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Engineer Group Collecting Waste: भारत में जबसे स्वच्छ भारत अभियान चला है, तब से स्वच्छता की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। फिर भी देश में अब भी बहुत से ऐसे हिस्से हैं, जहां अब भी गंदगी पसरी हुई दिख जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक लोगों की सोच में बदलाव नहीं आता, तब तक हर ओर स्वच्छता देखने को नहीं मिल सकती है। अपने वातावरण और देश को स्वच्छ बनाने के लिए हर एक को प्रयास करना पड़ेगा। लोगों की इसी सोच में बदलाव लाने का काम पुणे में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहे हैं। उन्होंने खुद से कचरा साफ करने का एक अनोखा अभियान चला रखा है, जिसे देखकर बाकी लोग भी उनसे स्वच्छता की प्रेरणा ले रहे हैं।
पुणे के इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर का नाम विवेक गुरव बताया जा रहा है। इनकी उम्र 24 साल की है। कॉलेज के समय से ही ये अपने वातावरण को साफ और स्वस्थ बनाने के काम में जुटे हुए हैं। जब वे कॉलेज में थे, तभी वे स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ गए थे। उन्होंने ठान लिया था कि वे अपने स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक बनाने का काम करेंगे।
आजकल प्लॉगिंग का कंसेप्ट पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह ट्रेंड भी कर रहा है। विवेक ने इसी ट्रेंड को अपने स्वच्छता अभियान के लिए अपनाया है। वे पुणे को प्लास्टिक से फ्री करना चाहते हैं और यह भी उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में पुणे पूरी तरह से साफ-सुथरा नजर आएगा। इसलिए उन्होंने भी प्लॉगिंग को अपना लिया है। प्लॉगिंग में लोग जब सुबह के वक्त जोगिंग करते हैं तो उस दौरान तेजी से दौड़ते हुए वे रास्ते में पड़े कचरे भी बीनते जाते हैं। इस तरह से वे न केवल जॉगिंग करते हैं, बल्कि स्वच्छता में अपना योगदान भी देते हैं। इससे स्वच्छता के साथ वे अपने शरीर के लिए अच्छी फिटनेस भी सुनिश्चित करते हैं।
बताया जाता है कि विवेक ने वर्ष 2019 के जून में इस तरह के 10 प्लॉगिंग अभियान चलाए। इस दौरान जॉगिंग करते वक्त सभी ने मिलकर पुणे शहर से प्लास्टिक, पॉलिथीन, कांच की बोतल, और रैपर पैक जैसे कचरे चुन-चुन कर जमा किए। यही नहीं, उन्होंने पुणे प्लाॉगर्स के नाम से एक अभियान भी शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि अब तक इससे 500 से भी अधिक लोग जुड़ चुके हैं। ये सभी लोग प्लॉगिंग कर रहे हैं। इस दौरान वे अपने-अपने इलाके में कचरा चुनते जाते हैं और बाकी लोगों को भी इसके लिए जागरूक करते रहते हैं।
अपने अभियान के तहत सभी लोग हर शनिवार को मिलते हैं। इस दौरान वे अलग-अलग टीम बना लेते हैं और शहर में 6 जगहों पर प्लॉगिंग ड्राइव चलाते हैं। यही नहीं, रविवार का दिन वे उन इलाकों को चुनते हैं, जहां पर अधिक वक्त लगने वाला है। फिलहाल मुठा नदी के किनारे ये लोग अपने इस अभियान को चला रहे हैं। विवेक के मुताबिक अब तक 100 से भी अधिक प्लॉगिंग ड्राइव उनकी ओर से चलाए जा चुके हैं। यही नहीं, इन सभी ने मिलकर अपने इस अभियान के तहत अब तक 50 हजार किलोग्राम से भी अधिक कचरा जमा कर लिया है।
ऐसा नहीं है कि पुणे प्लाॉगर्स केवल कचरा जमा करने का ही काम कर रहा है, बल्कि वह इसे सही तरीके से निपटाने में भी लगा हुआ है। टीम कचरा जमा करने के बाद इसे अलग-अलग श्रेणी में भी बांट देती है। इसके बाद इसे रिसाइकल करने वालों के पास भेज दिया जाता है। इस बारे में इस अभियान को चलाने वाले विवेक का कहना है कि पर्यावरण और देश को साफ रखने की जिम्मेवारी हम केवल सरकार पर ही नहीं थोप सकते। यह तो इस देश के हर नागरिक का कर्तव्य है। हममें से हर कोई यदि अपने आसपास स्वच्छता के प्रति जागरूक हो जाए तो हमें कहीं भी गंदगी पसरी हुई नजर ही नहीं आएगी।
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