Corona: जैसी महामारी के कारण बहुत से देश अस्त व्यस्त हो गए हैं। बहुत से देशों में लॉकडाउन की स्थिति पैदा हो गई है। भारत में भी 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था, परंतु स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भी कड़े कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि ऐसा करने से जल्द ही हम महामारी से बाहर निकल पाएंगे।
वैज्ञानिकों के अनुसार पता चला है कि, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कम से कम 2022 तक करना बहुत ही आवश्यक है। कारणवश कोरोना आने वाले सालों में और भी अधिक तबाही मचा सकता है। इससे निजात पाने के लिए केवल सोशल डिस्टेंसिंग ही इसका सबसे बड़ा अस्त्र है।
जर्नल साइंस में प्रकाशित हुए शोध के द्वारा यह बतलाया गया है कि, केवल एक बार देश में लॉकडाउन से महामारी से निजात पाना बहुत ही कठिन है। यदि इसके रोकथाम के लिए नियमानुसार पालन नहीं किया गया तो, इसका दूसरा चरण बहुत ही भयावह हो सकता है।
हावर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एवं स्टडी के लेखक मार्क लिपसिच ने बतलाया कि, संक्रमण दो चीजों की कमी पर फैलता है, पहला संक्रमित व्यक्ति एवं दूसरा वह जिसका इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ही कमजोर होता है, उनका कहना है कि जब तक देश में सभी का इम्यूनिटी सिस्टम विकसित नहीं हो जाता, तब तक दुनिया का एक बड़ा भाग इसकी चपेट में आने से नहीं बच पाएगा।
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यदि 2025 तक इसकी वैक्सीन नहीं खोजी जा पाएगी तो, कोरोना वायरस दोबारा दुनिया में पैर पसार सकता है। महामारी विशेषज्ञ मार्क कहते हैं कि, वर्तमान में चल रही कोरोना की महामारी को देखते हुए, आने वाले गर्मियों के मौसम में इस महामारी के अंत की भविष्यवाणी करना ठीक नहीं है।
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