महिलाओं का शरीर पुरुषों से बायोलॉजी के अनुसार जितना अलग होता है, उतना ही पोषण के हिसाब से भी उनकी आवश्यकता पुरुषों के शरीर से अलग होती है। हारमोंस की वजह से ऐसा होता है। महिलाएं हों या फिर पुरुष, इन दोनों को ही अलग-अलग तरह की डाइट की आवश्यकता अलग-अलग उम्र में पड़ती है। यहां हम आपको महिलाओं की बॉडी की जरूरत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दे रहे हैं।
शतावरी का चाहे चूर्ण हो या फिर फलियां, महिलाओं की सेहत के लिए ये दोनों ही आवश्यक होते हैं। इनकी फलियों को आप स्नेक्स की तरह उपयोग में ला सकती हैं या फिर सब्जी बनाकर इनका सेवन कर सकती हैं। इससे आपको जो दिनभर पोषण चाहिए, इसका एक तिहाई इसी को खाकर आपको मिल जाता है। विटामिन-K भी शतावरी की फलियों में खूब होता है। इसमें फोलेट अच्छी मात्रा में होता है। बच्चा प्लान करने की स्थिति में भी यदि आप इसका सेवन करती हैं तो बच्चे का विकास इससे अच्छी तरह से होता है।
बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन नामक तत्वों की पपीते में प्रचुरता होती है। इसकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर के साथ सर्वाइकल कैंसर से भी महिलाओं का बचाव हो पाता है। एंटीऑक्सीडेंट की तरह लाइकोपीन शरीर में काम करता है। शरीर में न केवल यह कोलेस्ट्रोल की मात्रा पर नियंत्रण रखता है, बल्कि ब्लड प्रेशर के स्तर को भी नियंत्रित कर लेता है। दिल से जुड़ी बीमारियों को भी यह दूर ही रखता है।
महिलाओं के शरीर में पुरुषों की तुलना में कैल्शियम की मात्रा जल्दी घटती है, जिसकी वजह से उनकी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जहां पुरुषों को 45 से 60 वर्ष की उम्र के दौरान कैल्शियम डाइट लेने की आवश्यकता होती है, वहीं महिलाओं को 30 वर्ष की उम्र के बाद से ही शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है। ऐसे में उन्हें अपनी डाइट में केल को जरूर शामिल कर लेना चाहिए। केल एक हरी पत्तेदार सब्जी होती है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने का काम करती है। कैल्शियम के साथ विटामिन K विटामिन D की इसमें प्रचुरता होती है, जो महिलाओं की हड्डियों को मजबूत बनाए रखते हैं। आप हर दिन यदि एक कटोरी केल की सब्जी खा लेती हैं तो आपकी शरीर की आवश्यकता के अनुसार आपको विटामिन A और विटामिन C हासिल हो जाता है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हार्टअटैक आने की बात आपने सुनी होगी। हालांकि पूरी तरीके से यह सही नहीं है। फिर भी महिलाओं के बीच इस संबंध में जागरूकता बहुत जरूरी होती है। दिल की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए महिलाओं को फलियों का अधिकाधिक उपयोग अपनी डायट में करना चाहिए। इसमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। साथ ही फाइबर भी इससे शरीर को प्राप्त होता है। शरीर में न केवल ब्लड शुगर पर यह नियंत्रण रखता है, बल्कि ब्लड प्रेशर की भी समस्या नहीं होने देता है। दिल की धड़कनों को भी यह सामान्य बनाए रखता है।
सोयाबीन की फलियां दरअसल पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। फाइबर के साथ इसमें अच्छी मात्रा में फैट और एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने वाले तत्व मौजूद होते हैं। महिलाओं को फलियां को जरूर अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से मेनोपॉज के आसपास एस्ट्रोजन हार्मोन की उनमें कमी नहीं होती है।
महिलाओं के डायट में ली जाने वाली बहुत सी चीजों के लाभ हैं तो उनकी कुछ हानि भी है। उदाहरण के लिए सोयाबीन महिलाओं के लिए लाभदायक तो है, मगर ब्रेस्ट कैंसर या फिर कैंसर किसी महिला को रहा है तो डॉक्टर जितनी मात्रा में बताएं, उतनी ही मात्रा में उन्हें सोयाबीन की फलियों का सेवन करना चाहिए।
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