देश

अमेरिका में अब लड़कियां नहीं करा पाएंगी गर्भपात! आया नया Rule, जानें भारत में इसके हैं क्या नियम?

Roe v Wade: 2 मई को अमेरिका में पोलिटिको नाम के जर्नल की रिपोर्ट ने बहुत बड़ा दावा किया है. उन्होंने ऐसा दावा किया जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का ड्राफ्ट है जिसे औपचारिक तौर पर अभी नहीं सुनाया गया है. पोलिटिको के दावे के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट गर्भपात पर 1973 के ऐतिहासिक रो बनाम वेड फैसले को पलटने की तैयारी में है. जजों की बेंच ने बहुमत ने महिलाओं से गर्भपात का अधिकार छीनने में सहमति जताई है. उस लैंडमार्क में कोर्ट ने अनचाहे गर्भ से छुटकारे को महिलाओं का संवैधानिक अधिकार बताया और पोलिटिको की रिपोर्ट के बाद 3 मई को सुप्रीम कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में गर्भपात के अधिकार के समर्थन में प्रदर्शन किया.

क्यों मचा हुआ है अमेरिका में हंगामा?

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ड्राफ्ट लीक हुआ है जिसपर प्रेसिडेंट जो बाइडन ने कहा, ‘ये महिलाओं का मौलिक अधिकार है तो वे तय कर सकती हैं कि उन्हें अपने गर्भ का क्या करना है.’ सुप्रीम कोर्ट अगर रो बनाम वेड फैसले को पलटता है तो भी अमेरिका के हर राज्य में गर्भपात एकदम गैरकानूनी नहीं रहेगा. राज्यों को तय करने का अधिकार होगा कि वे गर्भपात पर कानून बनाएं या नहीं. इसका तर्क ये है कि लोग चाहते हैं कि महिलाओं को अधिकार होने चाहिए अपने गर्भ को कैसे उपयोग में लाना है. साथ ही महिलाओं को ये कानून मानने की पूरी छूट होगी और चिंता नहीं करना चाहिए. मगर ये भी सच है कि खबरों के मुताबिक, अलबामा, जॉर्जिया, इंडियाना सहित अमेरिका के 24 राज्य गर्भपात को बैन कर सकता है.

रो बनाम वेड क्या होता है?

रो बनाम वेड क फैसला क्या होता है, ये क्यों जरूरी है इसके बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए. ऐतिहासिक फैसला नॉर्मो मैककॉर्वी नाम की एक महिला की खबर आई थी, अदालत कार्यवाही में उन्हें ही जेन रो नाम दिया गया था. असल में हुआ ये था कि साल 1969 में मैककार्वी अबॉर्शन कराना चाहती थीं और उनके दो बच्चे पहले से थे. वह टेक्सस की रहने वाली थीं जहां पर गर्भपात कराना जुर्म है, इसकी इजाजत तभी मिलती है जब प्रेग्नेंसी में मां को खतरा होता है. मैककार्वी ने फेडरल कोर्ट में याचिका फाइल की कि टेक्सस का गर्भपात कानूनी रूप से असंवैधानिक है. यह मुकद्दमा काफी समय चला और बचाव पक्ष के तौर पर तत्कालीन डिसट्रिक्ट अटॉर्नी हेनरी वेड का नाम था. जनवरी, 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने मैककॉर्वी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए गर्भ का क्या करना है, गर्भपात कराना चाहिए या नहीं ये तय महिलाओं को करने का अधिकार है. तभी से इस कानून को रो बनाम वेड का नाम दिया गया.

भारत में गर्भपात पर क्या है कानूनी नियम?

साल 1971 में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) में एक एक्ट पास हुआ था जिसके मुताबिक भारत में अलग-अलग परिस्थितियों में महिलाओं को सुरक्षित गर्भापात करने का कानूनी अधिकार है. मगर साल 2021 में इसमें संशोधन किया गया जिसके तहत कुछ खास कैटेगरी की महिलाओं के मेडिकल गर्भापात के लिए गर्भ का समय सीमा 20 सप्ताह से बढाकर 24 सप्ताह कर दिया गया है. संशोधित कानून में रेप पीड़ित, कौटुंबिक व्यभिचार की शिकार या नाबालिग 24 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में मेडिकली टर्मिनेट करा सकती हैं. इसके अलावा भ्रुण में प्रेग्नेंसी के दौरान कोई बीमारी पनपती है या महिला की जान को खतरा है तो भी गर्भपात कराया जा सकता है. मगर किसी को भी 24 हफ्ते के ऊपर की प्रेग्नेंसी पर अबॉर्शन कराने का अधिकार नहीं है.

Facebook Comments
Sneha Dubey

Share
Published by
Sneha Dubey

Recent Posts

सनबर्न ने छुटकारा दिलाता है बर्फ, जानिए चेहरे पर इसका इस्तेमाल कैसे करें

Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…

5 days ago

इस खास तरीके से बनाएं होम मेड स्प्रिंग रोल शीट, रखें अपनी सेहत का ध्यान

Spring Roll Sheets Recipe in Hindi: स्प्रिंग रोल हर एक आयु वर्ग के लोगों के…

6 days ago

राम रक्षा स्त्रोत के पाठ से बनेंगे सभी बिगड़े काम, जानिए इस पाठ के महत्व के बारे में

Shri Ram Raksha Strot Padhne Ke Fayde: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा…

1 week ago

महाभारत काल से जुड़ा हुआ है कुरुक्षेत्र के माँ भद्रकाली पीठ, जानिए इसके इतिहास के बारे में

Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…

2 weeks ago