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नहीं रहीं अनाथ बच्चों की ‘माई’ सिंधुताई सपकाल, हजारों बच्चों के लिए थी एकमात्र सहारा

Sindhutai Sapkal Dies: सिंधुताई सपकाल को लोग महाराष्ट्र की ‘मदर टेरेसा’ के रूप में भी जानते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन अनाथ बच्चों को पालने और उनका जीवन संवारने में न्यौछावर कर दिया। उनके इस बेहतरीन काम को भारत सरकार ने भी सराहते हुए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था।

बचपन में ही हो गई थी शादी

सिंधुताई का जन्म महाराष्ट्र(Maharashtra) के वर्धा में हुआ था। उन्होंने सिर्फ चौथी क्लास तक पढ़ाई की थी। बचपन में ही उनकी शादी उनसे उम्र में दोगुने आदमी से करवा दी गई थी। उन्होंने शादी के बाद आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उनके ससुराल वाले इसके लिए बिल्कुल राजी नहीं हुए। जब अपने खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई तो गर्भवती होते हुए भी ससुराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया। जब वह अपने मायके वालों के पास मदद मांगने पहुंची, तो उन्हें वहां भी जगह नहीं मिली।

भीख मांगने को हो गयी थी मजबूर

तमाम संघर्षों को झेलकर उन्होंने अकेले ही एक बेटी को जन्म दिया। आय का कोई साधन न होने के कारण उन्होंने ट्रेनों और सड़कों पर भीख मांगना शुरू कर दिया। अपनी और अपनी बेटी की सुरक्षा के डर से कई बार उन्होंने कब्रिस्तानों और गौशालाओं में भी रातें बिताईं। इसी दौरान सिंधुताई ने अनाथ बच्चों के साथ समय बिताना शुरू किया। लगभग एक दर्जन अनाथ बच्चो को उन्होंने गोद लिया और उन्हें पालने की ज़िम्मेदारी उठा ली।

ऐसे बना पहला आश्रम

सिंधुताई(Sindhutai Sapkal) ने लगभग 2000 अनाथ बच्चों को गोद लिया था। सालों बाद, 1970 में, उनके शुभचिंतकों ने उनका पहला आश्रम चिखलदरा, अमरावती में स्थापित करने में मदद की। उनका पहला एनजीओ, सावित्रीबाई फुले गर्ल्स हॉस्टल, भी चिखलदरा में ही बना और पंजीकृत हुआ था। बच्चे उन्हें प्यार से माई कहकर बुलाने लगे।

कई बार हुई पुरस्कृत

सिंधुताई के अच्छे काम को देखते हुए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने उन्हें पुरस्कृत किया। जिसमें नारी शक्ति पुरस्कार भी शामिल है, जो उन्हें 2017 में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रदान किया गया था। पिछले साल भारत सरकार की तरफ से उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं साल 2010 में उनके जीवन पर आधारित एक मराठी फिल्म ‘मी सिंधुताई सपकाल’ भी बनाई गई थी।

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राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

सिंधुताई सपकल पिछले डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थीं और आखिरकार दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर से सभी दुखी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई लोगों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की। आज राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उनके निधन पर शोक जताते हुए लिखा था कि “महाराष्ट्र ने एक मां खो दी है“।

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