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रोते हुए बच्चे को शांत कैसे करें? 10 आसान और असरदार घरेलू तरीके

एक नए माता-पिता के तौर पर, बच्चे के रोने की आवाज़ से ज़्यादा परेशान करने वाली और कोई चीज़ नहीं होती। आप थके हुए हैं, आपकी नींद पूरी नहीं हुई है, और आप बस यह जानना चाहते हैं कि आपका बच्चा क्यों रो रहा है और उसे क्या चाहिए। यह समझना ज़रूरी है कि रोना (crying) ही एक नवजात शिशु (newborn) का बात करने का एकमात्र तरीका है। लेकिन जब यह रोना घंटों तक चलता है, तो यह किसी भी माता-पिता को लाचार और भावुक (emotional) महसूस करा सकता है।

अगर आप भी रोते हुए बच्चे को शांत कैसे करें? इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं, तो घबराएं नहीं। आप अकेले नहीं हैं। इस लेख में, हम न सिर्फ़ बच्चे के रोने के कारणों (baby crying reason) को समझेंगे, बल्कि उन 10 आसान और प्रैक्टिकल घरेलू तरीकों (baby soothe tips) पर भी बात करेंगे जो आपके बच्चे को शांत करने में मदद करेंगे।

बच्चे आखिर रोते क्यों हैं? (Understanding the ‘Baby Crying Reason’)

इससे पहले कि हम ‘कैसे’ पर जाएं, यह समझना ज़रूरी है कि बच्चे ‘क्यों’ रोते हैं। उनका रोना उनकी ज़रूरत बताने का तरीका है।

एक त्वरित ‘बेबी चेकलिस्ट’: जब भी आपका बच्चा रोए, सबसे पहले इन चीज़ों की जाँच करें:

  1. क्या वह भूखा है? (Hunger): नवजात शिशु का पेट बहुत छोटा होता है। उन्हें हर 2-3 घंटे में भूख लग सकती है।
  2. क्या डायपर गीला है? (Wet Diaper): गीलापन या रैश (rash) बच्चे को असहज कर सकता है।
  3. क्या उसे नींद आ रही है? (Sleepiness): बच्चे अक्सर थक जाने पर भी रोते हैं, खासकर अगर वे सो नहीं पा रहे हों।
  4. क्या उसे दर्द या गैस है? (Pain or Gas): पेट में गैस (colic) या अपच एक आम समस्या है।
  5. क्या उसे बस आपकी ज़रूरत है? (Needs Comfort): कभी-कभी बच्चे सिर्फ़ माँ या पिता का स्पर्श (touch) और गरमाहट चाहते हैं।

रोते हुए बच्चे को शांत करने के 10 असरदार तरीके

अगर आपने ऊपर दी गई चेकलिस्ट देख ली है और बच्चा फिर भी रो रहा है, तो इन आजमाए हुए तरीकों (baby soothe tips) को अपनाएं।

1. ‘द 5 S’s’ फॉर्मूला अपनाएं

डॉ. हार्वे कार्प द्वारा लोकप्रिय यह 5-स्टेप फॉर्मूला गर्भ (womb) के माहौल की नकल करता है:

  • Swaddling (लपेटना): बच्चे को एक मुलायम कपड़े में कसकर (लेकिन आराम से) लपेटें। यह उन्हें सुरक्षित महसूस कराता है।
  • Side/Stomach Position (करवट): बच्चे को अपनी गोद में करवट या पेट के बल (सिर्फ़ शांत कराने के लिए, सुलाने के लिए नहीं) लिटाएं।
  • Shushing (श्श्श… की आवाज़): बच्चे के कान के पास ज़ोर से ‘श्श्श…’ की आवाज़ निकालें। यह गर्भ में रक्त प्रवाह की आवाज़ जैसा लगता है।
  • Swinging (झुलाना): बच्चे को गोद में लेकर धीरे-धीरे झुलाएं या रॉकिंग चेयर (rocking chair) का इस्तेमाल करें।
  • Sucking (चूसना): चूसना बच्चों के लिए एक प्राकृतिक ‘calming reflex’ है। आप उन्हें स्तनपान, पैसिफायर (pacifier) या साफ़ उंगली दे सकते हैं।

2. व्हाइट नॉइज़ (White Noise) का जादू

‘श्श्श’ की आवाज़ की तरह ही, ‘व्हाइट नॉइज़’ भी बहुत असरदार है। यह गर्भ की आवाज़ों की नकल करता है और बाहर की अचानक आने वाली आवाज़ों को दबा देता है। आप पंखे की आवाज़, एयर कंडीशनर की ध्वनि, या मोबाइल ऐप पर ‘white noise’ चला सकते हैं।

3. पेट की मालिश और ‘Colic Relief’

अगर बच्चा गैस या ‘कोलिक’ (colic) के कारण रो रहा है, तो पेट की मालिश बहुत फायदेमंद हो सकती है।

  • कैसे करें: अपनी उंगलियों से बच्चे की नाभि के आसपास, घड़ी की सुई की दिशा में (clockwise) धीरे-धीरे मालिश करें।
  • पैर साइकिलिंग: बच्चे की टांगों को पकड़कर धीरे-धीरे साइकिल चलाने जैसी कसरत (bicycle movement) कराएं। यह फंसी हुई गैस को बाहर निकालने में मदद करता है।

4. हींग का लेप (Hing Paste)

यह एक पारंपरिक भारतीय colic relief नुस्खा है। एक चम्मच गुनगुने पानी में ज़रा सी हींग घोलकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को बच्चे की नाभि के आसपास (नाभि के अंदर नहीं) लगाएं। माना जाता है कि इसकी तासीर और गंध गैस से राहत दिलाती है।

5. गुनगुने पानी से स्नान (Warm Bath)

पानी की गर्मजोशी और स्पर्श बच्चे की इंद्रियों (senses) को शांत कर सकता है। एक टब में गुनगुना पानी लें और बच्चे को धीरे-धीरे नहलाएं। यह अक्सर उन्हें रिलैक्स करके सुलाने में मदद करता है।

6. स्किन-टू-स्किन (Skin-to-Skin) संपर्क

यह सबसे शक्तिशाली baby soothe tips में से एक है। अपने बच्चे को डायपर में रखकर अपनी नंगी छाती से लगाएं और ऊपर से एक कंबल ओढ़ लें। आपकी दिल की धड़कन, आपकी सांसों की गरमाहट, और आपकी महक बच्चे को तुरंत सुरक्षित महसूस कराती है।

7. गोद में लेकर घूमें (Movement)

कभी-कभी बच्चे को बस गति (motion) की ज़रूरत होती है। बच्चे को गोद में उठाएं और कमरे में, बालकनी में या घर के आसपास थोड़ा टहलें। यह हल्की-फुल्की हरकत अक्सर उन्हें शांत कर देती है।

8. जगह बदलें (Change of Scenery)

कभी-कभी एक ही जगह पर रहने से बोरियत या बेचैनी हो सकती है। बच्चे को दूसरे कमरे में ले जाएं, खिड़की से बाहर का नज़ारा दिखाएं, या बालकनी में ताज़ी हवा में ले जाएं। माहौल में यह छोटा सा बदलाव उसका ध्यान भटका सकता है।

9. बर्पिंग (Burping) है ज़रूरी

अगर आपका बच्चा दूध पीते-पीते या पीने के तुरंत बाद रोने लगता है, तो हो सकता है उसे डकार (burp) की ज़रूरत हो। दूध के साथ निगली हुई हवा पेट में फंसकर दर्द करती है। बच्चे को कंधे पर लेकर उसकी पीठ को धीरे-धीरे थपथपाएं।

10. बच्चे को सुलाने के उपाय (Sleep Cues)

अक्सर बच्चे सिर्फ इसलिए रोते हैं क्योंकि वे बहुत थक जाते हैं पर सो नहीं पाते (overtired)। ऐसे में, उन्हें सुलाने का माहौल दें।

  • कमरे की बत्तियां बुझा दें या धीमी कर दें।
  • शांति बनाए रखें या व्हाइट नॉइज़ चलाएं।
  • उन्हें स्वैडल (lapet) करें।

अगर बच्चा कोलिक (Colic) से रो रहा हो तो?

‘कोलिक’ उस स्थिति को कहते हैं जब एक स्वस्थ बच्चा भी दिन में 3 घंटे से ज़्यादा, हफ़्ते में 3 दिन से ज़्यादा और 3 हफ़्तों तक लगातार रोता है। यह आमतौर पर शाम के समय होता है। ऊपर दिए गए तरीके (जैसे मालिश, हींग, व्हाइट नॉइज़) कोलिक में भी काम आते हैं। याद रखें, यह एक अस्थायी (temporary) चरण है जो आमतौर पर 3-4 महीने की उम्र तक अपने आप ठीक हो जाता है।

माता-पिता के लिए एक ज़रूरी सलाह

रोते हुए बच्चे को संभालना भावनात्मक रूप से थका देने वाला हो सकता है।

याद रखें: अगर आप बहुत ज़्यादा तनाव (stress) या हताशा (frustration) महसूस कर रहे हैं, तो बच्चे को एक सुरक्षित जगह (जैसे पालने या क्रिब में) लिटाएं और 5 मिनट के लिए दूसरे कमरे में चले जाएं। गहरी सांसें लें। एक शांत माता या पिता ही बच्चे को बेहतर शांत कर सकते हैं। अपने पार्टनर से या परिवार से मदद लेने में संकोच न करें।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

आमतौर पर रोना सामान्य है, लेकिन अगर रोने के साथ ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • 100.4°F (38°C) से ज़्यादा बुखार
  • लगातार उल्टी या दस्त
  • बच्चा सुस्त हो या दूध न पी रहा हो
  • रोने की आवाज़ बहुत तीखी, कमज़ोर या असामान्य लगे
  • साँस लेने में तकलीफ़

निष्कर्ष (Conclusion)

रोते हुए बच्चे को शांत कैसे करें? इसका कोई एक जादुई जवाब नहीं है। हर बच्चा अलग होता है। आपको सब्र (patience) के साथ यह समझना होगा कि आपके बच्चे पर कौन सा तरीका काम करता है।

यह एक सीखने की प्रक्रिया है। आप अपने बच्चे के संकेतों (cues) को समझना सीख रहे हैं, और वह आप पर भरोसा करना सीख रहा है। प्यार, धैर्य और इन आसान घरेलू तरीकों से, आप जल्द ही अपने बच्चे को शांत करने में माहिर हो जाएंगे।

Also Read: नवजात शिशु की पहले 30 दिनों की देखभाल कैसे करें? (A Complete Guide for New Parents)

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