हरसिंगार एक ऐसा पेड़ या पौधा जिसके ऊपर सफेद रंग के गुच्छेदार फूल लगते हैं। इन फूलों की डंडी नारंगी रंग की होती है। इसकी खुशबू बेहद मनमोहक और शानदार होती है। हरसिंगार के पेड़ को माऊली और पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। हरसिंगार का पेड़ और उसके फूल देखने में जितने मनमोहक और खुशबूदार होते हैं। यह उतने ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक और उपयोगी भी होते हैं।
लेकिन इसका उपयोग करने से पहले जरूरी है कि उपयोग करने का तरीका सीख ले। तो चलिए जानते हैं कि हरसिंगार के पत्ते और उसके फूल से किस तरह हम स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं।
हरसिंगार के पेड़ पर लगे फूल उसकी पत्तियां, छाल और बीज हर चीज स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है। हरसिंगार के पत्ते और उसके फूल से बना चाय स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह चाय आप कई तरीकों से बना सकते हैं। चाय बनाने के लिए आप सबसे पहले हरसिंगार की दो पत्तियां एक फूल और तुलसी की कुछ पत्तियां ले लीजिए। इसे दो कप पानी में डालकर कुछ देर तक उबाल लीजिए। जब यह पूरी तरह से उबल जाए तो इसे छान लें और गुनगुना या ठंडा करके चाय की तरह पी लें। अगर आप चाहें तो स्वाद के लिए इसमें शहद या मिश्री भी मिला सकते हैं।अगर आप ज्यादा मात्रा में यह चाय बनाना चाहते हैं तो हरसिंगार के पत्ते और फूलों की संख्या भी इसी अनुसार बढ़ा लें। यह चाय आपको फुर्तीला बना देता है। इस बात का ध्यान रखें कि हरसिंगार की चाय में दूध का इस्तेमाल नहीं होता है।
हरसिंगार की 6 से 7 पत्तियों को तोड़ लीजिए और उसे अच्छी तरह से धोकर साफ कर लीजिए। इसके बाद इसे सील की मदद से पीस लें। जब यह पूरी तरह से पेस्ट बन जाए तो इसे लगभग 1 लीटर पानी में मिला कर आग पर उबालें। जब यह थोड़ा गाढ़ा हो जाए तो इसे ठंडा करके रख लीजिए। प्रतिदिन सुबह खाली पेट दो चम्मच इसका सेवन करें। इससे आपके जोड़ों की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। हरसिंगार के पत्तों का करीब 2 चम्मच रस निकाल कर इसमें बराबर मात्रा में अदरक का रस मिला लें और इसका सेवन करें ऐसा करने से हाथ पैर की मांसपेशियों में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
जिस तरह से हरसिंगार का चाय बनाते हैं। उसी विधि से हरसिंगार के पत्तों को पानी में उबालकर पीने से खांसी की समस्या खत्म हो जाती है। बशर्ते इसे गर्म रहते ही फूंक-फूंक कर पीने की जरूरत है। बुखार और साइटिका जैसी बीमारियों में भी यह चाय बेहद उपयोगी होता है।
हरसिंगार के पत्तों को अच्छी तरह से धो लें। धोने के बाद इसे पीस लें और इसके पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं। पेस्ट को थोड़ी देर तक अपने चेहरे पर लगे रहने दें और सूखने से पहले इसे गुनगुने पानी से अच्छी तरह से धो लें। इसके बाद अपने चेहरे पर किसी भी तरह का क्रीम या पाउडर ना लगाएं यह लेप आप नहाने से पहले लगा सकते हैं। नियमित रूप से ऐसा करने से आपके चेहरे की चमक बढ़ जाएगी।
ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो हृदय रोग की परेशानियों से पीड़ित हैं। आमतौर पर ऐसे लोग एलोपैथिक उपचार को ही अपनाना बेहतर समझते हैं। लेकिन इस समस्या का समाधान हरसिंगार के पेड़ में भी छुपा हुआ है। हृदय रोग की समस्या को दूर करने के लिए प्रतिदिन हरसिंगार के फूलों का रस निकालकर इसका सेवन करना चाहिए। हरसिंगार के फूलों का रस निकालने के लिए 15 से 20 फूल ले लीजिए और इसे हथेली पर रखकर दूसरे हाथ की मदद से मसल लें और इसका रस निकाल लें। फूलों से निकलने वाले रस को एक चम्मच में एकत्रित करें और इसका सेवन करें। हरसिंगार के छाल का चूर्ण बनाकर पान के पत्ते में डालकर इसका सेवन करने से अस्थमा या सांस की बीमारी भी खत्म होती है। यह प्रयोग शाम के वक्त करना चाहिए।
हरसिंगार के बीज पाइल्स के मरीज के लिए रामबाण का काम करते हैं। हरसिंगार के बीज का सेवन सुबह-सुबह खाली पेट में करने से पाइल्स की परेशानी दूर हो जाती है। ज्यादा तकलीफ होने से हरसिंगार के बीजों को पीस लें और इस लेप को संबंधित स्थान पर लगाएं।
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