Ozone Layer Coronavirus: भारत को मिलाकर इस समय दुनिया के लगभग सभी, सबसे ज्यादा आबादी वालों देशों में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। इन देशों में अमेरिका, चीन, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, अरब देश, और कई बड़े देश शामिल हैं। जहां सड़कों पर ट्रैफिक हुआ करता था वहां आज सन्नाटा छाया हुआ है। फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं, न कोई प्रदूषण न कोई इसे फैलाने वाला काम। मानो पूरी दुनिया की रफ्तार जैसे थम सी गई है, लेकिन इससे एक बड़ा फायदा ज़रूर हुआ है। हमारी ओजोन लेयर में बना छेद अब धीरे-धीरे भर रहा है।
जी हां, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के रिसर्चर्स की मानें तो पृथ्वी के दक्षिणि हिस्से में स्थित अंटार्टिका के ऊपर बना ओजोन छेद अब भर रहा है। इसका कारण चीन को माना जा रहा है, क्योंकि चीन की ओर से आने वाला प्रदूषण अब उधर नहीं जा रहा है जिसके कारण ओजोन लेयर को फायदा पहुंचा है।
आपको बता दें कि लॉकडाउन से पहले जब सब ठीक चल रहा था तब प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा होने के कारण, पृथ्वी के ऊपर चलने वाली जेट स्ट्रीम यानी वह हवाएं जो कई देशों के होकर गुज़रती हैं। वह ओजोन लेयर में छेद होने के चलते दक्षिणी हिस्से की ओर जा रही थीं। अब उन हवाओं का रुख बदल गया है।
यूनिवर्सिटी की एक शोधकर्ता अंतरा बैनर्जी के मुताबिक, यह एक अस्थाई बदलाव ज़रूर है मगर ये बदलाव काफी अच्छा है। वे बतातीं हैं कि चीन में हुए लॉकडाउन की वजह से यह हवाएं सही दिशाओं में जा रही हैं और कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होनेे के कारण ओजोन भर रहा है।
कई आंकड़ों से पता चलता है कि चीन में सबसे ज्यादा ओजोन को घटाने वाले तत्व छोड़े जाते हैं। लेकिन वहां अभी सब कुछ लॉकडाउन होने कारण कोई तत्व हवा में नहीं जा रहा है जिससे ओजोन का छेद भर रहा है। बताया जाता है कि वर्ष 2000 से पहले पृथ्वी की जेट स्ट्रीम इसके बीचों-बीच घूमती थीं। लेकिन बढ़ते प्रदूषण की वजह से यह दक्षिणी हिस्से की तरफ घूम गईं। इसी कारँ ओजोन लेयर में छेद हो गया। ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के मौसम में भारी बदलाव हुआ और सूखा पड़ने जैसी समस्याएं सामने आने लगीं।
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अंतरा और उनकी टीम ने अपनी रिसर्च में बताया कि जेट स्ट्रीम का रुख सुधर रहा है और ओजोन लेयर का छेद भरता नज़र आ रहा है। अंतरा बताती हैं कि अगर ऐसे ही कुछ समय तक पूरी दुनिया प्रदूषण कम करती है तो ऑस्ट्रेलिया के मौसम में सुधार आएगा। और साथ ही ओजोन लेयर का छेद भी भर सकता है।
आपको बताते चलें कि दुनिया में चीन में सबसे ज्यादा इंडस्ट्रियां सक्रिय हैं जिनसे करीब 60 प्रतिशत तक प्रदूषण फैलता है। लेकिन सिर्फ 2 महीने के लॉकडाउन ने सालों से बढ़ रहे ओजोन लेयर के छेद को भरने का काम किया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर प्रदूषण की समस्या बढ़ने पर भी लॉकडाउन अपनाया जाए तो पृथ्वी का तापमान बढ़ना कम हो सकता है। साथ ही ग्लोबल वार्मिंग कम होगी। और ओजोन लेयर का छेद जल्द भर जाएगा जिसकी वजह से प्रकृति पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
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