हम दरिया हैं। जिस ओर चल पड़ेंगे रास्ता बन जाएगा। ऐसी सोच मन में रखकर जो लोग दृढ़ विश्वास के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं, इस सोच की वजह से उनके रास्ते के तमाम कांटे फूलों में तब्दील हो जाते हैं। दिल में जो कुछ पानी की सच्ची ललक होती है, उसकी वजह से बहुत दूर नजर आ रही मंजिल भी पास नजर आने लगती है। जो मुकाम अब तक सपना नजर आता था, लक्ष्य के प्रति सच्चे समर्पण की वजह से वह सपना बहुत जल्द हकीकत में उनके लिए तब्दील होता नजर आता है। बीते दिनों आईपीएल की नीलामी में 2 करोड़ 40 लाख रुपए लगाकर राजस्थान रॉयल्स द्वारा खरीदे गए यशस्वी जायसवाल की कहानी कुछ ऐसी ही है। महज 17 साल के इस यशस्वी की कहानी विचलित तो जरूर करती है, मगर यह बाकी लोगों के लिए प्रेरणा के तौर पर भी काम करती है।
जब आईपीएल 2020 की नीलामी हो रही थी, तो यशस्वी जयसवाल नामक इस क्रिकेटर की बेस प्राइस केवल 20 लाख रुपये ही रखी गई थी। हालांकि, इस उभरते हुए युवा क्रिकेटर की प्रतिभा को देखते हुए आखिरकार राजस्थान रॉयल्स ने इन पर बड़ा दांव लगाते हुए इन्हें दो करोड़ 40 लाख रुपए में खरीदा। आपको यह बात हैरान कर देगी कि 17 वर्ष के यशस्वी जो कि आईपीएल के अगले सीजन में खेलते हुए नजर आने वाले हैं और जो अब करोड़पति बन गए हैं, कुछ समय पहले तक अपनी जिंदगी चलाने के लिए वे मुंबई की सड़कों पर गोलगप्पे बेचने के लिए मजबूर थे। हालांकि, अपनी प्रतिभा और अपने फौलादी इरादों के दम पर आज वे बेहद छोटी सी उम्र में ही करोड़पति बनकर उभरे हैं।
वर्तमान में यशस्वी जायसवाल भारत की अंडर-19 टीम के खिलाड़ी हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप में जो इंडिया की टीम गई है, उसके भी वे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। हालांकि, यह क्रिकेट खिलाड़ी कितना संघर्ष करके यहां तक पहुंचा है, इसके बारे में जब किसी को भी जानकारी होती है तो वह दांतों तले उंगली जरूर दबा लेता है, क्योंकि इतने संघर्षमय जीवन से पार पाते हुए इस मुकाम तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं होती।
आज यशस्वी जायसवाल एक कामयाब क्रिकेटर तो जरूर बन गए हैं, लेकिन उनका यहां तक का सफर इतना भी आसान नहीं रहा है। राजस्थान रॉयल्स की ओर से ये बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में अपनी बल्लेबाजी का जादू दिखाते हुए आईपीएल के दौरान नजर जरूर आएंगे, मगर इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इस युवा खिलाड़ी को बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं। इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी आजीविका चलाने को लेकर थी। यही वजह थी कि मुंबई के आजाद मैदान के बाहर इन्हें गोलगप्पे बेचने पड़ते थे।
आलम यह था कि सुबह में जिन खिलाड़ियों की गेंदों पर वे चौके-छक्के जड़ा करते थे, जिनके साथ वे क्रिकेट खेला करते थे, उन्हीं खिलाड़ियों को शाम के वक्त उन्हें गोलगप्पे खिलाने पड़ते थे। यशस्वी ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि ऐसा करके उन्हें बहुत ही बुरा अनुभव होता था, लेकिन उनके पास कोई और विकल्प भी नहीं था। अपनी आजीविका चलाने के लिए उनका यह करना जरूरी था, क्योंकि आर्थिक रूप से वे समर्थ नहीं थे।
यशस्वी को मालूम था कि क्रिकेट उनकी ताकत है। वह अपनी इसी ताकत के साथ आगे बढ़ते रहे। पिछले साल जब श्रीलंका को भारत की अंडर-19 टीम ने 144 रनों से हरा दिया और रिकॉर्ड छठी बार एशिया कप पर अपना कब्जा जमाया, तो इस सीरीज में जिन खिलाड़ियों ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया था, उस सूची में यशस्वी जायसवाल का नाम भी शामिल था। फाइनल मैच में यशस्वी ने ओपनिंग करते हुए 85 रन बनाए थे। इस सीरीज में सर्वाधिक 214 रन यशस्वी जायसवाल के ही थे। अब आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स द्वारा यशस्वी को दो करोड़ 40 लख रुपए में खरीदा जाना यह साबित करता है कि इरादों में यदि दम हो तो कोई भी परिस्थिति ज्यादा देर तक रास्ते का कांटा नहीं बन सकती है।
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