Chikungunya ke Lakshan: चिकनगुनिया एक ऐसी समस्या है। जिसे अगर सही समय पर पहचान करके इलाज नहीं किया गया। तो यह काफी बढ़ सकता है इसके लक्षण डेंगू के तरह ही होते हैं। पिछले कुछ सालों में लोगों के बीच इन दोनों बीमारियों डर काफी बढ़ गया है। डॉक्टरों के लिए बिना किसी मेडिकल जांच के इस बीमारी को पकड़ पाना मुश्किल होता है। क्योंकि दोनों के लक्षण लगभग एक ही होते हैं। कई बार लोग चिकनगुनिया को डेंगू समझ कर उपचार शुरू कर देते हैं और यही कारण है बीमारी और भी उग्र रूप ले लेती है।
बारिश के मौसम में लोग केवल डेंगू से ही नहीं बल्कि चिकनगुनिया से भी बराबर की संख्या में पीड़ित हो रहे हैं। हर साल चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में बढ़त देखने को मिल रहा है। जो कि एक चिंता का विषय है, अगर इस बीमारी के लिए सही रोकथाम और उपचार नहीं किया गया। तो आगे चलकर और भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए जरूरी है कि हम इसकी पहचान करें और उसके बारे में सारी जानकारी रखें ताकि इस बीमारी को रोकने में हमें मदद मिले।
चिकनगुनिया एक तरह की वायरल बीमारी है। जो कि बरसात के मौसम में मच्छरों के काटने से होती है। यह बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है। हालांकि इलाज के माध्यम से इसका उपचार भी किया जा सकता है। लेकिन अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो यह जानलेवा भी हो सकता है। चिकनगुनिया और डेंगू दोनों ही मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। यही कारण है कि दोनों के लक्षण एक-दूसरे से काफी मिलते हैं और ऐसे में इनका पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। पिछले काफी समय से चिकनगुनिया का खतरा काफी बढ़ गया है। चिंता की बात यह है कि फिलहाल इसके लिए कोई इलाज नहीं है, तो जरूरी है कि इस बीमारी से बचने के लिए आप सावधानी बरतें। चिकनगुनिया के मरीज को शुरुआत में तेज बुखार बदन दर्द और कमजोरी की समस्या होती है। अगर इलाज नहीं किया गया तो धीरे-धीरे परेशानी और भी बढ़ती जाती है।
मच्छर काटने के बाद आमतौर पर चिकनगुनिया के लक्षण मरीज के अंदर 2 से 12 दिनों के अंदर दिखने लगते हैं। चिकनगुनिया का मच्छर दिन के वक्त काटते हैं। यह मच्छर जमे हुए पानी में प्रजनन करते हैं और चिकनगुनिया का खतरनाक वायरस फैलाने का काम करते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को चिकनगुनिया फैलाने वाला एडीज मच्छर ने काटता है तो सबसे पहले उसे तेज बुखार आ जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे शरीर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता खत्म होने लगती है और शरीर का तापमान बढ़ता चला जाता है। शरीर के कुछ अंगों में सूजन दिखने लगते हैं। उदाहरण के तौर पर हाथ पैर और कलाई में सूजन आ जाते हैं। इसके अलावा दिनभर थकान महसूस होता है। सिर में रुक-रुक कर तेज दर्द होने लगता है। कई मामलों में चिकनगुनिया के मरीज के शरीर पर चकते भी उभर कर आने लगते हैं।
मौजूदा वक्त में चिकनगुनिया से लड़ने का कोई इलाज नहीं है। इसलिए जानकारों की मानें तो इस दौरान सही तरीके से मरीज का ख्याल रखना बेहतर होता है। चिकनगुनिया के मरीज को कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जैसे कि मरीज को डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है। इसके लिए मरीज को दिन भर पानी या जूस पिलाते रहना चाहिए। बीमारी के दौरान शरीर कमजोर ना पड़े। इसके लिए मरीज को खाने-पीने का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इस दौरान अगर मरीज को बुखार आता है तो इसे नजरअंदाज ना करें, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम करें। अगर डॉक्टर कहता है तो अस्पताल में भर्ती होने से ना कतराएं।
चिकनगुनिया के मरीज को ग्रीन टी या अदरक की चाय पिलानी चाहिए। यह काफी आरामदायक होती है। अगर शरीर में सूजन की वजह से दर्द है तो आइस पैक का इस्तेमाल करके इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। चिकनगुनिया के दौरान बुखार से लड़ने में गिलोय का जूस काफी मदद करता है। पपीते के पत्ते का जूस बनाकर पीना इस दौरान काफी फायदेमंद होता है। इससे ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। तुलसी के पत्ते की चाय भी फायदेमंद साबित हो सकती है। शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए समय-समय पर नारियल पानी पीते रहना चाहिए।
चिगुनिया से लड़ने का सरल एवं साधारण तरीका यह भी है कि आप इस बीमारी को अपने आसपास पनपने ही ना दें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने आसपास साफ-सफाई बनाकर रखें। चिकनगुनिया के मच्छर जमा हुए पानी में पनपते हैं। इसके लिए जरूरी है कि अगर आपके घर में कूलर है तो समय-समय पर कूलर का पानी बदलते रहें और कहीं भी पानी का जमाव ना होने दें। साथ ही मच्छरों को मारने वाले स्प्रे का भी इस्तेमाल करते रहें। आज के मौसम में घर से बाहर निकलते समय अपने और बच्चों के शरीर को से पूरी तरह से ढकने वाले कपड़ों को प्रयोग करें। घर की खिड़कियों को हमेशा बंद रखें अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो खिड़कियों में जाली लगवा लें। जैसे ही आपको लगे कि आप बीमार हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें हैं और अपने खून का जांच करवाएं। चिकनगुनिया का कोई सटीक इलाज नहीं है तो बेहतर है कि इस बीमारी से बचने के लिए हर संभव बचाव करें।
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