देश

निर्भया केस : वकील सीमा कुशवाहा के बिना ये जीत नहीं थी संभव, जानें कैसे ख़ास रही उनकी भूमिका !

Advocate Seema Kushwaha: आज 20 मार्च 2020 के दिन को इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए खास माना जाएगा। भारतीय संविधान के लिए भी इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आज निर्भया के दोषियों को अंततः फांसी पर लटका दिया गया है। सात साल से भी ज्यादा समय तक चलने वाले इस केस पर पूरे देश की नजर थी। निर्भया के परिवार वालों को ये जीत दिलाने में सबसे बड़ी भूमिका उनके वकील सीमा कुशवाहा की रही है। जी हाँ, आज सुबह 5.30 बजे जब फांसी के बाद मीडिया कर्मियों ने निर्भया की माँ आशा देवी से कुछ सवाल पूछे तो उन्होनें बेझिझक इस जीत का सबसे पहला श्रेय सीमा को दिया।

republicworld

सीमा कुशवाहा ने सात सालों तक निशुल्क लड़ा ये केस

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, निर्भया केस में चारों बलात्कारियों को फांसी की सजा दिलाने में सीमा कुशवाहा निर्भया की वकील ने बहुत मेहनत की है। जानकारी हो कि, साल 2012 में जब निर्भया के साथ वो वीभत्स्य घटना घटी थी, उसी समय सीमा ने इस केस को निशुल्क लड़ने का फैसला लिया था। सात सालों तक दोषियों के वकील को मात देते हुए और उसके हर वार का जवाब पूरी होसियारी से देते हुए उन्होनें निर्भया को आज आखिरकार इंसाफ दिला ही दिया। पिछले सात सालों से सीमा निर्भया के परिवार के साथ एक मजबूत खंभा बनकर खड़ी रही हैं। इस दौरान निर्भया की माँ आशा देवी जी के साथ उनका काफी इमोशनल रिश्ता भी जुड़ गया है। बता दें कि, सीमा कुशवाहा यदि इस केस को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में लेकर जाने की अपील नहीं करती तो शायद आज भी निर्भया को इंसाफ नहीं मिल पाता।

बनना चाहती थीं आईएएस बन गई वकील (Advocate Seema Kushwaha Story)

निर्भया केस सीमा कुशवाहा के करियर का पहला केस है,जिसे उन्होनें बिना एक पैसा लिए लड़ा है। सीमा ने अपने कई इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया है कि, ये केस एक औरत होने के नाते भी उनके लिए लड़ना और जीत हासिल करना काफी महत्वपूर्ण था। मालूम हो की सीमा कुशवाहा उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं, शुरुआत में वो एक आईएएस अफसर बनना चाहती थी लेकिन किस्मत ने उन्हें वकील बना दिया। साल 2012 में वो इस प्रोफेशन की ट्रेनिंग ले रही थी। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी दोषियों को सजा दिलाने के लिए सीमा ने जो लड़ाई लड़ी है वो वकाई में तारीफ के काबिल है। जब इस मामले को अंतराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाने की बात चल रही थी उस समय भी उन्होनें इस फैसले का डटकर सामना किया और इसे भारतीय संविधान के लिए एक दुःख की बात बताई।

बहरहाल इतने सालों की मेहनत के बाद आखिरकार निर्भया को इंसाफ दिलाने में सीमा सफल रही। उन चारों दोषियों को फांसी की सजा होने से आज ना केवल निर्भया के परिवार को सुकून मिला बल्कि उन सभी लोगों ने सुकून की सांस ली जो लोग इन दरंदिगी की घटना के खिलाफ खड़े थे।

Facebook Comments
Indira Jha

Share
Published by
Indira Jha

Recent Posts

हिमाचल प्रदेश की वो झील जहां अंधेरे में आती हैं परियां, जानें क्या है इस फेमस लेक का राज़

Facts About Chandratal Lake In Hindi: भारत में हज़ारों की संख्या में घूमने की जगहें…

1 week ago

घर में ही शुगर लेवल को ऐसे करें मैनेज, डॉक्टर के चक्कर काटने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत

Blood Sugar Control Kaise Kare: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बीमारियों को समाज…

1 week ago

इन बीमारियों का रामबाण इलाज है गोंद कतीरा, जानें इस्तेमाल करने का सही तरीका

Gond Katira Khane Ke Fayde: आयुर्वेद विज्ञान से भी हज़ारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रंथों…

2 weeks ago

दिलजीत दोसांझ को फैन के साथ किया गया फ्रॉड, सिंगर के इस कदम ने जीता सबका दिल

Diljit Dosanjh Concert Scam: भारतीय गायक दिलजीत दोसांझ किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वे…

3 weeks ago

आखिर क्या है वायु कोण दोष? जानिए ये कैसे होता है और इसके प्रभाव क्या हैं?

Vayu Kon Dosha Kya Hota Hai: पौराणिक मान्यताओं व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना…

4 weeks ago