Reason Of Covering Head In Hindi:हिंदू धर्म विशेष प्रयोजन में विशेष वस्त्र धारण का महत्व है अगर घर में कोई पूजा पाठ हो या मंदिर में जाना हो तो हम सभी पीले वस्त्र पहने का विचार करते हैं पर कभी भी हम अगर पूजा-पाठ या किसी मांगलिक कार्य में जाते हैं तो सबसे पहले हम अपने सिर ढकते हैं स्त्रियों आपने दुपट्टे से पुरुष रुमाल का इस्तेमाल करते हैं हालांकि सिर ढकना अपने से बड़ों को सम्मान देने का भी संकेत है सिर ढकने की परंपरा सदियों से चली आ रही हैं लेकिन आपको बता दें कि सिर ढकना हमारे ग्रहों से भी जुड़ा हुआ है
आपको बता दूं कि से ढकना भी ग्रहों से जुड़ा हुआ है बृहस्पति जो सभी देवताओं के गुरु माने जाते हैं जिनका संबंध हमारे सिर ढकने से होता है इस विषय में विस्तार से बात करने के लिए हमने जाने-माने एस्ट्रोलॉजर नितिन मनचंदा से बात की है उनका मानना है कि सिर ढकने से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं और साथ ही साथ सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है।
Reason Of Covering Head In Hindi: बृहस्पति ग्रह की शक्ति को बढ़ाता है-सिर का संबंध हमारी मंगल ग्रह से होता है मंगल ग्रह हमारे बहुत ही गतिविधियों से जुड़ा है सामाजिक जीवन में रहने वालों के बीच एक प्रतिस्पर्धा रहती है फिर वह चाहे गाड़ी बंगला पैसे की प्रतिस्पर्धा ही क्यों ना हो ,इस आपाधापी में असली सुख इंसान भूल जाता है भौतिक जीवन में भौतिक सुविधाओं को लोग इकट्ठा करने में अपने दिन-रात के सुख को भूल जाते हैं राहु ग्रह से बुरे प्रभाव का असर होता है ऐसे में एक छोटा सा नियम और उपाय सिर को ढकने का जो बृहस्पति से जोड़कर देखा जाता है इससे बृहस्पति की शक्ति भी बढ़ती है।
बृहस्पति एक सात्विक ग्रह है यही वजह है कि किसी भी मांगलिक कार्य में सिर ढकना शुभ होता है और सीधे बृहस्पति ग्रह को मजबूत करता है सिर ढकने से बृहस्पति की ऊर्जा सक्रिय होती है जिससे मानव शरीर के सभी ग्रहों की शक्तियां बढ़ जाती हैं जिससे हमारा आत्म शक्ति भी बढ़ती है सात्विक भाव का मन में प्रवेश होने से मन में अहंकार बुरे ख्याल दूर हो जाते हैं ग्रहों को मजबूत करने के साथ-साथ हमें सात्विक भोजन को भी अपना सकते हैं जिसकी वजह से हम पूजा-पाठ या किसी भी व्रत में सात्विक भोजन ही करना पसंद करते हैं साथ ही भोजन से हमारे शरीर में शिव शक्ति का भी जन्म होता है।
सतयुग से चली आ रही है यह परंपरा-सिर ढकने की प्रथा हमारी पुरानी पुरानी परंपरा से चली आ रही है अपने से बड़ों को सम्मान देने का एक तरीका भी इसे माना जाता है माना जाता है कि माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के पैर दबाते समय सदैव अपने सिर को ढक कर रखती हैं इसलिए इसका संबंध मां लक्ष्मी से भी जोड़ा जाता है।
नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर-घर हो या बाहर ना प्राथमिक ऊर्जा से सभी बचना चाहते हैं सभी अपने घर या अपने आसपास के वातावरण को सकारात्मक बनाए रखना चाहते हैं सिर्फ एक सकारात्मक ऊर्जा का भी भाव है सिर ढकने से बृहस्पति के उर्जा शरीर को आती हैं जिससे राहु की दशा का प्रभाव कुछ कम हो जाता है राहु को मैटेरियल वर्ल्ड से जोड़कर देखा जाता है जिससे भौतिक जीवन हमेशा सुखदाई होता है
नमक से पूजा-पाठ या किसी भी विशेष मांगलिक प्रयोजन में अपने सिर को ढक ते हैं पूजा-पाठ में लाल और पीले रंग के कपड़े बेहद शुभ मान जाते लाल रंग मंगल को पीला रंग बृहस्पति को दर्शाता है इसे जब भी किसी पूजा-पाठ का हिस्सा बने तो लाल और पीले रंग के वस्त्र ही धारण करें।
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