Sushma Swaraj Last Tweet: अपनी हाजिर जवाबी और जनता को सबसे पहले मदद पहुंचाने वाली पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि सुषमा स्वराज इतनी जल्दी इस दुनिया को अलविदा कह जाएगी। सुषमा स्वराज अपनी छात्र अवस्था से ही राजनीति में काफी सक्रिय थीं। सुषमा स्वराज को भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता के रूप में तो लोग जानते ही थें। लेकिन देश विदेश में उनकी अपनी एक स्वतंत्र छवि भी थी। एक विदेश मंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल काफी चर्चा में रहा। उन्होंने सोशल मीडिया को अपने एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। देश-विदेश से कोई भी अगर ट्विटर के माध्यम से सुषमा स्वराज से मदद मांगता था। तो वह तुरंत उसकी मदद करने में जुट जाती थी और बेहद कम समय में जरूरतमंद को राहत पहुंचाने का काम करती थीं। कुछ शब्दों में अगर सुषमा स्वराज की छवि को उकेरा जाए तो एक ओजस्वी वक्ता, तेजतर्रार नेता और कुशल टास्कमास्टर के रूप में उनकी पहचान की जा सकती है। आज देश ने भले एक कुशल नेता को खो दिया। लेकिन सुषमा स्वराज की उपलब्धियां और उनका नाम भारतीय राजनीति के इतिहास में दर्ज हो चुका है।
सबके दिलों के दर्द और मन की परेशानी को समझने वाली सुषमा शायद यह समझ गई थी कि अब वह इस दुनिया को छोड़ कर जाने वाली हैं। भारत के प्रधानमंत्री को लिखा उनका आखिरी ट्वीट इस बात की गवाही देता है। अपने आखिरी ट्वीट में उन्होंने जो लिखा है। उसे पढ़ कर ऐसा लगता है कि मानो उन्हें इस बात की अनुभूति हो चुकी है कि वह इस दुनिया को छोड़ कर जाने वाली है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म होने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए अपने ऑफिशल टि्वटर हैंडल से लिखा, “प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।”
सुषमा स्वराज शुरुआत से ही एक मुख्य वक्ता रही है जब वह सदन के भीतर या सदन के बाहर बोलती थीं तो हर किसी का ध्यान उनके एक-एक शब्दों पर टिका होता था। बात 1996 की है, जब अटल बिहारी वाजपेई की सरकार महज 13 दिनों में ही गिर गई थी। जिसके बाद सदन में सुषमा स्वराज ने एक बेहद दमदार भाषण दिया। इस दौरान वह सरकार गिराने वाली पार्टियों पर जमकर बरसीं, अपने भाषण में उन्होंने रामायण और महाभारत के प्रसंगों को दोहराया और कहा कि आज भारत में राम राज्य की नींव पड़ी है।
सुषमा स्वराज अपने हाजिर जवाबी के लिए जानी जाती थी ऐसे कई मौके आए जब ट्विटर और सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने उन्हें ट्रोल किया। लेकिन सुषमा स्वराज ने अपना आपा नहीं खोया बल्कि बेहद शालीनता से उनको मुंहतोड़ जवाब दिया साल 2018 में लखनऊ के एक दंपत्ति के पासपोर्ट का मामला जब सामने आया। तो सुषमा स्वराज ने उनकी मदद की जिसके बाद ट्रैवलर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। इसके बाद सुषमा ने उन ट्रोलर्स के ट्वीट को लाइक किया और कहा कि अपशब्द कहने वालों के ट्वीट को मैंने लाइक किया है।
आम तौर पर नेता सरकारी आवास खाली करने में आनाकानी करते हैं। कई बार तो मंत्री पद पर ना होने के बावजूद भी नेता अपने सरकारी आवास में सालों साल तक बने रहते हैं। लेकिन सुषमा स्वराज ने जैसे ही विदेश मंत्री की कुर्सी छोड़ी। उन्होंने सबसे पहले अपने सरकारी आवास खाली कर दिया। रिपोर्ट की मानें तो उन्हें इसके लिए नोटिस भी नहीं जारी करनी पड़ी। बंगला खाली करने के बाद उन्होंने ट्वीट करके इस बात की जानकारी भी दी थी।
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