Cholesterol Bump On Eyelid In Hindi: आंखों के आसपास कई बार छोटे-छोटे पैचेज या छोटे छोटे दाने से उभर आते हैं, जिसे अक्सर लोग स्किन प्रॉब्लम समझ लेते हैं. इसलिए कई लोग दाग धब्बे मिटाने वाली क्रीम और घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं. इतना सब कुछ करने के बावजूद उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता… जानते हैं क्यों? क्योंकि वो लोग इसे स्किन की छोटी-मोटी प्रॉब्लम समझते हैं. जबकि यह समस्या शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता के कारण होती है और जब यही कोलेस्ट्रॉल आंखों के आसपास की त्वचा के नीचे जमा हो जाता है तो हमारी आंखें के आसपास पपड़ीदार लेयर या छोटे छोटे दानें जैसे दिखने लगते हैं. इस बीमारी को जैंथेलाज़्मा (Xanthelasma) कहा जाता है. वैसे इस समस्या से आपको कोई ज्यादा नुकसान तो नहीं होता लेकिन आंखों के आसपास के धब्बे जरा देखने में खराब लगते हैं इसलिए लोग इसे हटाना चाहते हैं. अब हम आपको बताते हैं कि इस तरह की कोलेस्ट्रॉल डिपाजिट को कैसे हटाए?
लेज़र एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसकी मदद से आप अपने आंखों के आसपास जमा कोलेस्ट्रॉल की परत को हटवा सकते हैं. दरअसल लेजर द्वारा स्किन की जो लेयर हटाई जाती है, उसके कुछ दिनों बाद वहां पर न्यू स्किन आ जाती है, जो पहले जैसी हेल्दी होती है. न्यू स्किन को हील होने में 1 से 2 सप्ताह का समय लग सकता है. इसके लिए आप किसी अच्छे कॉस्मेटिक डर्मोटोलॉजिस्ट से सलाह ले सकते हैं. आजकल के समय में लेजर रिमूवल कराना आम बात हो गई है इसलिए अधिकतर सिटीज में लेजर ट्रीटमेंट आसानी से उपलब्ध है.
कभी-कभी स्किन के नीचे कोलेस्ट्रॉल बहुत गहराई तक जमा होता है जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल मोटी परत में तब्दील हो चुका होता है. तो ऐसे में लेजर तकनीक इसमें काम नहीं आती. ऐसी स्थिति में आप सर्जरी का सहारा ले सकते हैं. सर्जरी करवाने से कोलेस्ट्रॉल डिपाजिट तो हट जाते हैं लेकिन सर्जरी के निशान रह जाते हैं जो देखने में भद्दे लगते हैं. सर्जरी करवाने में कई बार एक समस्या का और सामना करना पड़ता है कि कई बार हील होते समय त्वचा के टिश्यू गलत जुड़ जाते हैं और पलकें तिरछी हो सकतीं हैं इसलिए सर्जरी के पहले किसी अच्छे कॉस्मेटिक सर्जन से सलाह-मशवरा जरूर कर ले. आजकल मेडिकल इंश्योरेंस में सर्जरी को कवर भी किया जाता है.
इस ट्रीटमेंट में केमिकल पील की मदद से एक्स्ट्रा केलोस्ट्रोल डिपाजिट को हटाया जाता हैं. इस ट्रीटमेंट में ट्राईक्लोरोएटिक एसिड (Trichoroacetic acid) की सहायता से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है लेकिन इस ट्रीटमेंट में भी एक समस्या सामने आती है कि कई बार पेशेंट की स्किन बहुत सेंसेटिव होती है जिसके कारण उसकी बॉडी पर केमिकल के साइड इफेक्ट हो सकते हैं. इसलिए ये ट्रीटमेंट खास पॉपुलर नहीं है. यह ट्रीटमेंट लोग तब ही करवाते हैं जब वो लेज़र या सर्जरी दोनों ही नहीं करवाना चाहते.
कैस्ट्रोल को हटाने में इलेक्ट्रिक नीडल भी काफी कारगर तरीका है. इस ट्रीटमेंट को इलेक्ट्रोडेसिकेशन ( electrodesiccation) कहते हैं. इसमें डॉक्टर गर्म सुई की सहायता से स्किन को जलाकर अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल निकाल देते हैं. और अपनी खासियत के अनुसार हमारे शरीर की स्किन फिर से रिपेयर हो जाती है. इस ट्रीटमेंट के बाद स्किन जल्दी ही हील होकर पहले जैसी ही दिखने लगती है लेकिन इस ट्रीटमेंट के साथ समस्या यह है कि इस ट्रीटमेंट में बहुत गहराई तक जमा कोलेस्ट्रॉल को नहीं हटाया जा सकता.
फ्रीज़ थेरेपी त्वचा के दाग धब्बों को हटाने का मॉडर्न तरीका है जो काफी सुरक्षित और दर्द रहित है. आजकल डॉक्टर कायरोथेरेपी (cryotherapy) के जरिए कोलेस्ट्रॉल डिपाजिट को फ्रीज करके निकाल देते हैं. लेकिन ऐसा करवाने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लेनी चाहिए क्योंकि कई बार ट्रीटमेंट के बाद हाइपोपिग्मेंटेशन के कारण जिस स्थान पर कोलेस्ट्रॉल जमा होता है. वहां की त्वचा का रंग हल्का पड़ जाता है जो अलग सा दिखता है.
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