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Abhilasha Jain Marwadi Khana: सोशल मीडिया के इस दौर में जहां बहुत से लोगों को इसकी बुरी लत लगी हुई है, वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इसका इस्तेमाल सकारात्मक तरीके से करके इससे मुनाफा कमाने में लगे हैं। यहां हम आपको अभिलाषा (Abhilasha Jain) नामक एक ऐसी महिला की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए अपना ऐसा बिजनेस खड़ा कर दिया है कि आज इनकी महीने की कमाई लाखों में है।
राजस्थान को तो आप जानते ही हैं कि यह कितनी विविधताओं से भरा हुआ राज्य है। यहां का खाना-पीना तक विविधताओं से भरा हुआ है। एक ठेठ राजस्थानी परिवार की तो पहचान ही यही है कि वहां आपको अचार से लेकर छप्पन तरह की मिठाइयां तक आपको मिल जाएंगी। सारी चीजें घर में ही तैयार की जाती हैं। एक इसी तरह के मारवाड़ी संयुक्त परिवार में अभिलाषा जैन भी पली-पढ़ीं और बचपन से ही अपने परिवार की और विशेष तौर पर अपने पिता की वे बड़ी लाडली रही हैं।
अजमेर में पढ़ाई करने के दौरान छुट्टियों में घर आने पर अभिलाषा घर में रसोई में काफी वक्त बिताती थीं। शादी हो गई तो कुछ समय के लिए अपने पति आशीष के साथ वे स्कॉटलैंड चली गईं। वहां भी पाक कला में उनकी रुचि कायम रही। शाकाहारी मारवाड़ी खाना मिलना तो वहां बहुत ही मुश्किल था। ऐसे में अभिलाषा ने खुद ही रोजाना कुछ-न-कुछ बनाना शुरू किया। जब भी कुछ नया बनाती थीं तो दोस्तों को फोन करके बुला लेती थीं। अभिलाषा के मुताबिक भोजन तैयार करने में उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं होती थी, चाहे उन्हें 4 लोगों के लिए भोजन तैयार करना हो या फिर 40 लोगों के लिए। स्कॉटलैंड में रहने के बाद आखिरकार अपने पति आशीष के साथ अभिलाषा भारत आ गईं। यहां आने के बाद सोशल मीडिया पर उन्होंने लोगों को काफी सक्रिय होते हुए देखा तो जिज्ञासा के कारण ‘मारवाड़ी खाना’ नाम से एक फेसबुक पेज बना लिया और जो भी वह घर पर बनाती थीं, उन्होंने इस पेज पर उसे पोस्ट करना शुरू कर दिया।
अभिलाषा के मुताबिक फेसबुक पर वे जो भी पोस्ट करती थीं, उन्हें धीरे-धीरे बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिलने लगी थी। वर्ष 2014 में उन्होंने अपने इसी फेसबुक पेज पर दाल बाटी की भी एक पोस्ट डाल दी थी। साथ में उन्होंने लिख भी दिया था कि किसी को यदि दाल बाटी चाहिए तो वे ऑर्डर भी दे सकते हैं। अभिलाषा के अनुसार उनकी इस पोस्ट ने उन्हें 40 ऑर्डर दिलवा दिए थे। बाद में जब उन्होंने दाल बाटी तैयार करके इसकी डिलीवरी करवा दी तो उन्हें बहुत ही अच्छा फीडबैक प्राप्त हुआ था और तभी उन्होंने ठान लिया था कि अब उन्हें इसी रास्ते पर आगे बढ़ते जाना है।
अभिलाषा का कहना है कि उन्होंने कभी भी कोई स्पेशल मार्केटिंग नहीं की है। लगभग 5 वर्षों से इस काम को लेकर रही हैं और उन्हें जो 90 फ़ीसदी आर्डर प्राप्त होते हैं वे या तो फेसबुक या व्हाट्सएप या फिर कॉल्स के जरिए प्राप्त होते हैं। किसी ग्राहक ने एक बार उनसे खाना ले लिया तो वे दूसरों को भी बताते हैं और इस तरीके से उनके ग्राहक लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
कढ़ी कचौड़ी, दाल बाटी और गट्टे की सब्जी जैसे रेगुलर डिश के अलावा भी कई तरह के स्पेशल आइटम जैसे कि त्योहारों के अवसर पर मिठाइयां आदि के भी ऑर्डर वे ले लेती हैं। होली आ रही है तो गुजिया के आर्डर भी उन्हें मिलने लगे हैं। अभिलाषा के मुताबिक उन्होंने प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं के लिए बनाए जाने वाले लड्डू की रेसिपी भी अपनी दादी और सास से सीख ली है। अभिलाषा के मुताबिक हर महीने 4 से 5 लाख रुपये वे कमा ले रही हैं। पांच स्टाफ उनके साथ काम कर रहे हैं और उनके कई डिलीवरी पार्टनर भी उनसे जुड़े हैं।
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