ये बात सुनने में बेहद अजीब लग सकती है कि, आखिर क्यों कोई आदमी अपने बेटे के रहते हुए अपनी ज़ायदाद हाथियों के नाम कर देता है। जहाँ बीते दिनों केरल से एक हथनी के साथ हुई अमानवीय घटना सामने आई वहीं बिहार के पटना से हाथियों को अपने जायदाद का मालिक बनाने की बात सामने आई है। पटना के रहने वाले एक शख़्स ने अपने दो पालतू हाथियों को करोड़ों के ज़ायदाद का मालिक बना दिया है। जानवरों के प्रति अपने प्यार को जाहिर करते हुए इस शख्स ने जो काम किया है उसकी प्रशंसा भी हो रही है और लोग यह भी जानना चाहते हैं कि, आखिर इस व्यक्ति ने बेटे के रहते हाथियों को जायदाद का मालिक क्यों बनाया। आइये जानते हैं आखिर इस शख़्स ने क्यों बेटों को जायदाद से बेदखल कर हाथियों के नाम की पूरी संपत्ति।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पटना जानीपुर के रहने वाले पचास वर्षीय मोहम्मद अख्तर ने अपने पांच करोड़ की जमीन अपने दो हाथी मोती और रानी के नाम कर दिया है। बता दें कि, मोहम्मद अख्तर बहुत छोटी उम्र से ही हाथियों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें बचपन से ही हाथियों से बेहद प्यार था इसलिए मोहम्मद ने दो हाथी पाले जिसका नाम उन्होनें मोती और रानी रखा। गौरतलब है कि, बिहार के रहने वाले मोहम्मद अख्तर हाथियों का बचाव करने वाली संस्था “ऐरावत” के मुख्य प्रबंधक भी हैं। उनके करीबियों की माने तो उन्होनें अपना पूरा जीवन हाथियों की सेवा में ही बिताया है। मोहम्मद अख्तर को पटना में लोग हाथी वाला के नाम से भी जानते हैं। जब मोहम्मद से उनकी सारी संपत्ति बेटों को ना देकर हाथियों के नाम करने के बारे में पूछा गया तो उन्होनें साफतौर पर बताया कि, उनका बेटा गलत कामों में संलिप्त है इसलिए उन्होनें आधी संपत्ति पत्नी के नाम कर दी और आधी इन हाथियों के नाम। गौरतलब है कि, मोहम्मद अख्तर बीते दस सालों ने अपनी पत्नी और बेटे से अलग रह रहे हैं।
बता दें कि, मोहम्मद अख्तर ने बेटे को जायदाद से बेदखल करने के पीछे एक और वजह बताई। मोहम्मद अख्तर के बेटे ने उन्हें अपनी ही प्रेमिका के साथ रेप के झूठे आरोप लगाए थे। इस वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था लेकिन बाद में पुलिस जांच पड़ताल के बाद सच्चाई सामने आई। इसके अलावा अख्तर के बेटे मेराज ने हाथी तस्करों के साथ मिलकर उनके हाथियों को बेचने की कोशिश भी की थी। बता दें कि, मोहम्मद अख्तर इन दोनों हाथियों को अपने जिन्दा रहने की वजह भी बताते हैं। इस बारे में उनका कहना है कि, एक बार कुछ लोग उन्हें जान से मारने के लिए आए थे, उस समय इन दोनों हाथियों के जोर से चिंघाड़ने की वजह से ही उनकी नींद खुली और वो अपनी जान बचा पाए। घटना के बाद से मोहम्मद अख्तर को अपने दोनों हाथियों से और भी ज्यादा लगाव हो गया है। ये दोनों ही उनके दिल के बेहद करीब हैं, उन्होनें इन दोनों हाथियों के नाम अपनी सारी ज़ायदाद करने के दस्तावेज भी बना लिए हैं जिसमें साफ़ तौर पर लिखा है कि, अगर किसी भी कारण से इन दोनों हाथियों को कुछ भी होता है तो उनके परिवार वालों को कुछ भी नहीं मिलेगा और सारी संपत्ति ऐरावत संस्था के पास चली जाएगी। बता दें कि, मोहम्मद अख्तर ने यह फैसला हाथियों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए भी लिया है।
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