुपये के वेतन पर भारतीय सेना में काम करते थे। पाकिस्तान के लाहौर में वो गेस्टहाउस में किराये पर कमरा लेकर रहते थे। कश्मीर सिंह को पाकिस्तानी सेना के राजनीतिक स्थानों की तस्वीरें खींचने का काम दिया गया था, लेकिन 1973 में एक व्यक्ति द्वारा उनकी वास्तविक पहचान हो गई और भारतीय जासूस के तौर पर उन्हें गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया था।
मोहनलाल भास्कर भारत के ऐसे जासूस थे, जिन्होंने देश के लिये अपना खतना तक कर लिया। भारत की तरफ से उन्हें जासूसी के लिये चुना गया, जिसके बाद उनका धर्म परिवर्तन हुआ और वो मोहनलाल भास्कर से मोहम्मद असलम बन गये। इसके बाद परमाणु कार्यक्रम के बारे में जानकारी हासिल करने के लिये उन्हें पाकिस्तान भेज दिया गया। भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए एक डबल एजेंट के रूप में काम करने वाले उनके एक सहयोगी ने उन्हें धोखा दे दिया, जिसके बाद पाकिस्तान को उनकी असलियत पता चल गई और मोहनलाल को 14 साल के लिये जेल भेज दिया गया। पाकिस्तान की जेल से निकलने के बाद उन्होंने ‘एन इंडियन स्पाइ इन पाकिस्तान’ नामक एक उपन्यास भी लिखा था।
भारत के जेम्स बॉन्ड कहे जाने वाले अजीत डोभाल ने अपनी 7 साल पाकिस्तान में बिताये हैं। एक पाकिस्तानी मुस्लिम बन कर उन्होंने भारतीय सेना को कई अहम जानकारियां दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने 1989 में ‘ऑपरेशन ब्लैक थंडर’ का भी सफल नेतृत्व किया, जिसका मकसद अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालना था। यही नहीं, अजीत डोभाल ने इस्लामाबाद में 6 साल तक भारतीय उच्चायोग में काम किया। वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप कार्य वाले अजीत डोभाल को भारत के दूसरे सर्वोच्च पीसटाइम गैलेन्टरी अवार्ड, कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।
देश की बहादुर महिला सरस्वती राजमणि का जन्म बर्मा में हुआ था और 1942 में वो सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना में शामिल होने में कामयाब रही। देश के लिये कुछ कर करने का जज्बा लिये वो महज 16 साल की उम्र में झांसी रेजिमेंट की रानी का हिस्सा बनी, जो आईएनएस की सैन्य खुफिया शाखा थी। अंग्रजों से अहम जानकारी हासिल करने के लिये उन्होंने अपनी महिला साथियों के साथ मिलकर लड़कों का रूप धारण किया था।
Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…
Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…
Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…
Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…
Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…
Parsi Death Ceremony in Hindi: दुनिया तेजी से बदल रही है और इसी क्रम में…