रूस और यूक्रेन के बीच कई सालों से रिश्ते बहुत ज्यादा अच्छे नहीं थे। पिछले कुछ महीनों से दोनों बीच तनाव का माहौल भी था। आखिरकार गुरुवार को दोनों के बीच युद्ध की शुरुआत हो गयी। आइये आसान शब्दों में जानते हैं कि आखिरकार इन दोनों देशों के बीच किस बात को लेकर विवाद है और क्यों रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है।
- रूस और यूक्रेन के बीच इस बार विवाद की जड़ नाटो यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन है। इसे 1949 में शुरू किया गया था. यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है जिससे रूस को हमेशा से परेशानी रही है।
- रूस का मानना है कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल हुआ तो नाटो देशों के सैनिक और ठिकाने उसकी सीमा के पास आ जायेंगे। नाटो के ‘पूर्व की ओर विस्तार’ को खत्म करने की मांग को लेकर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है, इससे यूरोप में युद्ध की शुरुआत हो सकती है।
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को पश्चिमी देशों की कठपुतली बताते हुए कहा है कि यह कभी पूर्ण देश नहीं था। उन्होंने पश्चिमी देशों से इस बात की गारंटी देने को भी कहा कि यूक्रेन नाटो से नहीं जुड़ेगा।
- यूक्रेन और रूस पहले सोवियत संघ का हिस्सा थे। इस वजह से यूक्रेन के रूस के साथ सामाजिक संबंध हैं और यहां रशियन बोलने वाले लोग बहुत ज्यादा हैं। लेकिन रूस के हमले के बाद से यह संबंध खराब हुए हैं।
- रूस ने यूक्रेन पर पहली बार तब हमला किया था जब इसके रूसी समर्थक राष्ट्रपति को वर्ष 2014 में हटा दिया गया था। इसके बाद से अब तक संघर्ष जारी है जिसमें14 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
- डोनबास क्षेत्र सहित पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष को रोकने के लिए रूस और यूक्रेन ने मिंस्क शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन चूंकि अब दोनों के बीच संघर्ष जारी है तो रूस का कहना है कि वो संघर्ष वाले क्षेत्रो में शांतिरक्षकों को भेज रहा है। लेकिन पश्चिमी देशों ने इसे रूस का ढकोसला करार दिया है.
- फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच यूरोपीय यूनियन की सीमा को लेकर तनाव है। इसलिए अब पूरे मामले में ईयू भी शामिल हो गया है। अब युद्ध की स्थितियों को देखते हुए ईयू में शामिल नाटो के देश रूस के खिलाफ प्रतिबंध की घोषणा कर रहे है।
- यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्विट करते हुए कहा है कि,”पुतिन ने बड़े पैमाने पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है। यूक्रेन के शांतिपूर्ण शहरों पर हमले हो रहे हैं। यह आक्रामक युद्ध है। यूक्रेन भी अपना बचाव करेगा और जीतेगा। दुनिया को पुतिन को रोकना ही होगा। यह कुछ करने का समय है।”
- कुछ सप्ताह पहले ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रॉन भी इस मामले पर बीच बचाव करने की कोशिश कर चुके हैं। मास्को रूस के राष्ट्रपति से बातचीत के के लिए मॉस्को भी पहुंचे थे।
- यूक्रेन की राजधानी कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने वहां मौजूद भारतीयों के लिए एडवायज़री जारी कर कहा है कि यूक्रेन में बहुत अनिश्चितता की स्थिति है। इसलिए सब लोग जहां तक हो सके अपने घरों, हॉस्टलों में जहां भी हैं, वहीं सुरक्षित रहने की कोशिश करें।