Arjun ki Chaal ke Fayde: अर्जुन वृक्ष एक सदाबहार वृक्ष होता है जो हमेशा हरा-भरा रहता है। यह वृक्ष प्रमुख औषधीय वृक्षों में एक माना जाता है और सबसे खास बात कि इसका इस्तेमाल विशेष रूप से ह्रदय रोग के उपचार के लिए प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। आमतौर पर अर्जुन की छाल और रस का औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। अमरूद की समान पत्तियों वाले लेकिन आकार में इससे बहुत बड़े अर्जुन वृक्ष का वैज्ञानिक नाम ‘टर्मिमिनेलिया अर्जुना’ है। अर्जुन वृक्ष के छाल का उपयोग चूर्ण, काढ़ा, अरिष्ट आदि के रूप में किया जाता है। अलग-अलग क्षेत्रों में इसे धवल, कुकुभ और नाडिसार्ज जैसे नामों से भी जानते हैं।
मूल रूप से अर्जुन का वृक्ष भारत में नदियों और झरनों के आसपास पाया जाता है। इसका पेड़ करीब 25 से 30 मीटर तक ऊंचा हो सकता है साथ ही साथ आपको बता दें कि अर्जुन की छाल मुलायम और भूरी होती है मगर इसके बीच में हरे और लाल रंग के धब्बे भी दिखाई देते हैं। अर्जुन की पत्तियां आयताकार होती हैं, इसके सफेद रंग के फूल मई से लेकर जुलाई के महीने में खिलते हैं। अर्जुन का ताजा फल हरे रंग का होता है और जब यह पक जाता है तो उसके बाद इसका रंग भूरा पड़ने लगता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक भी संपूर्ण सेहत में सुधार के लिए अर्जुन की छाल की सलाह देते हैं। स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसे कई हृदय संबंधित रोगों पर अर्जुन की छाल के उपयोग एवं लाभ को लेकर अध्ययन किए जा चुके हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं अर्जुन की छाल के फायदों के बारे में।
बता दें कि अर्जुन की छाल का चूर्ण और देसी जामुन के बीजों के चूर्ण की समान मात्रा लेकर इसे अच्छे से मिला लें और प्रतिदिन रोज रात सोने से पहले आधा चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर लेते हैं तो यह मधुमेह के रोगियों के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है। 3 से 4 सप्ताह तक इसके लगातार प्रयोग से मधुमेह में लाभ होगा।
अर्जुन वृक्ष की छाल का उपयोग हम बालों के विकास के लिए भी कर सकते हैं। सर के बाल में अर्जुन वृक्ष की छाल और मेहंदी का मिश्रण लगाने से सर के बाल सफेद से काले होने लगते हैं। इससे बालों में मजबूती भी आती है।
कई बार ऐसा देखा गया है कि अल्सर का घाव सूखने में बहुत देर लगता है या फिर सूखने पर पास ही दूसरा घाव निकल आता है, ऐसे में अर्जुन का छाल बहुत ही फायदेमंद होता है। अर्जुन के छाल को कुटकर काढ़ा बनाकर अल्सर के घाव को धोने से लाभ होता है।
अगर आपको कहीं से कोई चोट लग जाए और आपकी हड्डी टूट जाए तो अर्जुन के छाल का पाउडर आप फांके और दूध पिएं। ऐसा करने से आपकी हड्डी तेजी से जुड़ने लगेगी। इसके छाल को आप पानी के साथ पीसकर उस जगह लगा सकते हैं। इससे आपके दर्द को आराम मिलेगा।
हृदय संबंधी रोगों के उपचार के लिए अर्जुन की छाल काफी कारगर साबित होती है क्योंकि इसमें हृदय को स्वस्थ और दिल को मजबूत करने वाले गुण होते है। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने और हृदय द्वारा खून को पूरे शरीर में पहुंचाने की क्षमता में वृद्धि करता है। इसके अलावा इसके सेवन से हार्ट अटैक का खतरा भी दूर रहता हैं। रोज सुबह-शाम 3 ग्राम अर्जुन की छाल का पानी पीने से हृदय में सूजन और ब्लाकेज की समस्या भी नहीं होती।
चूंकि अर्जुन की छाल में कासुआर्निन नामक घटक होता है, जो कि स्तन कैंसर के विषाणुओं की वृद्धि को रोकने में मदद करता है। इसके एंटी-ऑक्सिडेंट गुण इसे और अधिक प्रभावी बनाते हैं। बता दें कि जिन महिलाओं को स्तन कैंसर की शिकायत होती है, उनके लिए अर्जुन छाल का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके लिए आप गर्म दूध में अर्जुन छाल के पाउडर को मिला कर इसका सेवन करें। पर इसका सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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