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विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग, बचाव, आपको जरूर जानना चाहिए

आज के समय में छोटे बच्चो से लेकर बड़े बुजुर्ग में विटामिन डी की कमी (vitamin d ki kami) होती है। क्युकी आज के बच्चे दूध पीना बिलकुल भी पसंद नहीं करते। जिसकी वजह से उनके शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी आ जाती है। विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। विटामिन डी हमारे तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली और हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है।

यदि आप शाकाहारी है, तो आपके ये लिए और भी गंभीर विषय है। क्योंकि विटामिन डी की पूर्ति के लिए शाकाहारी लोगो के लिए सीमित विकल्प ही मौजूद है। विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग उभर कर सामने नहीं आते। इसी वजह से लोगो को इसकी कमी से होने वाले रोगो के बारे में पता नहीं चल पता। इसलिए समय समय पर जांच और विटामिन डी युक्त भोजन लेना जरूरी है।

विटामिन डी की कमी होने के लक्षण

  • हड्डियों में दर्द होना।
  • मांशपेशियों में कमजोरी महसूस होना।
  • सर में अधिक पसीना आना।
  • सांस लेने में दिक्कत।
  • बार-बार इन्फेक्शन होना।
  • डिप्रेशन में होने जैसा महसूस होना।
  • ज्यादा नींद आना।
  • हाई ब्लड प्रेशर।
  • थकान व आलस से भरा महसूस।

विटामिन डी की कमी को कैसे पूरा करे

बहुत से लोगो को धुप में बैठने से स्किन एलर्जी हो जाती है। इसलिए उन लोगो को विटामिन डी से भरपूर आहार अपने खाने में शामिल करने चाहिए। आइये जानते है, विटामिन डी से भरपूर आहार
अंडे, मछली, दूध, मक्खन, संतरा, मशरूम, गाजर, पनीर, कॉड लिवर ऑयल आदि। इन सभी आहार में विटामिन डी उच्‍च स्रोत में होती है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो संतरे का जूस विटामिन डी की कमी बहुत जल्दी पूर्ति करता है।

विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग

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मधुमेह: यह रोग विटामिन डी की कमी से होता है। मधुमेह की बड़ी वजह मोटापा भी है। अगर किसी व्यक्ति को मोटापे और विटामिन डी की समस्या एकसाथ हो तो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को असंतुलित करने वाली इस बीमारी के होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।

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बच्चों में एनीमिया का खतरा: अगर रक्त में विटामिन डी का स्‍तर 20 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर से कम है। इसकी वजह से बच्चे को एनीमिया होने का खतरा होता है। विटामिन डी की कमी का असर रेड ब्‍लड सेल के उत्‍पादन पर भी पड़ता है।

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त्वचा का रंग गहरा होना: विटामिन डी की कमी से बढती उम्र मे गहरे रंग की त्वचा होने लगती है। त्वचा का गहरा रंग मिलेनिन नामक पिगमेंट के कारण होता है। मिलेनिन बहुत अधिक होने के कारण धुप से भी विटामिन डी का निर्माण नहीं हो पाता।

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