प्रसिद्ध हिंदी के साहित्यकार नामवर सिंह (Namwar Singh) का दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ निधन, वे 92 वर्ष के थे। वे पिछले एक महीने से दिल्ली के एम्स अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे। जहाँ पर उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। नामवर सिंह का अंतिम संस्कार दोपहर 3 लोदी रोड शवगृह में किया जाएगा।
नामवर सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के (चंदौली) वाराणसी मे 28 जुलाई 1927 मे हुआ था। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमए और पीएचडी की, फिर उन्होने कई वर्षो तक पढ़ाया। नामवर सिंह उर्दू भाषा के भी बड़े जानकार थे। इनके परिवार मे एक पुत्र और पुत्री है। उनकी पत्नी का निधन कई वर्षो पहले ही हो गया था।
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने उनके निधन पर ट्वीट में लिखा, ‘हिंदी में फिर सन्नाटे की खबर। नायाब आलोचक, साहित्य में दूसरी परम्परा के अन्वेषी, डॉ नामवर सिंह नहीं रहे। मंगलवार को आधी रात होते-न-होते उन्होंने आखिरी सांस ली। कुछ समय से एम्स में भर्ती थे। 26 जुलाई को वह 93 के हो जाते। उन्होंने अच्छा जीवन जिया, बड़ा जीवन पाया। नतशीश नमन’
उनकी प्रमुख रचनाए बकलम खुद, हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग, आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियां, छायावाद, पृथ्वीराज रासो की भाषा, इतिहास और आलोचना, कहानी नई कहानी, कविता के नए प्रतिमान, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद जैसी आलोचना और कहना न होगा जैसे रचनाएं शामिल है।
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