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Income Tax Return सुप्रीम कोर्ट में 6 फरवरी, बुधवार को न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की ने फैसला सुनाते हुये आयकर कानून की धारा 139एए को सही ठहरा दिया है।
पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 26 सितंबर, 2018 को अपने फैसले में केन्द्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार देते हुये कहा था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन नंबर के आबंटन के लिये आधार अनिवार्य होगा परंतु बैंक खातों के लिये आधार आवश्यक नहीं है। इसी तरह मोबाइल कनेक्शन के लिये दूरसंचार सेवा प्रदाता भी आधार नहीं मांग सकते हैं।
पहले याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया था कि आदेश के बावजूद और कई कोशिशें करने के बाद भी हम वे अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग के दौरान आधार नंबर या आधार इनरोलमेंट नंबर उपलब्ध ना कराने का विकल्प ही नहीं था।
केंद्र की अपील का निपटारा करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कर आकलन वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न शीर्ष अदालत के फैसले के अनुरूप दाखिल करना होगा।
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