Bihar News: सोशल मीडिया की वजह से आज लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आए हैं। अक्सर लोग अपने दिल की बात सोशल मीडिया में शेयर करते रहते हैं। भले ही कुछ लोग सोशल मीडिया की आलोचना करते हैं, लेकिन सोशल मीडिया की वजह से बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें खुशियां नसीब हो पाई हैं। बिहार (Bihar News) में बिल्कुल भी कुछ ऐसा ही हुआ है। यहां पश्चिमी चंपारण के रहने वाले एक असहाय परिवार को सोशल मीडिया की वजह से बड़ी मदद मिल पाई है। सोशल मीडिया एक तरह से उनके लिए वरदान बनकर उभरा है। यहां हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं।
यह कहानी बचपन में ही एक बड़ी जिम्मेवारी कंधों पर आ जाने की है। बचपन बड़ा अनमोल होता है। बचपन होता है खेलने-कूदने के लिए। बचपन होता है किसी भी फिक्र को अपने ऊपर हावी नहीं होने देने के लिए, लेकिन जरा सोचिए यदि बचपन में ही किसी बच्चे के ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेवारी आ जाए तो फिर उसके लिए इसे संभालना कितना मुश्किल हो जाएगा? वह बच्चा जिसे अभी ठीक से घर-परिवार और समाज की समझ भी नहीं है, अचानक से उस पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभालने की नौबत आ जाए तो उस बच्चे की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।
पश्चिम चंपारण की बगहा में वार्ड नंबर 10 में रहने वाले एक 10 साल के बच्चे सुनील के ऊपर से अचानक उसके पिता राजन का साया उठ गया। घर में 55 साल की विधवा मां थी और 6 बच्चे भी थे। राजन की मौत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया कि आखिर परिवार अब चलेगा कैसे? परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कहां से हो पाएगा? 10 साल के सुनील ने ऐसे में ठान ली कि अब वही अपने परिवार की जिम्मेवारी उठाएगा। बिहार (Bihar News) उसने अपने पिता का ठेला लिया और उसे धकेलते हुए रेलवे स्टेशन की ओर चल पड़ा। वहां उसने अब भूंजा और आलूचॉप बेचना शुरू कर दिया।
हाड़ कंपा देने वाली ठंड थी और इस दिन सुनील अपने ठेले को लेकर रेलवे स्टेशन के पास खड़ा था। ग्राहकों का वह इंतजार कर रहा था। ठंड से ठिठुर भी रहा था। इसी दौरान एक अजय पांडे नामक सामाजिक कार्यकर्ता की नजर उस पर पड़ गई। उन्होंने सुनील की फोटो निकाली। उससे बातचीत की। इसके बाद उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर सुनील की तस्वीर के साथ उसके परिवार की पूरी कहानी पोस्ट कर दी।
यह भी पढ़े
अजय पांडे की इस पोस्ट का बड़ा असर हुआ। लोग सुनील की मदद के लिए आगे आने लगे। यहां तक कि पड़ोस में रहने वाले हरि प्रसाद ने भी सुनील के परिवार की मदद करने की ठान ली। उन्होंने सुनील को अब स्कूल भेजना शुरू कर दिया। बाकी पैरेंट्स की तरह ही हरि प्रसाद भी अब सुनील को स्कूल ले जाते हैं। अजय पांडे ने एक और पहल की। उन्होंने सुनील की मां का बैंक खाता खुलवा दिया। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया में उनके बैंक खाते का नंबर भी शेयर कर दिया। इसके बाद से लोगों ने सीधे सुनील की मां के अकाउंट में पैसे भेजने शुरू कर दिए। इससे सुनील के परिवार की बड़ी मदद हो गई। अजय के मुताबिक अब तक सुनील की मां के खाते में 45 हजार रुपये आ चुके हैं।
बिहार (Bihar News) स्थानीय लोग सुनील की दादी को इंदिरा आवास दिलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। सुनील का भी कहना है कि वह पढ़-लिख कर बड़ा होकर एक अधिकारी बनना चाहता है। साथ ही वह उन लोगों की मदद के लिए उनका शुक्रगुजार भी है, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में उसके और उसके परिवार की मदद की है। इस तरह से सोशल मीडिया के जरिए सुनील और उसके परिवार की बड़ी मदद हो पाई है, जिससे सुनील को भी आगे बढ़ने का रास्ता मिल गया है।
Benefits Of Ice On Face In Hindi: चेहरे को सुंदर बनाने के लिए लोग तरह-तरह…
Spring Roll Sheets Recipe in Hindi: स्प्रिंग रोल हर एक आयु वर्ग के लोगों के…
Shri Ram Raksha Strot Padhne Ke Fayde: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा…
Benefits of Roasted Chana with Jaggery In Hindi: शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए…
Benefits of Papaya Milk for Skin In Hindi: त्वचा के लिए पपीता फायदेमंद होता है…
Famous Shakti Peeth in Haryana: इस समय पूरे देश भर मे चैत्र नवरात्रि के त्यौहार…