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क्यों विदा होती दुल्हन पीछे फेंकती है चावल, क्या है इस खास रस्म का महत्व

Importance Of Rice At Indian Weddings In Hindi: भारत विविधताओं का देश है। यहाँ सभी धर्म व संप्रदायों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। हालांकि इन सभी धर्म व संप्रदायों के अपने तौर-तरीके व रीति-रिवाज होते हैं, जिनका अपना खास महत्व होता है। लेकिन विदाई के समय दुल्हन द्वारा चावल फेंकने की रस्म लगभग सभी हिन्दू शादियों में निभाई जाती है।

इस रस्म को हिन्दू शादियों में बेहद खास माना जाता है क्योंकि इसका सीधा संबंध दुल्हन के विदा होने के बाद उसके मायके वालों के आने वाले जीवन से होता है। इस रस्म को निभाने के पीछे हर किसी की अपनी मान्यताएँ हैं। तो आइए आज जानते हैं विदाई के समय दुल्हन द्वारा मायके वालों पर चावल फेंकने की रस्म क्यों है इतनी खास।

कब होती है चावल फेंकने की रस्म?(Importance Of Rice At Indian Weddings In Hindi)

Image Source: postoast.com

शादी में निभाई जाने वाली हर रस्म अपने आप में बेहद खास होती है और हर रस्म का एक अलग महत्व होता है। इन्हीं रस्मों में से एक है दुल्हन द्वारा विदाई के समय अपने परिवार वालों पर चावल फेंकने की रस्म। यह रस्म दुल्हन व उसके परिवार दोनों के ही लिए बेहद भावुक पल होता है, क्योंकि इसे निभाकर दुल्हन हमेशा के लिए मायका छोड़ ससुराल के लिए विदा हो जाती है।

इस रस्म के दौरान दुल्हन ससुराल जाने के लिए गाड़ी या डोली में बैठने के वक्त चलते हुए पीछे की ओर पाँच बार चावल फेंकती है जिसे उसकी सहेलियाँ, बहनें व परिवार के अन्य सदस्य हाथों या आंचल में समेट लेते हैं। ऐसा करते हुए दुल्हन को पीछे नहीं देखना होता। थाली में चावल लेकर दुल्हन के पास परिवार की ही कोई महिला खड़ी हो सकती है। माना जाता है कि दुल्हन के द्वारा फेंके गए ये चावल जिनके ऊपर भी गिरते हैं उन्हें इनको संभाल कर रखना होता है।

क्यों निभाई जाती है चावल फेंकने की ये रस्म

  • बेटियों को घर की लक्ष्मी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में बेटियों का वास होता है वहां मां लक्ष्मी की असीम अनुकंपा और खुशियां बनी रहती हैं। इसलिए जब दुल्हन मायका छोड़ ससुराल की ओर कदम बढ़ती है तो चावल फेंकते हुए अपने घर की धन-संपत्ति सदैव बनी रहने की कामना करती है।
  • एक अन्य मान्यता के अनुसार, ये चावल दुआ का प्रतीक होते हैं। ऐसे में दुल्हन द्वारा परिवार पर फेंके गए चावल उनके पास हमेशा दुआ बनकर रहते हैं।
  • कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि इस रस्म के कारण दुल्हन के मायके वाले बुरी नज़र से दूर रहते हैं। फेंके गए चावलों की पवित्रता उन्हें हर बुरी नज़र से बचाती है।
  • कई जगह इस रस्म को निभाने का उद्देश्य दुल्हन द्वारा अपने परिवार जनों को धन्यवाद कहने का होता है। दुल्हन अपने परिवार वालों का आभार व्यक्त करती है कि उन्होने उसे बचपन से लेकर बड़े होने तक अपनी क्षमता अनुसार वह सब कुछ दिया जो वे दे सकते थे।

केवल चावल का ही उपयोग क्यों?

चावल को धन का प्रतीक माना जाता है और इसका इस्तेमाल लगभग हर धार्मिक कार्य, पूजा-अर्चना में पवित्र सामग्री के रूप में किया जाता है। चावल सुख और संपन्नता का भी प्रतीक होते हैं और इसलिए दुल्हन विदा होते समय अपने परिजनों पर इन्हें फेंक कर उनके लिए धन, सुख व संपन्नता की कामना करती है।

आशा है आपको दुल्हन द्वारा विदाई के वक्त चावल फेंकने का महत्व(shaadi mein chawal ka mahatva) थ जरूर साझा करें।

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