पॉजिटिव स्टोरी

दोनों पैर गंवाकर खुद न चलकर भी देखिए इन्होंने कैसे चला दी दूसरों की जिंदगी

इंसान कमजोर या मजबूत अपने शरीर से नहीं, बल्कि अपनी सोच से होता है। नकारात्मक सोच इंसान को कमजोर बनाती है, जबकि सकारात्मक सोच उसे मजबूती देती है। छत्तीसगढ़ के चित्रसेन साहू जो कि हाफ ह्यूमन रोबो के नाम से लोकप्रिय हैं, उनकी कहानी कुछ ऐसा ही बयां करती है।

अफसोसजनक कहानी

Bepositiveindia

चित्रसेन छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में सिविल इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे। वर्ष 2014 में बिलासपुर जा रहे थे। इसी दौरान भाटपाड़ा स्टेशन पर पानी पीने के लिए वे ट्रेन से नीचे उतरे थे। तभी ट्रेन चल पड़ी। ट्रेन पकड़ने के दौरान वे नीचे गिर गए। दोनों पैर बुरी तरह से जख्मी हो गए। और उन्हें बहुत दर्द हो रहा था। उन्हें लग रहा था कि अब उनके करियर का क्या होगा। तभी डॉक्टर ने उनका एक पैर काटने की बात कही। यह सुनकर उनका दिमाग एकदम सुन्न हो गया। फिर उन्हें पता चला कि डॉक्टरों की गलती की वजह से दूसरा पैर भी काटना पड़ रहा है।

खुद पर हो विश्वास

Bepositiveindia

चित्रसेन के मुताबिक दोस्तों की मदद से उनका शुरुआती इलाज हो गया। जो लोग मिलने के लिए आते वे बड़ा दया भाव दिखाते थे। शुरू में तो उन्हें बहुत निराशा हुई, लेकिन गूगल और इंटरनेट पर सर्च करने के दौरान पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा की कहानी पढ़कर उन्हें बहुत प्रेरणा मिली और उन्होंने ठान लिया कि अब वे पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे। कृत्रिम पैरों की मदद लेकर उन्होंने चलना शुरू किया। नौकरी भी उन्होंने जॉइन कर ली। चित्रसेन कहते हैं कि मन से यदि हार गए तो सब कुछ खत्म है। मैंने मन से ही दुनिया को जीतने की ठान ली थी। चित्रसेन यह भी कहते हैं कि अधिकतर लोग मदद का भाव नहीं, बल्कि दया का भाव रखते हैं। ऐसे में खुद पर विश्वास रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है।

ऐसे की शुरुआत

The Bridge

शुरू में थोड़ा दर्द सहकर चित्रसेन ने प्रोस्थेटिक लेग्स की मदद से और दिव्यांग दोस्तों को साथ लेकर राजनांदगांव ट्रेनिंग कैंप में व्हीलचेयर से बॉस्केटबॉल खेलना शुरू कर दिया। वर्ष 2017 में उनकी टीम बन गई, जिसका तीन बार उन्होंने प्रतिनिधित्व भी किया है। महिला टीम को प्रशिक्षित भी करते हैं। बास्केटबॉल खेलते हैं। बिना थके 5 किलोमीटर तक मैराथन में भी चल लेते हैं।

जीती ये लड़ाई

Indian Express

चित्रसेन अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते थे, मगर आरटीओ में उनके निवेदन को अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने इसके लिए परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों से भी मुलाकात की। ड्राइविंग टेस्ट और वाहन की जांच करके उन्होंने निर्णय लेने की मांग की। हालांकि, जब कोशिशें सफल नहीं हुईं तो कोर्ट का दरवाजा उन्होंने खटखटाया। आखिरकार उन्होंने अपने हक की लड़ाई को जीत लिया। कोर्ट ने तब आरटीओ को निर्देशित किया था कि केवल दिव्यांग होने की वजह से किसी को ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन के पंजीकरण के लिए मना नहीं किया जा सकता। पहले तो आरटीओ रजिस्ट्रेशन करे। फिर ड्राइविंग टेस्ट ले और उसके बाद ही कोई फैसला करें। इस निर्णय से करीब 6 लाख राज्य के दिव्यांगों को अपना अधिकार पानी में मदद मिली थी और इससे चित्रसेन को पहचान भी मिल गई।

यहां लहराया तिरंगा

News Hook

दोनों पैर नहीं होने के बावजूद चित्रसेन ने किलिमंजारो की कठिन चढ़ाई पूरी कर ली और 5685 मीटर ऊंचाई पर माउंट किलिमंजारो पर 23 सितंबर, 2019 को तिरंगा लहरा दिया। चित्रसेन पहाड़ो की चढ़ाई तो करते ही रहते हैं, साथ ही वे लोगों को डिप्रेशन से बाहर निकालने के लिए भी काम कर रहे हैं। दिव्यांग साथियों की आजीविका सुनिश्चित करने की दिशा में भी वे कई तरह के काम कर रहे हैं। कृत्रिम अंगों के साथ पैरा स्पोर्ट्स, मैराथन एवं ट्रैकिंग की जानकारी दिव्यांग साथियों को देते रहते हैं। चित्रसेन कहते हैं कि उन्हें अब काम अपने उन्हें दिव्यांग साथियों के लिए करना है जो कि समाज में अलग-थलग पड़े हुए हैं। चित्रसेन की कहानी साबित करती है कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

Facebook Comments
Shikha Yadav

Share
Published by
Shikha Yadav

Recent Posts

शिशु की त्वचा की देखभाल कैसे करें? 7 आसान Baby Skincare Tips

नवजात शिशु की त्वचा (baby skin) को छूने का अहसास दुनिया का सबसे सुखद अनुभव…

2 weeks ago

रोते हुए बच्चे को शांत कैसे करें? 10 आसान और असरदार घरेलू तरीके

एक नए माता-पिता के तौर पर, बच्चे के रोने की आवाज़ से ज़्यादा परेशान करने…

2 months ago

नवजात शिशु की पहले 30 दिनों की देखभाल कैसे करें? (A Complete Guide for New Parents)

घर में एक नन्हे मेहमान का आना दुनिया की सबसे बड़ी खुशियों में से एक…

2 months ago

हिसार की छात्रा के बायोइन्फॉर्मेटिक्स शोध से दर्दनाक मस्तिष्क की चोट का अल्जाइमर से संबंध उजागर हुआ

हिसार, हरियाणा – हरियाणा के हिसार जिले के भाटोल जाटान गांव की कीर्ति बामल, जो…

6 months ago

मध्य प्रदेश टूरिज़्म 2025: एक प्रगति की कहानी — ‘Heart of Incredible India’

मध्य प्रदेश, जिसे हम गर्व से Heart of Incredible India कहते हैं, अब सिर्फ घूमने…

6 months ago

IRCTC अकाउंट को आधार से ऐसे करें लिंक, वरना तत्काल टिकट बुकिंग पर लग सकता है ताला!

अगर आप भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा IRCTC का इस्तेमाल करते हैं, तो…

7 months ago