Plasma Therapy Covid-19: कोरोना वायरस के मरीज लॉकडाउन भारत में दिन बा दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। आकड़ों की बात करें तो भारत में इस समय कोरोना वायरस से 35 हज़ार से भी ज्यादा लोग संक्रमित हैं। बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये दावा किया है कि, कुछ मरीजों पर इस प्लाज़्मा थेरेपी का उपयोग किया जा रहा है जो काफी हद तक सफल भी रहा है। लेकिन इस बीच सोचने वाली बात यह है कि, जहाँ दुनिया के तमाम देश इन दिनों कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने में जुटे हैं वहीं प्लाज़्मा थेरेपी से इस बीमारी के इलाज की बात में कितनी सच्चाई है ये जान लेना जरूरी है। यहाँ हम आपको मुख्य रूप से प्लाज़्मा थेरेपी से जुड़े खास तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
कोविड-19 के मरीजों पर प्लाज़्मा थेरेपी असरदार है या नहीं इस बारे में जानने से पहले ये जान लेना आवश्यक है कि, प्लाज़्मा थेरेपी आखिर है क्या। आपको बता दें कि, प्लाज़्मा थेरेपी का प्रयोग सबसे पहले फर्स्ट वर्ल्ड वार के दौरान स्पेनिश फ्लू से निपटने के लिए किया गया था। इस वायरस से संक्रमित लोगों पर प्लाज़्मा थेरेपी का उपयोग किया गया था। इस थेरेपी में असल में किसी दूसरे व्यक्ति के खून से प्लाज़्मा को निकालकर संक्रमित मरीजों के शरीर में पहुंचाया जाता है। गौरतलब है कि, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए भी प्लाज़्मा थेरेपी अपनाए जाने की बात कही जा रही है। इस बारे में ऐसी जानकारी मिली है कि, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से ठीक हो जाता है तो उसके शरीर की इम्युनिटी कुछ दिनों के लिए काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इम्युनिटी बढ़ने से एक विशेष प्रकार का प्रोटीन शरीर में बनता है जो प्लाज़्मा में मौजूद होता है। ऐसे दावे किये जा रहे हैं कि, इन्हीं प्लाज़्मा को यदि दूसरे संक्रमित मरीजों के शरीर में डाला जाए तो इससे उन्हें इस वायरस से बचाया जा सकता है।
प्लाज़्मा थेरेपी से जहाँ तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के दावों की बात है तो, इस बारे में जानकारी देते हुए हेल्थ मिनिस्ट्री के सचिव का कहना है, “कोरोना वायरस के संक्रमण को दूर करने के लिए दुनिया के पास आज की डेट तक कोई भी उपाय नहीं है।” जाहिर तौर पर उन्होनें प्लाज़्मा थेरेपी से कोरोना वायरस के संक्रमण को दूर करने की बात को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। हालाँकि इस बारे में उन्होनें उम्मीद की किरण दिखाते हुए ये जरूर कहा है कि, इस समय प्लाज़्मा थेरेपी को भी एक एक्सपेरिमेंट के रूप में ही प्रयोग किया जा रहा है। यह कितना कारगार साबित होगा ये आने वाला वक़्त ही बता सकता है। बता दें कि, कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्लाज़्मा थेरेपी को तब तक ट्रायल ही माना जाएगा जब तक इसे भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा प्रमाणित नहीं कर दिया जाता। प्लाज़्मा थेरेपी के बारे में सबसे अहम् बात ये है कि, जब तक इस थेरेपी का उपयोग सभी नियमों के पालन के साथ ना किया जाए ये सफल नहीं हो सकती है। यदि प्लाज़्मा थेरेपी के दौरान सावधानी नहीं बरती गई तो कई परिस्थितियों में मरीज की मौत भी हो सकती है।
प्लाज़्मा थरेपी कोरोना वायरस के संक्रमण को दूर करने में कितनी कारगर है ये बात अभी साबित नहीं हो पाई है। इसलिए इस थेरेपी से कोविड -19 का इलाज हो सकता है, यह कहना अभी सही नहीं होगा।
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