Elaichi Ke Fayde: एक छोटी सी इलायची के इतने सारे फायदे हैं जिसके बारे में हम और आप सोच भी नहीं सकते हैं। यह इलायची आपके रसोई से लेकर दवाखाने तक बेहद कारगर साबित होती है। इलायची में कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो गंभीर से गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने में बेहद ही कारगर साबित होते हैं। आमतौर पर हम दो तरह की इलायची का प्रयोग करते हैं। छोटी इलायची और बड़ी इलायची छोटी इलायची देखने में हरे रंग की होती है और बड़ी इलायची काले रंग की। इलायची का उपयोग पूजा-पाठ के दौरान भी किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि इसके अलावा इलायची के और कौन-कौन से फायदे हैं साथ ही किन किन बीमारियों में इलायची का प्रयोग घरेलू नुस्खे के तौर पर किया जा सकता है।
इलायची में कई तरह के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं अगर इसमें मौजूद पौष्टिकता को प्रतिशत में मापा जाए तो प्रति 100 ग्राम इलायची में, कैलोरी -311, कुल वसा 7 ग्राम (10%), संतृप्त वसा 0.7 ग्राम (3%), पॉलीअनसेचुरेटेड वसा 0.4 ग्राम, मोनोअनसैचुरेटेड वसा 0.9 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम (0%), सोडियम 18 मिलीग्राम (0%), पोटेशियम 1,119 मिलीग्राम (31%), कुल कार्बोहाइड्रेट 68 ग्राम (22%), आहार फाइबर 28 ग्राम (112%), प्रोटीन 11 ग्राम (22%), विटामिन ए (0%) विटामिन सी (35%), कैल्शियम (38%), लौह (77%)
विटामिन डी (0%), विटामिन बी -6 (10%),
कोबालामाइन (0%) मैग्नीशियम (0%) मौजूद होते हैं।
आमतौर पर हम दो तरह के इलायची का प्रयोग ज्यादातर करते हैं। लेकिन इलायची के कई प्रकार होते हैं। जिनमें हरी इलायची, बड़ी इलायची, काली इलायची, भूरी इलायची, नेपाली इलायची और बंगाल इलायची (लाल इलायची) शामिल है।
हमारे देश में वैसे तो छोटे-छोटे पैमाने पर कई जगहों पर इलायची का उत्पादन होता है। लेकिन बड़े पैमाने पर मुख्यतः भारत में मैसूर, मंगलोर, मालाबार में उगाई जाती है। जबकि दुनिया के दूसरे हिस्सों की बात करें तो श्रीलंका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी इलायची बहुतायत तौर पर उगाई जाती है। बड़ी इलायची का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश नेपाल है और उसके बाद क्रमशः भारत और भूटान हैं।
इलायची को माउथ फ्रेशनर के तौर पर भी इस्तेमाल करते हैं। इससे मुंह की बदबू दूर होती है। दरअसल इलायची में एक विशेष किस्म की खुशबू तो होती ही है। लेकिन मुंह की बदबू को दूर करने के पीछे का जो कारण है वह यह है कि आमतौर पर मुंह में बदबू हाजमा ठीक नहीं होने के कारण होती है। इलायची पेट का हाजमा ठीक कर देता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल रसायन मुंह की बदबू को दूर करने में मदद करते हैं। हाजमा की समस्या को ठीक करने के लिए खाना खाने के बाद नियमित रूप से अपने मुंह में एक इलायची रख कर धीरे-धीरे चबाएं। इसके अलावा आप रोज सुबह एक कप पानी में दो से तीन इलायची को उबालने के बाद उसे छानकर पिएं। आपके हाजमे की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
आयुर्वेदिक पद्धति में इलायची का प्रयोग वाजीकरण नुस्खे के तौर पर भी किया जाता है। सेक्स लाइफ को सही करने के लिए इलायची का प्रयोग कई तरह के टॉनिक में भी किया जाता है। यह नपुंसकता की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा इलायची युक्त टॉनिक का सेवन करने से शारीरिक ताकत में भी इजाफा होता है। अगर आप इसके लिए घरेलू नुस्खे का प्रयोग करना चाहते हैं। तो दूध में इलायची डालकर उसे अच्छी तरह से उबाल लें। जब यह उबलकर आधा हो जाए तो उसे ठंडा होने दें और शहद मिलाकर रोज रात को नियमित रूप से पिएं। इससे आप देखेंगे कि आपकी सेक्स लाइफ अच्छी हो जाएगी।
अक्सर आपने देखा होगा कि लोग खाना खाने के बाद सौंफ या इलायची मुंह में रखकर चबाते हैं। कई सारे लोग सोचते हैं ऐसा करने से माउथ फ्रेश होता है। हालांकि लोगों की यह सोच बिल्कुल सही है। लेकिन इसके पीछे एक और तर्क है। दरअसल इलायची में मौजूद रासायनिक तत्व हाजमे की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं और पेट के अंदरूनी लाइनिंग की जलन को भी शांत करता है। खाना खाने के बाद इलायची का सेवन करने से यह हृदयशोथ और उबकाई आने की समस्या को दूर कर देता है।
यह म्यूकस मैंब्रेन की दाह को शांत करने तथा उसे ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए जानी जाती है। यह ऐसिडिटी के लक्षणों को भी कम करती है। आयुर्वेद में तो यह पेट के पानी और वहां मौजूद वायु को ठीक करने वाली मानी गई है।
इलायची में मौजूद रसायनिक तत्व बदहजमी, पेट फूलना, गैसेस जैसी समस्या से निपटने के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। पाचन समस्या को ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर हरी इलायची, खड़ा धनिया, लौंग,सुखी अदरक को मिलाकर पीस लें और गर्म पानी के साथ एक चम्मच लें। बदहजमी के कारण उठे सिरदर्द में हरी इलायची की चाय फायदा करती है।
इलायची में एक विशेष तरह का तेल भी मौजूद होता है। इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल पेट के अंदर होने वाली लाइनिंग को मजबूत करने में सहायता प्रदान करता है। एसिडिटी के कारण पेट में जो एसिड जमा होते हैं। यह उन्हें साफ कर देता है।
इलायची को मुंह में लेकर चबाने से मुंह में अधिक मात्रा में लार बनने लगती है। इससे एसिडिटी का प्रभाव कम हो जाता है और एसिडिटी से छुटकारा नहीं मिलता है। एसिडिटी के मरीज को खाना खाने के बाद नियमित रूप से इलायची का सेवन करना चाहिए।
इलायची का सेवन करने से फेफड़ों में रक्त संचार की तेजी होती है। जिससे सांस लेने की समस्या जैसे अस्थमा, तेज जुकाम और खांसी जैसे रोगों में तत्काल आराम पहुंचाता है। आयुर्वेद के अनुसार इलायची की तासीर गर्म होती है। जो शरीर के अंदर गर्मी पैदा करती है। इससे सर्दी जुकाम जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह सीने की जकड़न और कफ इत्यादि को खत्म करने में भी मदद करता है।
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