Yoga Ke Kitne Aasan Hote Hain: कहते हैं…योग बनाए निरोग। योग की इसी ताकत को समझने के बाद ही तो अब हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर 21 जून को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। कहते हैं योग के आसान न केवल मानसिक शांति देते हैं बल्कि शारीरिक दुर्बलता और रोगों से छुटकारा दिलाकर बेहतर जिंदगी जीने में मदद भी करते हैं। बस कुछ समय निकालकर अगर आप नियमित रूप से योग को अपनी जिंदगी में अपना लेते हैं तो आप एक स्वस्थ शरीर के मालिक बन सकते हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि जिस बीमारी का इलाज मेडिकल साइंस नहीं ढूंढ पाई है उसका इलाज योग से संभव है। शायद तभी आज देश-विदेश के बड़े बड़े सेलिब्रेटी योग के दीवाने हैं। यूं तो अलग-अलग कुल 21 योगासन हैं जिन्हे करना चाहिए लेकिन आज हम आपको उन आसनों के बारे में बताएंगे जिन्हे करने से आप कई बीमारियों और दर्द से निजात पा सकते हैं।
शरीर की थकान को काफी हद तक दूर करने में सहायक पद्मासन शरीर की सभी नाड़ियों के सुचारु रूप से कार्य करने में सहायक होता है। सिर्फ शरीर की थकान ही नहीं बल्कि पद्मासन चेहरे की आभा भी बढ़ाता है।
कमर दर्द की शिकायत करने वाली महिलाओं के लिए शशांकासन बेहद लाभदायक होता है। दरअसल महिलाओं को घर और बाहर दोनों का काम करना पड़ता है। जिससे बार बार कमर के झुकने से दिकक्तें शुरू हो जाती है। ऐसे में ये आसन उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो जाता है।
कहते हैं जिन्हे कब्ज़ और गैस की शिकायत हो या फिर हाजमा ठीक न रहता हो तो उनके लिए भुजंगासन सबसे अच्छा होता है। सिर्फ पाचन तंत्र ही नहीं बल्कि इस आसन से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, ब्रॉनकाइटिस, स्लिप डिस्क और दमा से पीडि़त लोगों के लिए यह आसन उपयोगी है।
पवनमुक्तासन भी आपके पाचन तंत्र को सही रखता है। इसे करने से गैस की समस्या से निजात मिलती है क्योंकि ये शरीर की दूषित वायु को बाहर निकलता है। गठिया में भी ये आसान राहत देता है।
महिलाओं को होने वाली माहवारी से संबंधित दिक्कतों में राहत देने का काम करता है वज्रासन। इस आसन को करने से पेट, कमर और जांघों पर जमा वसा भी कम हो जाता है जिससे अतिरिक्त वज़न संबंधी दिक्कतें आपको नहीं होती है।
योग के आसनों में ये क्रिया सबसे आसान है। शवासन से शरीर के हर हिस्से पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जिससे शारीरिक और मानसिक थकान दूर होती है।
शलाभासन भी खासतौर से शारीरिक थकान को दूर कर व्यक्ति को फिट बनाता है। इसके अलावा ये आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। खासकर पेट की हड्डियां। सिर्फ यहीं नहीं महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी तमाम परेशानियों जैसे-गांठ बनना, रक्त संचार का ना होना, दर्द से भी छुटकारा दिलाया है।
ये आसन शरीर से अलग अलग विकारों को दूर करता है। जिससे व्यक्ति स्वस्थ शरीर को प्राप्त करता है। अगर कोई तनाव से पीड़ित है तो पश्चिमोत्तासन आपको शांत रखकर गुस्से और चिड़चिड़ेपन से बचाता है। सिर्फ यही नहीं ये आसन आपकी पेट की चर्बी को भी कर करता है।
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