Covid-19: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के फैलाव को लेकर दुनिया के लगभग सभी देश इस वायरस को दूर करने के वैक्सीन के निर्माण में जुटे हैं। जैसा की शुरुआत में ही इस वायरस के बारे में कहा गया था कि, इसका कोई इलाज नहीं है ये आपकी इम्युनिटी पर डिपेंड करता है कि वो कितनी मजबूत है। लेकिन अब काफी समय के बाद इस क्षेत्र में अमेरिकी वैज्ञानिकों के हाथ सफलता लगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा वैक्सीन बना लिया है जो आपके शरीर में उसी जगह पर असर करेगी जहाँ पर वायरस मौजूद होगा। आइये आपको बताते हैं इस खबर के बारे में विस्तार से।
अमेरिका को यूँ ही महाशक्ति नहीं कहा जाता है बल्कि उनके पास महाशक्ति कहलाने के सभी तथ्य और शक्ति मौजूद है। इस बात का परिचय हाल ही में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से दे दिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का तोड़ निकाल लिया है। आपको बता दें कि, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के उस टारगेट एंटीवायरस का निर्माण कर लिया है जिसके प्रभाव से आपके शरीर में कोरोना वायरस जहाँ भी चिपका होगा उसका खात्मा हो जाएगा। हालांकि इस वैक्सीन को बनाने में उन्हें काफी खोज करनी पड़ी। अमेरिका के कर्नेल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सबसे पहले कोरोना की प्रकृति को कुछ सालों पहले आए एक वायरस सार्स और मर्स से मिलाकर देखा। इसमें पाया गया कि, कोरोना के 93 प्रतिशत लक्षण इससे मिलते हैं।
वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के जिस संरचना का पता लगाया है उसके अनुसार इस वायरस का बाहरी परत कंटीला है जो एक ख़ास प्रकार के प्रोटीन से मिलकर बना है। वैज्ञानिकों की माने तो कोरोना शरीर में प्रवेश करने के बाद उन कोशिकाओं पर प्रहार करता है जो सबसे ज्यादा कमजोर होती है। इसके बाद ये वायरस शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस समय अमेरिकी वैज्ञानिक विशेष रूप से कोरोना वायरस शरीर में किस प्रकार से प्रवेश करता है इस बारे में अध्ययन कर रहे हैं। इस वायरस का शरीर में प्रवेश करना और कोशिकाओं पर अपना प्रहार करना एक लंबी प्रक्रिया है। पहले ये वायरस पता लगाती है कि शरीर के किस कोशिका पर हमला किया जाए। इसके बाद कोरोना वायरस का कंटीली परत उन कोशिकाओं से जाकर चिपक जाता है।
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Covid-19 के बाहरी परत को फ्यूज़न पेप्टाइड के नाम से जाना जाता है। फिलहाल अमेरिकी वैज्ञानिक इस वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकने वाले वैक्सीन को बनाने में जुटे हैं। उम्मीद है जल्द ही इस वायरस को पूरी तरह से शरीर में रोकने वाले वैक्सीन का भी निर्माण कर लिया जाएगा।
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