Rone Ke Fayde:मनुष्यों के लिए वज़न नियंत्रित रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि ज्यादा या कम वज़न बहुत सी बीमारियों को न्योता देता है और आपका शरीर भी खराब दिखता है। लेकिन वज़न नियंत्रित रखना उतना भी आसान नहीं है। लोगों को यह करने के लिए बहुत से पापड़ बेलने पड़ते हैं, जैसे – हेल्दी डाइट फॉलो करना, जंक फूड से दूर रहना, जिम जाना, आदि। लेकिन यदि हम आपसे कहें कि रोकर भी हम अपना वज़न कम कर सकते हैं तो? जी हाँ! यह सौ फ़ीसदी सच है और हम बिल्कुल मज़ाक नहीं कर रहे। हाल ही में हुए एक शोध में यह पता चला कि ज्यादा रोने से वज़न कम होने लगता है।
दरअसल, जब आप इमोशनल होकर रोते हैं तो वह एक भावनात्मक क्रिया होती है, जो वज़न घटाती है। किसी भी क्रिया जैसे उदासी, हँसना, किताब पढ़ना या फिल्म देखने के दौरान जब आप रोते हैं, तो उससे आपका वज़न कम हो सकता है। याद रखें कि यदि आप मगरमच्छ के आंसू बहाएँगे यानि झूठा रोएँगे तो उससे आपके वज़न पर कोई असर नहीं होगा। आइए जानते हैं आखिर क्यों रोने से घटने लगता है वज़न(Crying Reduces Weight In Hindi)?
रोने पर हमारे शरीर में “कोर्टिसोन” नामक हार्मोन रिलीज होते हैं, जो हमारे शरीर से फैट को कम करने में सहायता करते हैं। तनाव या उदासी के कारण जब हम रोते हैं, तो आँसू के साथ हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं और वज़न कम होने लगता है। मशहूर जैव रसायनज्ञ ‘विलियम फ्रे’ ने भी इस अध्ययन का पूरी तरह समर्थन किया है।
उन्होने “द मिस्ट्री ऑफ टीयर्स” नाम से प्रकाशित एक बुक में, आँसुओं के कारण घटते वजन पर हुए शोध के बारे में बताया। इस शोध में यह जानने की कोशिश की गई कि आँसुओं का मनुष्य के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि यदि आपके आँसू किसी वास्तविक कारण से हैं तो यह आपका बॉडी फैट बर्न करते हैं।
आँसू के तीन प्रकार होते हैं – बुनियादी, अनैच्छिक व मानसिक आँसू। बुनियादी आँसू हमारे पीपर को नम रखते हैं, जबकि अनैच्छिक आँसू, अनजाने में धुएं या प्रदूषण के कारण आते हैं, वहीं मानसिक आँसू सच्ची व मानवीय भावनाओं पर आधारित होते हैं। इमोशनल क्राईंग यानि भावनात्मक आंसू में मनुष्य के शरीर में कई प्रकार के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं।
सोते समय हमारे दिल की मांसपेशियां एक घंटे में करीब साढ़े आठ कैलोरी बर्न करती हैं। लेकिन मानसिक तनाव के समय हमारे दिल की गति बढ़ जाती है, जिसके कारण कैलोरी भी तेजी से बर्न होने लगती हैं और हमारा वज़न घटने लगता है।
रोने के लिए शाम 7 से 10 बजे तक का समय सबसे अच्छा होता है। इस दौरान आँसू बहाकर आप अपनी नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति पा सकते हैं, क्योंकि इस समय कोर्टिसोन हॉर्मोन का रिलीजिंग प्रभाव अपने चरम पर होता है। रोने से शरीर में कॉर्टिसोन हॉर्मोन का स्तर गिरने लगता है और उसके कारण वजन भी कम होने लगता है।
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि महिलाओं को बात-बात पर रोने की आदत(Rone Ke Fayde) होती है, लेकिन इस आदत से वज़न कम नहीं होता। रोने के अलावा आपको अपनी डाइट और एक्सरसाइज पर भी खास ध्यान देना होगा तभी वज़न नियंत्रित हो पाएगा।
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